नमस्कार दोस्तों, आप सीमेंट के बारे में तो भली-भाँती परिचित ही हैं जोकि हमारे पक्के घरों को मजबूती देने के अलावा दुनियाभर में बड़ी-बड़ी गगनचुंबी इमारतें, पुल एवं सड़कों के निर्माण के रूप में सबसे अधिक प्रयोग किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सीमेंट कैसे बनाया जाता है | सीमेंट का आविष्कार किसने किसने किया? नहीं जानते तो इस आर्टिकल को आगे पढ़ते रहिये क्योंकि यहाँ हम आपको सीमेंट से जुडी आवश्यक एवं सटीक जानकारी बहुत ही सरलतम रूप में बताने जा रहे हैं।
अनुक्रम
सीमेंट क्या होता है – What is cement in hindi
सीमेंट एक प्रकार का महीन यानिकि बारीक पाउडर होता है जोकि निर्माण कार्यों (इमारतें, सडक एवं पुल आदि) में मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है। इस सीमेंट पाउडर को विशेष प्रकार के पत्थरों एवं मिट्टी (चुना-पत्थर, शैल पत्थर, लाल मिटटी, चिकनी मिट्टी और लेटराइट आदि) द्वारा अधिक ताप पर गर्म करके कई प्रक्रियाओं के द्वारा बनाया जाता है।
सीमेंट कैसे बनाया जाता है – How to make cement in hindi
सीमेंट बनाने के लिए प्राकृतिक रूप से चार प्रकार के कच्चे माल यानिकि पहला चुना-पत्थर जिसमे कैल्शियम और कार्बोनेट की अधिक मात्रा होती है। दूसरी लाल मिटटी एवं तीसरा शैल पत्थर जोकि आमतौर घरों में लेंटर डालने के लिए काली-गिट्टी के रूप में प्रयोग की जाती है वहीं चौथा लेटराइट होता है जोकि दिखने में बिलकुल लाल मिटटी की तरह ही होता है।
उपर्युक्त कच्चा माल यानिकि मिट्टी को ज़मीन से खोदकर एवं पत्थरों को पहाड़ों को तोड़कर भारी-भरकम वाहनों द्वारा सीमेंट बनाने की फैक्ट्रीयों तक लाया जाता है। इसके बाद इन सभी कच्ची सामिग्रियों को बड़े-बड़े क्रशरों से अलग-अलग पीसा जाता है। इस कच्चे माल के पिसने के बाद इसे आपस में मिलाकर विशालकाय भट्टी से गुजारा जाता है; जिसका तापमान 1400 डिग्री सेल्सियस से लेकर 1600 डिग्री सेल्सियस तक होता है। इस अधिकतम ताप की भट्टी में यह कच्चा माल पककर लोहे की तरह मजबूत बन जाता है और इस प्रक्रिया के चलते कच्चे माल (मिट्टी और पत्थरों) के नेचुरल कंपाउंड टूटकर अलग हो जाते हैं और इस पके हुए मिश्रण में एक नया कंपाउंड पैदा हो जाता है जोकि निर्माण कार्य मतलब इमारतें बनाने हेतु सक्षम बन जाता है।
जब यह पका हुआ मिश्रण विशालकाय भट्टी से छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में बाहर निकलता है तो इन्हें क्लिंकर कहा जाता है। जिसके बाद इन छोटे-छोटे टुकड़ों (क्लिंकर्स) को बड़े-बड़े ग्राइंडर्स द्वारा बारीक पीस लिया जाता है और इस बारीक पाउडर में जिप्सम पाउडर भी मिला दिया जाता है ताकि सीमेंट पानी के संपर्क में आते ही जल्दी से गाड़ा होकर सूख न जाए। और इसी तरह सीमेंट तैयार हो जाता है जिसे पैकिंग करने के बाद बाज़ारों एवं निर्माण-स्थानों पर सीधे भेज दिया जाता है।
अच्छी गुणवत्ता के आधार पर सीमेंट को तीन भागों में बाँटा जाता है जोकि ग्रेड-33, ग्रेड-43 और ग्रेड-53 होते हैं। इसमें ग्रेड-33 का सीमेंट सामान्य घरों में तो वहीं ग्रेड-43 और ग्रेड-53 का सीमेंट बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों एवं पुलों के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा दुनियाभर में कई प्रकार के सीमेंटों का निर्माण किया जाता है जैसे कि रैपिड हार्डनिंग सीमेंट, वॉटर रिप्लेंट सीमेंट, वाइट सीमेंट, हाई एलुमिना सीमेंट, लो हीट सीमेंट और कलर सीमेंट आदि।
सीमेंट का आविष्कार किसने किया – Who invented cement in hindi
सीमेंट के आविष्कार का श्रेय इंग्लैंड के निवासी जोसेफ एस्पडिन (Joseph Aspdin) को दिया जाता है जोकि एक बिल्डर होने के साथ-साथ इमारते बनाने का काम भी करते थे। जोसेफ ने वर्ष 1811 में भवन-निर्माण हेतु सामग्री बनाने के लिए काम शुरू किया और वर्ष 1824 में चुना पत्थर और बारीक मिट्टी के लेप को भट्टी के अधिक ताप पर गर्म किया और एक नए कंपाउंड वाला मिश्रण तैयार किया; जिसे बारीक पीसकर एक पाउडर के रूप में तैयार किया। जिसका नाम पोर्टलैंड सीमेंट रखा और जोसेफ ने यह नाम इंग्लैंड में मौजूद पोर्टलैंड पहाड़ी के आधार पर रखा जोकि उनके द्वारा बनाए गए सीमेंट के रंग की जैसी ही दिखती थी।
यह पोर्टलैंड सीमेंट आविष्कार के बाद से ही इमारतों के निर्माण में प्रमुख रूप से सहायक होने लगा; जिसके चलते जोसेफ एस्पडिन ने इस पोर्टलैंड सीमेंट के अविष्कार को अपने नाम पेटेंट करवा लिया। हालाँकि यह पोर्टलैंड सीमेंट आधुनिक सीमेंट से अलग था लेकिन इसी विधि के आधार पर आधुनिक सीमेंट बनाया जाता है।
बता दें कि वर्ष 1824 जोसेफ एस्पडिन के द्वारा इस पोर्टलैंड सीमेंट को अपने नाम पर पेटेंट करवाने के बाद भी इस सीमेंट की निर्माण विधि में लगातार बदलाव होते हुए काम होता रहा। जिसमे वर्ष 1845 में आईजैक चार्ल्स जॉनसन ने चाक और कई प्रकार की मिट्टी के मिश्रण को लगभग 1400-1600 डिग्री सेल्सियस तापमान पर जलाकर आधुनिक पोर्टलैंड सीमेंट का निर्माण किया। जिसके बाद दुनियाभर में अधिकता में सीमेंट की फैक्ट्रीयाँ स्थापित होने लग गई थीं।
जान लें कि सीमेंट की खोज के सैकड़ों वर्षों पहले से ही राजा महाराजों एवं शासकों द्वारा भव्य स्मारक एवं विशालकाय कलाकृतियों को बड़े-बड़े पत्थरों को एक खास तरह के लेप यानिकि पेस्ट द्वारा आपस में चिपकाकर बनाया जाता था। जिनकी मजबूती आज भी देखते ही बनती है जैसे कि ताजमहल, लालकिला, कुतुबमीनार स्मारक आदि।
भारत में सीमेंट उद्योग का इतिहास – History of cement in India Hindi
भारत में सबसे पहले सीमेंट का उत्पादन वर्ष 1904 में ‘साउथ इंडिया इंडस्ट्रीयल लिमिटेड’ कम्पनी ने मद्रास (चेन्नई) के पास बनाना शुरू किया। लेकिन कुछ ही समय बाद यह कंपनी कुछ कारणों से फ़ैल हो गई। फिर सन 1912 से 1913 के बीच गुजरात के पोरबंदर में ‘द इंडियन सीमेंट लिमिटेड’ कंपनी ने एक सीमेंट निर्माण कंपनी की स्थापना की जोकि अगले वर्ष ही 1000 टन सीमेंट उत्पादित करने में सफल रही। इसके बाद भारत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट निर्माता देश बन गया है।
यदि भारत की कुछ मशहूर सीमेंट उत्पादक कंपनियों की बात करें तो यह अल्ट्राटेक सीमेंट, अम्बुजा सीमेंट, एसीसी सीमेंट, जेके सीमेंट और श्री सीमेंट आदि हैं।
सीमेंट के उपयोग – Use of cement in hindi
वर्तमान समय में सीमेंट के बिना निर्माण कार्य हेतु सोचना बहुत मुश्किल लगता है क्योंकि पूरी दुनिया के निर्माण कार्य सीमेंट के उपयोग पर मुख्य रूप से निर्भर है –
- गाँव में छोटे-छोटे पक्के मकान, नालियाँ, गलियां एवं सड़क आदि को बनाने के लिए सीमेंट का उपयोग किया जाता है।
- शहरों में बड़ी-बड़ी सड़कें, घर एवं कार्यालय हेतु निर्माण सीमेंट के माध्यम से ही किया जाता है।
- पुल, बाँध एवं विशालकाय प्रकार के निर्माण सीमेंट के माध्यम से ही किये जाते हैं।
FAQs –
Ans. सीमेंट की सर्वप्रथम खोज इंग्लैंड के निवासी जोसेफ एस्पडिन ने वर्ष 1824 में की थी।
Ans. भारत में पहला सीमेंट उद्योग वर्ष 1904 में ‘साउथ इंडिया इंडस्ट्रीयल लिमिटेड’ कम्पनी द्वारा मद्रास (चेन्नई) में खोला था जोकि असफल रहा था। जिसके बाद वर्ष 1912-13 के बीच ‘द इंडियन सीमेंट लिमिटेड’ कंपनी ने गुजरात के पोरबंदर में सीमेंट कंपनी की शुरुआत की जोकि सफल रही थी।
Ans. सीमेंट बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में मिट्टी और पत्थरों (चुना-पत्थर, शैल पत्थर, लाल मिटटी, चिकनी मिट्टी और लेटराइट आदि) का इस्तेमाल किया जाता है।
Ans. दुनियाभर में सीमेंट कई प्रकारों के रूप में बनाया जाता है जैसे कि रैपिड हार्डनिंग सीमेंट, वॉटर रिप्लेंट सीमेंट, वाइट सीमेंट, हाई एलुमिना सीमेंट, लो हीट सीमेंट और कलर सीमेंट आदि प्रकार हैं।
Ans. सीमेंट के मुख्य रूप से मजबूती के आधार पर तीन ग्रेड होते हैं जोकि ग्रेड 33, ग्रेड 43 और ग्रेड 53 होते हैं।
Ans. सीमेंट का ग्रेड पता करने के लिए सीमेंट खरीदते दौरान पैकेजिंग पर साफ़ तौर से लिखा होता है। जिसे पढ़कर आसानी से सीमेंट का ग्रेड पता लगाया जा सकता है।
Ans. यदि आप किसी भी मौसम में सीमेंट को पैकेजिंग से बाहर निकालकर अपने हाथों में पकड़ेंगे तो वह आपको ठंडा महसूस होगा तो वह असली सीमेंट है और वहीं हाथों से पकड़ने पर सीमेंट गर्म महसूस होता है तो वह नकली सीमेंट होता है। इसके अलावा असली सीमेंट का रंग पूरी तरह से एक जैसा होता है।
Ans. सीमेंट की क्वालिटी ग्रेड के आधार पर मापी जाती है; जिसमे ग्रेड-53 का सीमेंट सबसे अच्छा होता है।
Ans. भारत में सीमेंट उत्पादन का प्रथम राज्य गुजरात है।
Ans. भारत में सर्वाधिक सीमेंट का उत्पादन आंद्रप्रदेश राज्य में होता है।
The Conclusion –
इस आर्टिकल को यहाँ तक पूरा पढने के बाद आपने सीमेंट (Cement in hindi) के बारे में विस्तारपूर्वक जाना है। जिसमे हमने सीमेंट कैसे बनाया जाता है | सीमेंट का आविष्कार किसने किसने किया? और इसके अलावा सीमेंट क्या होता है? (Cement kya hota hai), सीमेंट के उपयोग क्या हैं? (Cement ke upyog kya hai), सीमेंट का इतिहास (History of Cement in hindi), सीमेंट के घटक (Cement ke ghatak), सीमेंट का रासायनिक संगठन (Cement ka rasayanic sangthan), सीमेंट में क्या-क्या पड़ता है? (Cement me kya padta hai) और अल्ट्राटेक सीमेंट कैसे बनता है? (Ultratech cement kaise banta hai) यह जानकारी भी साझा की है।
इस आर्टिकल सीमेंट कैसे बनाया जाता है | सीमेंट का आविष्कार किसने किसने किया? को लेकर यदि आपके मन में किसी भी प्रकार के सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
इन सभी के अलावा सीमेंट (Cement meaning in hindi) से जुडी यह जानकारी से आपको कुछ नया सीखने को मिला हो तो इसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जरूर शेयर करें।
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