हवा महल का इतिहास | Hawa Mahal in hindi

नमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको भारत की अनूठी संस्क्रति से जुड़े राजस्थान राज्य की शान हवा महल का इतिहास | Hawa Mahal in hindi एवं हवा महल से जुडी रोचक जानकारी सटीक रूप से बताने जा रहे हैं। इसके अलावा हम हवा महल का निर्माण किसने, कब और क्यों करवाया? हवा महल की सभी मंजिलों की जानकारी एवं हवा महल कहाँ है? यह सभी विस्तारपूर्वक बताने जा रहे हैं।

हवा महल क्या है और कहाँ स्थित है – What is Hawa Mahal | Where is Hawa Mahal

हवा महल जयुपर (राजस्थान) के शासक महाराज सवाई प्रताप सिंह  द्वारा बनवाई गई पाँच मंजिलों वाली सैकड़ों खिडकियां एवं झरोखे (जालीनुमा खिडकियां) द्वारा बनी बेहद खूबसूरत वस्तुकला है जोकि चूने, लाल और गुलाबी बलुआ पत्थरों द्वारा निर्मित महल है; जिसकी सुन्दरता आज भी देखते ही बनती है। इसी कारण हर वर्ष इस हवा-महल (Palace Of Winds) को देखने के लिए लाखों की संख्या में देशी एवं विदेशी पर्यटक आते हैं। हवा महल की ऊपरी मंजिल से पूरे शहर का नजारा गेरुआ रंग (जिसे अधिकांश रूप से गुलाबी रंग कहते हैं।) के रूप में बेहद खूबसूरत दिखता है।

हवा महल राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर (पिंक सिटी) के बीचों-बीच के सिटी पैलेस परिसर के पास बड़ी चौपड़, जे.डी.ए. मार्केट में मौजूद है।

हवा महल का इतिहास क्या है – History of Hawa Mahal in hindi

भारत में राजा-रजवाड़ों के समय एवं अन्य कई वर्गों में महिलाओं द्वारा पर्दा या घूंगट प्रथा यानिकी मुख्य रूप से घर के अन्दर रहने की ही परम्परा थी और कहीं बाहर आने-जाने की मनाही होती थी। इसी कारण महिलायें घर के बाहर बाज़ारों में हो रहे महोत्सवों (कार्यक्रम) का आनंद नहीं उठा पाती थीं।

यदि हवा महल के बनने के इतिहास की बात करें तो राजा सवाई प्रताप सिंह ने पर्दा प्रथा को बरकरार रखते हुए अपनी रानियों के लिए एक ऐसा महल बनवाने का निर्णय लिया; जिस महल में सभी रानियाँ बिना किसी की नजर में आये बाहर बाज़ार के महोत्सवों एवं कार्यक्रमों का लुफ्त उठा सकें।

इसके लिए महाराज सवाई प्रताप सिंह ने वास्तुकार (Architect) लाल सिंह उस्ता को एक ऐसा महल बनाने का काम दिया जिसमे बहुत अधिक खिड़कियाँ एवं झरोखें हों; जिससे कि अन्दर से बाहर की चीजें आसानी से दिख सकें और वहीं बाहर से अन्दर की चीजें न दिखें।

जिसके बाद वर्ष 1799 में विशाल एवं भव्य पाँच-मंजिल नुमा महल तैयार हुआ। जिसमे 365 खिडकियां एवं 953 झरोखे (जालीनुमा खिडकियां) मौजूद थे; जिससे कि इस पूरे महल में चारों ओर से आसानी से हवा फ्लो हो सकती थी और यह महल अधिक धूप एवं गर्मियों में भी अधिक ठंडा रहता था; इसी कारण इसका नाम हवा महल (पैलेस ऑफ़ विंड्स) रख दिया गया। इसके अलावा इस महल के परिसर में हवाओं को ठंडा रखने के लिए एक फव्वारा भी लगाया गया था जोकि आज भी देखा जा सकता है।

इस महल के तैयार होने के बाद अन्दर रहते हुए रानियाँ बाज़ार की गतिविधियां को दूसरों की नज़र में आये बिना आसानी से देख या निहार सकती थीं। यानिकि इस महल का निर्माण रानियों द्वारा बाहर के महोत्सव एवं अन्य नजारों को देखने की जिद का कारण करवाया गया था। जिसमे अधिक रूप से खिडकियाँ एवं झरोखे (Jharokhas) लगे हुए थे। इसके अलावा राजा सवाई प्रताप सिंह इस हवा महल का उपयोग अपने लेखन-कार्य एवं विश्राम के लिए भी करते थे।

बता दें कि महाराज सवाई प्रताप सिंह की भगवान कृष्ण में गहरी आस्था थी इसी कारण हवा महल का बाहर से दिखने वाला मुख्य हिस्सा भगवान कृष्ण के मुकुट के आधार पर बनाया गया है यानिकि हवा महल दूर से देखने पर कृष्ण-मुकुट की तरह दिखता है।

इसके अलावा यह भी जान लें की इस महल का बाहर रोड की तरफ से दिखने वाले हिस्से की तरफ से कोई सीधे तौर पर एंट्री नहीं है। इसीलिए इस महल में प्रवेश करने के लिए पीछे से जाया जाता है। जिसके दो एंट्री गेट हैं; जिनका नाम आनन्दपोलि द्वार और चन्द्रपोलि द्वार हैं। इसका मतलब यह है कि हम जिस हवा महल को बाहर रोड से देखते हैं वह इस महल का पिछला हिस्सा है और इसका मुख्य एवं सामने के हिस्सा पीछे की ओर से है।

हवा महल का निर्माण किसने और कब बनवाया – Who built Hawa Mahal in hindi

हवा महल (Hawa Mahal) का निर्माण वर्ष 1799 में महाराज सवाई प्रताप सिंह द्वारा करवाया गया था जोकि मशहूर वास्तुकार (आर्किटेक्ट) लाल सिंह उस्ता द्वारा डिज़ाइन किया गया था।

हवा महल की मंजिलों के नाम – Name of the all floors of Hawa Mahal in hindi

हवा महल दुनिया का इकलौता इतना ऊंचा महल है; जिसका कोई नींव नहीं है यानिकी यह महल बिना फाउंडेशन के बना हुआ है जोकि पाँच मंजिलों के साथ 15 मीटर (लगभग 50 फीट) ऊँचाई पर पिरामिड नुमा आकर में स्थित भव्य महल बना हुआ है। इस महल की सभी मंजिलों (फ्लोर्स) के अलग-अलग मंदिर के रूप में नाम दिए गए हैं।

  • हवा महल की पहली मंजिल – शरदमंदिर (SHARAD MANDIR)
  • हवा महल की दूसरी मंजिल – रतनमंदिर (RATAN MANDIR)
  • हवा महल की तीसरी मंजिल – विचित्रमंदिर (VICHITRA MANDIR)
  • हवा महल की चौथी मंजिल – प्रकाशमंदिर (PRAKASH MANDIR)
  • हवा महल की पाँचवी मंजिल – हवामंदिर (HAWA MANDIR)

हवा महल कितने बजे तक खुलता है और इसकी टिकेट कितने की है

हवा महल (Hawa Mahal) सुबह 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक सभी पर्यटकों के लिए खुला रहता है। जिसमे भारतीय पर्यटकों के लिए 50 रुपये टिकेट वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए 200 रुपये की टिकेट होती है।

FAQs – अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न – हवा महल कहाँ स्थित है?

उत्तर – हवा महल राजस्थान की राजधानी जयपुर के बीचों-बीच स्थित है।

प्रश्न – हवा महल का निर्माण किसने करवाया?

उत्तर – हवा महल का निर्माण राजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा वर्ष 1799 में करवाया गया था।

प्रश्न – हवा महल की ऊंचाई कितनी है?

उत्तर – हवा महल की 15 मीटर (लगभग 50 फीट) ऊंचाई है।

प्रश्न – हवा महल की पहली मंजिल का क्या नाम है?

उत्तर – हवा महल की पहली मंजिल का नाम शरद/ प्रताप मंदिर है।

प्रश्न – हवा महल में कितनी खिडकियां है?

उत्तर – अधिकारिक रूप से हवा महल में 365 खिडकियां एवं 953 झरोखे (जालीदार खिड़कियाँ) मौजूद हैं।

प्रश्न – हवा महल कितने मंजिल का है?

उत्तर – हवा महल में कुल पाँच मंजिलें मौजूद हैं।

प्रश्न – हवा महल की पांचो मंजिलों के नाम क्या क्या है?

उत्तर – हवा महल की पांचों मंजिलों का नाम नीचे से ऊपर की ओर क्रमशः शरदमंदिर, रतनमंदिर, विचित्रमंदिर, प्रकाशमंदिर और हवामंदिर हैं।

प्रश्न – हवा महल में कौन रहता है?

उत्तर – वर्तमान समय में हवा महल में कोई नहीं रहता है क्योंकि यह महल अब एक पर्यटक स्थल बन चूका है। इसी कारण इसके रखरखाव के लिए कर्मचारी एवं सुरक्षाकर्मी रहते हैं।

प्रश्न – जयपुर रेलवे स्टेशन से हवा महल कितनी दूर है?

उत्तर – जयपुर रेलवे स्टेशन से हवा महल की दूरी लगभग 5-6 किमी० है।

निष्कर्ष – The Conclusion

इस लेख में आपने हवा महल (Hawa Mahal history in hindi) के बारे में सटीकता से जाना है।  जिसमे हमने हवा महल का इतिहास | Hawa Mahal in hindi और इसके अलावा हवा महल कहाँ है (Where is Hawa Mahal), हवा महल कब बना था (When did make Hawa Mahal) और हवा महल की सभी मंजिलों की जानकारी को सरलतम रूप में बताया है।

इस लेख हवा महल का इतिहास | Hawa Mahal in hindi को यहाँ तक पूरा पढने के बाद यदि आपका इस लेख से सम्बंधित किसी भी प्रकार का सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।

इसके अलावा हवा महल (Hawa Mahal in hindi) से जुडी यह जानकारी आपको ज्ञानवर्धक लगी हो और कुछ नया सीखने को मिला हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ नीचे दिए सोशल मीडिया बटन्स के माध्यम से जरूर शेयर करें।

अन्य पढ़ें –

Leave a Reply