गाढे एवं चिपचिपाहट से भरपूर पोषक तत्वों वाले शक्कर युक्त शहद (हनी) को भला कौन नहीं जानता है; जिसे भोजन एवं भारत में आमतौर पर औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शहद कैसे बनता है | How honey is made in hindi नहीं जानते तो इस लेख में बने रहिए क्योंकि यहाँ आप शहद से जुडी रोचक एवं आवश्यक जानकारी को सटीक रूप में पढने वाले हैं।
शहद क्या होता है – What is honey in hindi
शहद (Honey) शक्कर जैसा मीठा, अधिक गाढ़ा एवं चिपचिपाहट भरा तरल पदार्थ होता है जोकि कई गुणों एवं पोषक तत्वों से भरपूर होता है। मधुमक्खियों (Bees) द्वारा बनाए गए इस शहद (मधु) को पश्चिमी देशों में आमतौर पर भोजन के रूप में खाया जाता है और वहीं भारत में इसको सेवन करने के अलावा औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
शहद कैसे बनता है – Honey kaise banta hai
मिठास से भरपूर शहद (Honey) की निर्माण मधुमक्खियों (Bees) द्वारा किया जाता है मतलब शहद बनाने के लिए मधुमक्खियाँ सबसे पहले वाष्पीकरण द्वारा निकले फूलों का रस को चूसती हैं जोकि मधुमक्खी की लार (Saliva) में मौजूद एंग्जाइम (ग्लूकोस और एकलशर्करा फ्रक्टोज) इस रस को मधुमक्खी के पेट में जाते-जाते शुगर के रूप में बदल देते हैं क्योकि इस सुगर-युक्त तरल में पानी की अधिक मात्रा होती है; इसी कारण मधुमक्खी इस पूरे तरल को पचा नहीं पाती है और थोडा-बहुत पानी अवशोषित कर इस गाढे तरल को अन्य मधुमक्खियों के पास छत्ते (Comb) में छोड़ देती है।
मधुमक्खियों के छत्ते (Honeycomb) में छोड़े गए इस तरल पदार्थ में अभी भी पानी की मात्रा लगभग 70-80 प्रतिशत होती है; इसी कारण एक मधुमक्खी द्वारा उल्टी किये गए इस पानी-युक्त तरल पदार्थ को छत्ते में मौजूद दूसरी मधुमक्खी चूस लेती है। इसी प्रकार इस एक तरल को कई मधुमक्खियों द्वारा बारी-बारी से चूसकर पानी को अवशोषित किया जाता है और पेट से बाहर निकाला जाता है और यह प्रक्रिया तब तक की जाती है कि जब तक तरल से 80 प्रतिशत पानी समाप्त न हो जाए और इसी प्रकार मधुमक्खियों (Bees) द्वारा हमें शुद्ध शहद (Pure Honey) प्राप्त हो पाता है। मतलब हम कह सकते हैं मीठा, शुद्ध एवं गुणवत्ता भरा शहद मधुमक्खियों की उल्टियों द्वारा तैयार किया जाता है।
दुनियाभर में मधुमक्खियों की लगभग बीस हजार प्रकार की प्रजातियाँ पायी जाती हैं; जिनमे महज कुछ प्रकार की मधुमक्खियाँ ही मिठास भरे इस शहद का निर्माण करती हैं। मोम से बने एक छत्ते (Comb) में आमतौर पर 50-60 हजार मधुमक्खियाँ (नर-मादा) होती हैं और पूरे छत्ते में एक रानी मधुमक्खी (Queen Bee) होती है जोकि केवल अंडे देने का काम करती है और बाकी की सभी मधुमक्खियाँ मजदूरों की तरह केवल शहद बनाने का काम करती हैं। रानी मधुमक्खी अपने जीवन-काल में केवल एक बार नर-मधुमक्खी के साथ सम्भोग करती है और इसके अलावा हर दिन में लगभग 2 हजार अनफर्टीलाइज अंडे पैदा कर सकती है। रानी मधुमक्खी 2-3 वर्ष तक जीवित रहती हैं तो वहीं बाकी की सभी मधुमक्खियाँ (नर-मादा) 42-45 दिन तक ही प्राकृतिक रूप से जीवित रहती हैं।
मुख्य रूप से केवल मादा-मधुमक्खियाँ ही शहद (हनी) बनाने का काम करती हैं और नर-मधुमक्खी केवल शहद खाने का काम करती हैं। मधुमक्खियाँ फूलों से रस की तलास में अपने छत्ते से लगभग तीन किमी० तक की दूरी तय कर लेती हैं और एक बार में 50-100 फूलों का रस चूसकर अपने पेट में इकठ्ठा कर लेती हैं। जिसके बाद वापिस छत्ते में आने के बाद कुछ रस को भोजन के रूप में खाने के बाद बाकी का पूरा पानी-युक्त रस छत्ते में निकाल देती हैं।
सरसों के फूलों द्वारा शहद का उत्पादन –
वर्तमान समय में शहद दो प्रकार से तैयार किया जाता है; जिसमे पहला जंगलों एवं पहाड़ों में मधुमक्खियों द्वारा खुद से छत्ते बनाकर शहद इकठ्ठा करना और दूसरा मधु-पालकों द्वारा मधुमक्खियों को डिब्बों में बंद करके शहद बनाना है। चलिए जानते हैं कि मधु-पालकों द्वारा सरसों के खेत के फूलों से शहद किस प्रकार बनाया जाता है?
मधु-पालक सरसों के खेत के पास में सैकड़ों की संख्या में मधुमक्खियों से भरे डिब्बे (बॉक्स) रख देते हैं। जिसके बाद इन डिब्बों से मधुमक्खियाँ बाहर निकलकर सरसों के फूलों पर जाती हैं और वहां से पराग (Pollen) और रस चूसकर वापिस डिब्बे में मौजूद छोटे-छोटे जालीनुमा फ्रेम में लाकर जमा कर देती हैं और डिब्बे में मौजूद बाकी की मधुमक्खियाँ शहद बनाना शुरू कर देती हैं। बता दें कि एक डिब्बे की मधुमक्खी किसी अन्य डिब्बे में नहीं घुसती है क्योंकि हर डिब्बे के बाहर सैनिक मधुमक्खी बैठी होती हैं जोकि अपने डिब्बे के अलावा अन्य मधुमक्खियों को अन्दर घुसने नहीं देती हैं।
जब सभी मधुमक्खियों द्वारा मिलकर तरल पदार्थ (शहद) में से 80 प्रतिशत पानी कम कर दिया जाता है और मधुमक्खियों द्वारा छत्ते को सील कर दिया जाता है जोकि उच्च क्वालिटी का शहद बन जाता है। इसके बाद डिब्बों से फ्रेमनुमा छत्तों को बाहर निकालकर मधुमाक्खियो को हटाकर मशीन द्वारा शहद निकाल लिया जाता है।
बता दें कि सरसों के फूलों से बना शहद का रंग सफ़ेद होता है जोकि ठंडे तापमान में जमकर रवा-दार घी की तरह दाने-दार बन जाता है। सरसों से बने इस शहद को क्रीम-हनी कहा जाता है जोकि भारत में बनाकर मुख्य रूप से विदेशों में निर्यात किया जाता है। सरसों की एक फसल से मधु-पालक एक डिब्बे से 5-6 बार शहद निकाल लेते हैं।
शहद कितने प्रकार का होता है – All type of honey in hindi
उपयुर्क्त लेख को पढ़कर आप जान गए होंगे कि शहद (हनी) को मधुमक्खियाँ द्वारा बनाया जाता है लेकिन मधुमक्खियों के भिन्न-भिन्न प्रकार के फूलों (Flowers) के माध्यम से लिए गए रसों से हमें अलग-अलग रंग एवं अलग-अलग स्वाद के शहद देखने को मिलते हैं।
प्राकृतिक रूप से शहद दो प्रकार के होते हैं; जिसमे पहला बहु-पुष्प शहद (Multi-floral Honey) और दूसरा एक-फूल वाला शहद (Uni-floral Honey) होता है।
- बहु-पुष्प शहद (Multi-floral Honey) – इस प्रकार के शहद को मधुमक्खियाँ अलग-अलग प्रकार के फूलों से बनाती हैं जोकि आमतौर पर एक ही रंग का शहद होता है। यह शहद मल्टीफ्लोरा शहद, वाइल्ड-फोरेस्ट शहद और हिमालयन शहद आदि होते हैं।
- एक-फूल वाला शहद (Uni-floral Honey) – इस प्रकार का शहद केवल मधु-पालकों द्वारा ही बनाया जाता है क्योंकि इस प्रकार का शहद बनाने के लिए मधुमक्खियों को केवल एक प्रकार के फूल ही दिए जाते हैं जोकि एक ही रंग एवं फूल के स्वादानुसार शहद बनाती है। यह शहद सरसों शहद, अजवाइन शहद, लीची शहद, बबूल शहद एवं सौंप शहद आदि होते हैं।
FAQs – अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
Ans. मधुमक्खी जब भोजन हेतु फूलों का रस चूसने जाती है तो वह पानी-युक्त पूरा रस पचा नहीं पाती है; जिसके बाद वह उस रस को वापिस अपने छत्ते में आकर निकाल देती है जिसे छत्ते की अन्य मधुमक्खियाँ चूस लेती हैं। इस तरल-पदार्थ (शहद) में पानी की अधिकता के कारण कई मधुमक्खियाँ बारी-बारी से तरल (शहद) को चूसती हैं और बाहर निकालती हैं और अंत में 80% तक पानी समाप्त होने के बाद शुद्ध रूप से शहद (हनी) बन जाता है।
Ans. शहद दुनियाभर में भोजन के रूप में खाया जाता है और वहीं इसे एक औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
Ans. असली शहद सालों-साल ख़राब नहीं होता है और उसमे बदबू भी नहीं आती है। सरसों से बना सफ़ेद रंग का शहद कम तापमान होने पर जम जाता है।
Ans. शहद में चीनी आदि द्वारा मिलावट करने एवं धूप या ठंडक में बार-बार रखने से ख़राब होने की पूरी संभावना होती है।
Ans. मधुमक्खी अपने साथियों के साथ मिलकर तरल पदार्थ (शहद) को चूसकर बार-बार उल्टी करके उसमे मौजूद 80 प्रतिशत तक पानी ख़तम करके शहद बनाती हैं।
Ans. एक बड़े आकार के छत्ते में 50-60 हजार तक मधुमक्खियाँ होती हैं।
Ans. मधुमक्खी के छत्ते से शहद मधुमक्खियों द्वारा छत्ते को सील कर देने के बाद निकालना चाहिए।
Ans. शहद के कई फायदे हैं जैसे कि इसका सेवन करने से शरीर रोग-मुक्त होकर ताक़त बढती है वहीं इसका अधिकता में सेवन करने से शरीर को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इस लेख के द्वारा आपने क्या सीखा?
इस लेख को यहाँ तक पढने के बाद आपने शहद के निर्माण (how to make honey in hindi) के बारे में बहुत ही सरलतम शब्दों में जाना है। इस लेख में इतना ही जिसमे हमने शहद कैसे बनता है | How honey is made in hindi और इसके अलावा शहद क्या होता है? (Shahad kya hota hai), शहद कैसे बनता है? (Shahad kaise banta hai), शहद कितने प्रकार का होता है? (Shahad kitne prakar ka hota hai), मधुमक्खी शहद क्यों बनाती है? (Madhumakkhi Shahad kyon banati hai), शहद के फायदे और नुकसान (Benefits and Harm of honey in hindi), मधुमक्खी शहद कैसे बनाती हैं? (How honey bees make honey), How to make honey के बारे में भी विस्तारपूर्वक सरलतम रूप में बताया है।
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