पेंसिल का आविष्कार कब और कहाँ हुआ जाने पूरा इतिहास

हम रंग-बिरंगी दिखने वाली पेन्सिल्स (Pencils) का इस्तेमाल तो बचपन से ही करते आ रहे हैं जोकि रबड़ द्वारा आसानी से मिट जाने के कारण छोटे बच्चों के लिए अधिक उपयोगी बन जाती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पेंसिल का आविष्कार कब और कहाँ हुआ जाने पूरा इतिहास क्या है? नहीं जानते हो तो इस आर्टिकल में बने रहिये क्योंकि यहाँ आप पेंसिल से जुड़े आवश्यक एवं रोचक तथ्योंकी जानकारी को बहुत ही आसान शब्दों में जानने वाले हैं।

पेंसिल क्या होती है – What is pencil in hindi

पेंसिल लिखने एवं चित्र बनाने में काम आने वाली कलम (Pen) के आकार की पतली एवं सामान्यत: गोल आकर की एक छड होती है जिसके अन्दर ग्रेफाइट (Graphite) की एक लीड (रोड) डली होती है। इस पेंसिल के आगे के भाग को कटर या ब्लैड के द्वारा छीलकर इस्तेमाल किया जाता है। पेंसिल शब्द लेटिन भाषा के पेनिसिल्लस (PENICILLUS) शब्द से लिया गया है।

वर्तमान समय में बाज़ार में कई प्रकार की पेंसिल्स उपलब्ध हैं; जिनके द्वारा रंग-बिरंगा लिखने के बाद उसे रबड़ द्वारा आसानी से मिटाया जा सकता है। पेंसिल के अन्दर मौजूद ग्रेफाइट के मुलायम और कठोर क्वालिटी के कारण बाज़ार में पेंसिल के कई प्रकार के ग्रेड उपलब्ध हैं।  

पेंसिल के यह ग्रेड HB, H, B, 10H, 5H, 3H, 10B, 5B, 3B आदि के रूप में देखने को मिलते हैं।  मतलब जिस पेंसिल पर HB लिखा होगा तो उसका मतलब हार्ड ब्लैक (Hard Black) होता है।  इसी प्रकार 10H – अधिक हार्ड, 10B – अधिक ब्लैक 3H/3B मध्यम हार्ड/ब्लैक आदि होता है।  

पेंसिल का आविष्कार और इतिहास – Invention of Pencil in hindi – History of Pencil in hindi

पेंसिल बनने के इतिहास (The history of pencil) या फिर आविष्कार (The invention of pencil) की बात करें तो पेंसिल ने निर्माण में ग्रेफाइट (काले-भूरे रंग का दिखने वाला कार्बन का दूसरा रूप) की खोज होना सबसे अहम था क्योंकि प्रारम्भ से लेकर आज तक पूरी दुनिया में ग्रेफाइट की लीड के द्वारा ही पेंसिल बनाई जाती हैं।

ग्रेफाइट शब्द ग्रीक-भाषा के ग्रेफो-शब्द से लिया गया है जिसका मतलब ‘मैं लिखता हूँ या कागज़ पर निशान बनाता हूँ’ होता है। बता दें कि वर्तमान समय में ग्रेफाइट (Graphite) की प्राप्ति खुले गड्डे एवं भूमिगत खदानों से की जाती है।

पेंसिल का इतिहास – History of pencil

पेंसिल के आविष्कार को लेकर पेंसिल में उपयोग होने वाले सबसे जरूरी ग्रेफाइट को लेकर इतिहासकारों का मानना है कि वर्ष 1564 में इंग्लैंड के एक बड़े हिस्से में काफी भयानक तूफान आया था। इस तूफ़ान के कारण घरों के अलावा जंगलों में मौजूद बड़े-बड़े पेड तक गिर गए थे। इस तूफ़ान के कई दिनों बाद जब चरबाहे अपने पशुओं के साथ जंगलों में गए तो उन्हें एक विशाल पेड ज़मीन पर गिरा मिला; उस पेड की जड़ों एवं पेड के उखड़ने के कारण बने गद्दे में उन चरबाहों ने अधिक मात्रा में कोयले के जैसा दिखने वाला काले-भूरे रंग का बहुत अधिक मात्रा में पदार्थ देखा।

उन चरबाहों ने उस पदार्थ को कोयला समझ जलाने का प्रयास किया लेकिन वह कोयले की तरह नहीं जला। जिसके बाद उन चरबाहों ने उस काले-भूरे पदार्थ (ग्रेफाइट) को अपनी पशुओं पर निशान बनाने एवं लिखने के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इसी के बाद इस काले-भूरे रंग के पदार्थ का नाम ग्रेफाइट शब्द पड़ा जोकि ग्रीक-भाषा के ग्रेफो-शब्द से लिया गया था जिसका मतलब ‘निशान लगाना या मैं लिखता हूँ’ होता था।

इस घटना के बाद इंग्लैंड में ग्रेफाइट की अधिकता में प्राप्ति हुई और 16वीं सदी आते-आते लोगों ने इससे लिखना शुरू कर दिया। जिस कारण इस ग्रेफाइट को लिखने एवं निशान बनाने के लिए बाज़ारों में बेचा जाने लगा जोकि ग्रेफाइट प्राकृतिक एवं अपने शुद्ध रूप में काफी नाजुक और नर्म होती थी जिसके चलते लोगों ने इसे धागे एवं रस्सियों के अन्दर बांधकर लिखना जारी रखा।

इसके बाद कुछ लोगों द्वारा जुनिपर-पेड की लकड़ियों के टुकड़ों को तरासकर ग्रेफाइट को उनके बीच में रखकर गोंद से चिपकार इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। मतलब लकड़ियों को काटकर और उन्हें चपटी बनाकर उनके अन्दर ग्रेफाइट को गोंद के द्वारा चिपकर लेखन के कार्य में इस्तेमाल की जाती थी।

पेंसिल का आविष्कार – Invention of pencil

समय गुजरा और वर्ष 1790 में इंग्लैंड और फ्रांस के बीच उपजे विवाद के कारण इंग्लैंड ने फ्रांस को ग्रेफाइट के द्वारा बनी लेखन की सामिग्री देने से रोक लगा दी। इसके बाद फ्रांस के लोगों की जरूरतों को देखते हुए फ्रांसीसी शासकों ने कोई ऐसा उपाय खोजने के लिए कहा कि जिसमे कम ग्रेफाइट (Low graphite) के द्वारा अच्छी क्वालिटी की लेखन सामिग्री बनाई जा सके।

जिसके बाद फ़्रांस के एक वैज्ञानिक निकोलस जक्क़ुएस कॉन्टे (Nicolas Jacques Conte) ने कई प्रयासों के बाद ग्रेफाइट का पाउडर बनाकर उसको चिकनी मिट्टी के साथ पानी में मिलाकर एक पेस्ट (मिश्रण) तैयार कर लिया और उसे धुप में सुखाने के बाद कठोर रूप में प्राप्त करने के लिए भट्टी में अधिक ताप पर गर्म किया।

जिसके बाद निकोलस कॉन्टे ने इस ग्रेफाइट के पेस्ट की एक पतली रोड (Lead) बनाकर देवदार-पेड की लकड़ी के बीच फंसाकर चिपका दिया और इस लिखने वाली सामिग्री का नाम पेंसिल (Pencil) रखा और यहीं से आधुनिक पेंसिल (Modern Pencil) का मुख्य रूप से आविष्कार हो गया था। जिसके बाद वर्ष 1795 में निकोलस जक्क़ुएस कॉन्टे इस आविष्कार (The invention of pencil) को अपने नाम पेटेंट करवा लिया जिसके बाद निकोलस कॉन्टे आधिकारिक रूप से पेंसिल के आविष्कारक (Inventor of pencil in hindi) बन गए थे।

निकोलस कॉन्टे को पेंसिल बनाते-बनाते पता लगा कि ग्रेफाइट में चिकनी मिट्टी कम या ज्यादा डालने से पेंसिल की लिखाई में अंतर आ रहा है और उन्होंने कई-कई प्रकार के मिश्रण बनाकर अलग-अलग क्वालिटी की पेंसिलें बनाना शुरू कर दीं थी।

पेंसिल का अविष्कार (Invention of pencil in hindi) होने के बाद से पेंसिल बनने के निर्माण में थोड़े-थोड़े करके लगातार बदलाव होते रहे और ग्रेफाइट में चिकनी मिट्टी कम या ज्यादा डालने से H (हार्ड) और B (ब्लैक) मतलब HB  (हार्ड ब्लैक) द्वारा अंकित पेंसिलों का निर्माण होने लगा और आज दुनियाभर में पेंसिल बनाने की हजारों फैक्ट्रीयां काम कर रही हैं।

पेंसिल और पेन में क्या अंतर होता है – Difference between pencil and pen in hindi

पेंसिल और पेन में बहुत अधिक अंतर होता है और यह दोनों अपने-अपने काम में बहुत अधिक उपयोगी होती हैं। पेंसिल जोकि बाहरी तरफ से लकड़ी की बनी और उसके अन्दर ग्रेफाइट होता है जोकि गलती होने पर आसानी से रबड़ द्वारा मिटाया जा सकता है। यदि पेन की बात करें तो यह प्लास्टिक द्वारा बना होता है जिसके अन्दर रंग-बिरंगी स्याही भरी होती है जोकि एक बार लिखने पर मिटायी नहीं जा सकती है।

पेंसिल का इस्तेमाल अधिकाश बच्चों के द्वारा किया जाता है वहीं पेन (कलम) का इस्तेमाल मुख्य रूप लिखने के लिए हर जगह किया जाता है।

पेंसिल का उपयोग – Use of pencil in hindi

  • पेंसिल का प्रयोग चित्रकला बनाने के लिए अधिक रूप से किया जाता है।
  • पेंसिल का प्रयोग बच्चो के द्वारा अधिकता में किया जाता है क्योंकि लिखने में बहुत अधिक गलतियाँ करते हैं; जिसे रबड़ द्वारा आसानी से मिटाया जा सकता है।
  • पेंसिल का उपयोग कीमती किताब, मैगजीन एवं कॉपियों आदि में निशान लगाने के लिए किया जाता है जो निशान बाद में आसानी से मिटाए जा सकते हैं।

FAQs – अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q. पेंसिल का आविष्कार किसने किया था?

Ans. आधुनिक तर्ज के आधार पर पेंसिल का आविष्कार ग्रेफाइट की 15वीं सताब्दी में खोज के बाद ही इंग्लैंड एवं यूरोपियन देशों के लोगों द्वारा इस्तेमाल करना प्रारम्भ हो गया था। लेकिन आधुनिक पेंसिल का आविष्कारक निकोलस जक्क़ुएस कॉन्टे को माना जाता है।

Q. आधुनिक पेंसिल का आविष्कार कब और कहाँ हुआ था?

Ans. आधुनिक पेंसिल का आविष्कार वर्ष 1795 में फ्रांसीसी वैज्ञानिक निकोलस जक्क़ुएस कॉन्टे (Nicolas Jacques Conte) द्वारा फ्रांस (France) में हुआ था।

Q. पेंसिल किसकी बनी होती है?

Ans. पेंसिल का बाहरी हिस्सा लकड़ी का बना होता है वहीं उसके अन्दर ग्रेफाइट की एक रोड (Lead) पड़ी होती है जिसके द्वारा लिखा जाता है।

Q. पेंसिल कितने प्रकार की होती है?

Ans. आधुनिक समय में पेंसिल रंग-बिरंगी लेखन के साथ ग्रेफाइट की मात्रा के आधार पर हल्के, भारी एवं मध्यम लेख एवं मजबूती के साथ अलग-अलग मूल्यों पर बाज़ार में बिकती हैं।

निष्कर्ष – The Conclusion

इस आर्टिकल को यहाँ तक पूरा पढने के बाद आप पेंसिल से जुडी आवश्यक जानकारी जान गए होंगे। इसमें इतना ही जिसमे हमने पेंसिल का आविष्कार कब और कहाँ हुआ जाने पूरा इतिहास के अलावा पेंसिल का आविष्कार कब हुआ? (Pencil ka avishkar kub hua), पेंसिल का आविष्कार किसने किया? (Pencil ka avishkar kisne kiya), पेंसिल की खोज कब हुई थी? (Pencil ki khoj kab hui thi), प्रथम ग्रेफाइट पेंसिल कब बनी (Pratham graphite pencil kab bani), पेंसिल का आविष्कार किसने किया और कब किया? (Pencil ka avishkar kisne kiya aur kab kiya), Who invented pencil in hindi को भी सरलतम शब्दों में समझाने का पूरा प्रयास किया है।

दुनियाभर में मौजूद इतिहास से जुडी जितनी भी जानकारियाँ होती हैं उनमे लोगों द्वारा कुछ न कुछ भ्रांतियाँ (गलतफहमियाँ) तो होती ही हैं। लेकिन हमारा यह हिंदी ब्लॉग HindiLeaf.Com एक दम सही, सटीक एवं अपडेटेड जानकारियाँ अपने पाठकों को प्रदान कराने के लिए शुरुआत से ही प्रतिबद्ध है। इसके बाबजूद भी आपको लगे कि इस उपर्युक्त आर्टिकल में कुछ त्रुटियाँ हैं या आपका कोई सवाल या सुझाव है तो हमें नीचे कमेंट करके अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें। हम आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का जल्द से जल्द जबाव देना का पूरा प्रयास करेंगे।

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