मंकीपॉक्स क्या होता है जाने पूरी जानकारी | monkeypox kya hai

दोस्तों जब से इस दुनिया में इंसानों की मौजूदगी हुई है तभी से उन्हें किसी न किसी वायरल इन्फेक्शन एवं वायरस यानिकि अनैकों बीमारियों का लगातार सामना करना पड़ रहा है। जिसमे ज्यादातर बीमारियों का पता लगाकर डॉक्टर्स एवं वैज्ञानिकों ने उनकी वैक्सीन एवं दवाइयाँ बना ली हैं और वहीं कुछ ऐसे वायरस या वायरल इन्फेक्शन जो दुनियाभर में कहीं भी और कभी भी पैदा हो जाते हैं तो उनकी वैक्सीन और दवा डॉक्टर्स के द्वारा मरीजों को दे पाना एक चुनौती बन जाती है। इन्हीं बीमारियों को देखते हुए आप इस आर्टिकल के माध्यम से मंकीपॉक्स क्या होता है जाने पूरी जानकारी | monkeypox kya hai को बहुत ही सरलतम रूप में जानने वाले हैं।  

भला कोरोना महामारी (Covid-19 pendemic) को कौन भूल सकता है जिस वायरस (कविड-19) ने दुनिया में मौजूद हर व्यक्ति को सीधे तौर पर प्रभावित किया और लाखों लोगों की जान का कारण बना। लेकिन मंकीपॉक्स जो एक वायरल इन्फेक्शन है जोकि ज्यादा घातक नहीं है और वहीं दुनियाभर में अब तक इसके न के बराबर मामले ही देखने को मिलते हैं और उनमे कुछ ही मामलों में लोगों की जान जाती है।

बात दें कि मंकीपॉक्स (Monkeypox) विकराल रूप से फैलने वाला वायरस नहीं है और इससे दुनिया को कोई बड़ा खतरा नहीं है। लेकिन हमें सभी प्रकार की बीमारी, इन्फेक्शन एवं वायरस के बारे में जागरूक होना बहुत जरूरी है क्योंकि जब भी कोई नया वायरस पैदा होता है तो वह बहुत तेजी से पूरी दुनिया में आसानी से फ़ैल जाता है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण कोविड-19 है जोकि दुनियाभर में बहुत तेजी से फैला था।

मंकीपॉक्स क्या है – What is monkeypox in hindi

मंकीपॉक्स एक वायरल इन्फेक्शन है जोकि वायरल-जूनोसिस (Viral-Zoonosis) का एक हिस्सा है मतलब एक ऐसा वायरस जो जानवरों द्वारा इंसानों में प्रवेश करता है। मंकीपॉक्स कोई नई बीमारी नहीं है; यह सबसे पहले अफ्रीकन-महाद्वीप में कुछ बंदरों पर वर्ष 1958 में सौध करने के दौरान पता चला था और वहीं से इसका नाम मंकीपॉक्स (monkeypox) रखा गया था।

मंकीपॉक्स (Monkeypox) के लक्षण लगभग स्मॉलपॉक्स (चेचक) जैसे होते हैं लेकिन स्मॉलपॉक्स को वर्ष 1980 तक वैक्सीनेशन के जरिए पूरी दुनिया से ख़तम कर दिया गया है। मंकीपॉक्स वायरल इन्फेक्शन होने के बाद मरीज को बुखार, सूजन, सिर दर्द, कमर दर्द एवं माँसपेशियो में दर्द होने के अलावा चेहरे पर फलकनुमा चकते (Rashes) होने साथ पूरे शरीर पर फ़ैल जाते हैं और बाद में उनके फूटने के बाद शरीर पर घाव बन जाते हैं।

मंकीपॉक्स (Monkeypox) के अधिकतर मामले मध्य अफ्रीका और पश्चिमी अफ्रीका क्षेत्रों के देशों में ही देखने को मिलते हैं जोकि मंकीपॉक्स वायरल इन्फेक्शन पैदा होने का शुरूआती स्थान भी है। इन मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी (Central Africa and West Africa) देशों के क्षेत्रों के अलावा इसके कुछ मामले अब तक सयुंक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम और सिंगापुर आदि देशों में मिले हैं जिनमे किसी की जान नहीं गई है।

मंकीपॉक्स के लक्षण – Monkeypox symptoms in hindi

  • मंकीपॉक्स होने के शुरूआती समय में बुखार, सिरदर्द, कमर दर्द, माँसपेशियो में दर्द एवं सूजन देखने को मिलती है।
  • इसके तीन-चार दिन के बाद त्वचा में चकते (Rashes) या गोल-गोल धब्बे बनने शुरू हो जाते हैं जोकि ज्यादातर चेहरे से शुरू होते हुए शरीर के दूसरों हिस्सों में फ़ैल जाते हैं। जब यह चकते हथेली और पैरों के तलवों पर होते हैं तो उनमे बहुत अधिक खुजली एवं दर्द होता है।
  • आठ-दस दिन बाद यह चकते पपड़ी के रूप में बदल जाते हैं जोकि बाद में शरीर से छूटकर गिरने लगते है और घाव के निशान बना देते है।

मंकीपॉक्स की रोकथाम – Monkeypox prevention in hindi

वर्तमान समय में मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मध्य एवं पश्चिमी अफ्रीकी देशों में न के बराबर मामले देखने को मिलते हैं और यह मानव से मानव में बहुत ही रेयरली फैलते है। इसी कारण बाकी देशों में इसके बहुत कम मामले देखने को मिलते हैं। इसके अलावा मंकीपॉक्स जानवरों के द्वारा या अन्य संक्रमित मानव द्वारा भी रेयरली फ़ैल सकता है। लेकिन फिर भी हमें इस बीमारी की रोकथाम की पूरी जानकरी होनी चाहिए हालांकि यह संक्रमण कोविड की तरह हवा में या थूकने आदि से नहीं फैलता है। मंकीपॉक्स की रोकथाम को कुछ बिन्दुओं द्वारा समझने का प्रयास करते हैं।

  • मंकीपॉक्स द्वारा संक्रमित जानवरों (बंदर, चूहे एवं गिलहरियाँ आदि) के काटने या उनकी मृत त्वचा मानव के मुँह, नाक, आँख एवं शरीर के किसी कटे भाग से प्रवेश कर जाती है तो संक्रमण होने के अधिक संभावना बढ़ जाती है।
  • मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के नजदीकी संपर्क मतलब शारीरिक सम्बन्ध बनाने, झूठा खाने, विस्तर साझा करने या संक्रमित व्यक्ति द्वारा छीकने एवं खासने के द्वारा निकले ड्राप-लेट्स स्वस्थ-मावन के अन्दर जाने से संक्रमण का खतरा हो सकता है।

मंकीपॉक्स कितना खतरनाक है – How monkeypox deadly in hindi

मंकीपॉक्स संक्रमण ज्यादा खतरनाक नहीं है जोकि आमतौर पर 14-21 दिनों में डॉक्टर्स से दवा लेकर या अपने आप ही ठीक हो जाता है इसी कारण अभी तक इस संक्रमण के दुनियाभर में बहुत कम मामले देखने को मिलते हैं। लेकिन इसके विपरीत कुछ मामलों में मरीजों की स्थिति गंभीर देखी गई है और पश्चिमी अफ्रीका में कुछ मौतों के मामले भी सामने आये हैं।

यदि बात करें कि यह भी कोविड-19 की तरह दुनियाभर में बड़े स्तर पर फ़ैल सकता है तो मंकीपॉक्स के वर्ष 1958 में पता चलने के बाद साल 1970 के बाद लगभग 10 अफ्रीकी देशों में कुछ मामूली मामले सामने आये थे। वहीं यह वायरस अफ्रीकी महाद्वीप से बाहर पहली बार वर्ष 2003 में अमेरिका में कुछ लोगों में बाहर से लाये गए जानवरों के कारण हुआ जिसमे कुल 81 मामले सामने आये थे लेकिन किसी की भी जान नहीं गई थी।

यह मंकीपॉक्स वायरल इन्फेक्शन (Monkeypox Viral Infection) काफी दुर्लब (Rare) वायरस है जोकि 100 लोगों में से लगभग 10 लोगों को अधिक प्रभावित करता है। इसके अलावा भविष्य में इसके बड़ी आबादी में फैलने का कोई खतरा नहीं है और यदि आपको मंकीपॉक्स के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा सबसे बड़ी बात इस बीमारी से बिलकुल भी नहीं डरना चाहिए।

मंकीपॉक्स का इलाज – Monkeypox treatment in hindi

मंकीपॉक्स (Monkeypox) द्वारा मौत होने का बहुत कम संभावना होती है। आमतौर पर 2-3 सप्ताह में मरीज खुद ही ठीक हो जाता है लेकिन कुछ मामले में ठीक न होने पर डॉक्टर्स से दवाई लेनी चाहिए। मंकीपॉक्स होने पर डॉक्टर्स द्वारा एंटी-वायरल दवाइयाँ दी जाती हैं। बता दें कि मंकीपॉक्स का कोई टीका मौजूद नहीं है लेकिन डॉक्टर्स के मुताबिक स्मॉलपॉक्स की टीका मंकीपॉक्स में 85 फ़ीसदी तक बचाव करने में कारगर होता है।

FAQs – अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q. मंकीपॉक्स की शुरुआत कहाँ से हुई थी?

Ans. मंकीपॉक्स की शुरुआत वर्ष 1958 के आस-पास मध्य एवं पश्चिमी अफ्रीका क्षेत्रों में बंदरों पर सौध करने के दौरान हुई थी।

Q. मंकीपॉक्स किस जानवर में पाया जाता है?

Ans. मंकीपॉक्स अधिकतर बन्दर, चूहे एवं गिलहरियाँ आदि में पाया जाता है।

Q. मंकीपॉक्स के लक्षण क्या-क्या हैं?

Ans. मंकीपॉक्स के सबसे मुख्य लक्षण बुखार, सिरदर्द, कमर दर्द, माँसपेशियां-दर्द, सूजन एवं त्वचा पर चकते (Rashes) मतलब फलकनुमा गोल-गोल धब्बे बन जाते हैं।

Q. मंकीपॉक्स किसी व्यक्ति के अन्दर कैसे आता है?

Ans. मंकीपॉक्स किसी व्यक्ति के अन्दर मंकीपॉक्स-संक्रमित जानवरों द्वारा फैलाता है। इसके अलावा मंकीपॉक्स-संक्रमित व्यक्ति द्वारा भी फ़ैल सकता है।

Q. क्या मंकीपॉक्स से किसी की म्रत्यु हो सकती है?

Ans. मंकीपॉक्स से बहुत कम मामलों में म्रत्यु होती है लेकिन कुछ अफ्रीकी देशों में इस संक्रमण के द्वारा म्रत्यु के मामले भी सामने आये हैं।

Q. क्या मंकीपॉक्स की वैक्सीन मौजूद है?

Ans. मंकीपॉक्स की वैक्सीन मौजूद नहीं हैं लेकिन किन्ही मामलों में डॉक्टर्स द्वारा स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन दी जाती है जोकि लगभग 85 फ़ीसदी तक कारकर होती है।

निष्कर्ष – The Conclusion

इस आर्टिकल को यहाँ तक पढने के बाद अब आप मंकीपॉक्स (monkeypox meaning in hindi) के बारे में पूरी तरह से जान गए होंगे। जिसमे हमने मंकीपॉक्स क्या होता है जाने पूरी जानकारी | monkeypox kya hai के अलावा मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं? (Monkeypox ke lakshan kya hai), मंकीपॉक्स की रोकथाम क्या है? (Monkeypox ki roktham kya hai), मंकीपॉक्स का इलाज क्या है? (Monkeypox ka ilaj kya hai) इन सभी को भी अच्छी तरह से समझाया है।

मंकीपॉक्स क्या होता है जाने पूरी जानकारी | monkeypox kya hai को पूरा पढने के बाद इस आर्टिकल (monkeypox in hindi) से सम्बंधित आपका किसी भी प्रकार का छोटा-बड़ा सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कोमेंट-बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं। हम आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का जल्द ही जवाब देने का पूरा प्रयास करेंगे।

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