सरोगेसी क्या है | Surrogacy meaning in hindi

हैलो दोस्तों, जैसे कि हम जानते हैं कि आधुनिक जगत में विज्ञान की सभी शाखाओं ने हर क्षेत्र में अकल्पनीय प्रगति कर ली है। जिसमे विज्ञान (डॉक्टर्स) मानव-स्वास्थ्य के प्रति बहुत अधिक विकसित हो चुका है। लेकिन आप इस लेख द्वारा एक ऐसी ही अकल्पनीय तकनीक सरोगेसी (Surrogacy in hindi) के बारे में जानेंगे मतलब सरोगेसी क्या है | Surrogacy meaning in hindi और कैसे कोई दम्पति (कपल) सरोगेसी के माध्यम से बिना कोख में बच्चा पाले माँ-बाप बन जाते हैं।

बता दें कि दुनियाभर में मौजूद बहुत सारे कपल्स एवं शादी-शुदा जोड़े अनैकों प्रकार की समस्याओं (निजी एवं मेडिकल समस्याओं आदि) के चलते बच्चे पैदा नहीं कर सकते तो वह सरोगेसी (Surrogacy) की मदद लेते हैं।

सरोगेसी का मतलब क्या होता है – What is surrogacy in hindi

सरोगेसी एक प्रकार की गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) होती है जिसमे एक महिला के द्वारा शिशु या बच्चे को जन्म दिया जाता है जोकि यह बच्चा किसी अन्य दम्पति (कपल) का होता है। सरोगेसी की इस पूरी प्रक्रिया में बच्चे को जन्म देने वाली महिला को सरोगेट मदर (Surrogate Mother) कहा जाता है जोकि बच्चे को नौ महीने तक अपनी कोख में रखकर डिलीवरी के बाद कपल को सौंप देती है।

यदि आसान भाषा में समझें तो सरोगेसी (Surrogacy) के इस प्रक्रिया में तीन लोग शामिल होते हैं – जिनमे एक महिला जोकि अपने एग्स देती है, दूसरा पुरुष जोकि अपना स्पर्म देता है और तीसरी एवं सबसे अहम वह महिला जोकि इन एग्स और स्पर्म को आई.वी.एफ. यानिकि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) तकनीक द्वारा बने फर्टिलाइज भ्रूण (Fertilize Embryo) को अपने गर्भाशय में ट्रांसप्लांट कराकर बच्चे को नौ महीने तक अपने गर्भाशय (Uterus) में रखती है।

बता दें कि डॉक्टर्स के द्वारा संपन्न करायी जाने वाली इस सरोगेसी तकनीक से दुनियाभर में बहुत सारे दम्पति (कपल्स) बच्चों का सुख भोग रहे हैं।

सरोगेसी के प्रकार – Kind of surrogacy in hindi

डॉक्टर्स के द्वारा सरोगेसी को IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक के माध्यम से दो प्रकार से संपन्न करवाया जाता है। मतलब सरोगेसी दो प्रकार की होती है –  

  1. पारंपरिक सरोगेसी (Traditional Surrogacy)
  2. गर्भकालीन सरोगेसी (Gestational Surrogacy)

पारंपरिक सरोगेसी (Traditional Surrogacy)

इस प्रकार की सरोगेसी के लिए सरोगेट मदर के एग्स और बच्चा चाहने वाले कपल में पुरुष के स्पर्म को आई.वी.एफ. तकनीक के द्वारा फर्टिलाइज कर भ्रूण (Embryo) तैयार किया जाता है जोकि बाद में सरोगेट मदर के गर्भाशय में इम्प्लांट किया जाता है।

इस प्रकार की सोरोगेसी में क्योंकि सरोगेट मदर के अपने खुद के एग्स देती है। इसी कारण सरोगेट मदर इस बच्चे की जैविक माँ (बायोलॉजिकल मदर) बन जाती है।

गर्भकालीन सरोगेसी (Gestational Surrogacy)

इस प्रकार की सरोगेसी में बच्चा चाहने वाले दम्पति (कपल) में महिला के एग्स और पुरुष का स्पर्म लिया जाता है। जिसके बाद एग्स और स्पर्म को IVF तकनीक के द्वारा फर्टिलाइज कर भ्रूण (Embryo) तैयार कर लिया जाता है जोकि बाद में सरोगेट मदर के गर्भाशय में इम्प्लांट किया जाता है।

इस प्रकार की सरोगेसी में क्योंकि कपल ओरिजिनली अपने एग्स और स्पर्म देते हैं। इसी कारण यह कपल बच्चे के जैविक माता-पिता (बायोलॉजिकल कपल) बन जाते हैं। इस प्रक्रिया में सरोगेट मदर केवल बच्चे को जन्म देती है जिसमे उसका बच्चे के साथ किसी भी प्रकार का बायोलॉजिकल सम्बन्ध नहीं होता है।

बता दें कि किन्ही मामलों में दम्पति (कपल) का शारीरिक समस्याओं के चलते अपने बच्चे से किसी भी प्रकार बायोलॉजिकली सम्बन्ध नहीं होता है क्योंकि वह एग्स सरोगेट मदर से और वहीं स्पर्म किसी डोनर द्वारा लिया जाता है

सरोगेसी से बच्चा कैसे पैदा होता है – How is a baby born by surrogacy in hindi

सरोगेसी से बच्चे पैदा करने के लिए पुरुष द्वारा लिया गया स्पर्म और महिला द्वारा लिए गए एग्स (गर्भावस्था के अण्डों) को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) तकनीक के द्वारा एग्स और स्पर्म को फर्टिलाइज कर भ्रूण (Embryo) तैयार किया जाता है जोकि बाद में सरोगेट मदर के गर्भाशय (Uterus) में ट्रांसप्लांट किया जाता है।

फर्टिलाइज भ्रूण को ट्रांसप्लांट करने के बाद डॉक्टर्स के द्वारा सरोगेट मदर की दवाईयों एवं जांच आदि के साथ कढ़ी निगरानी की जाती है ताकि गर्भाशय में मौजूद भ्रूण बच्चे का रूप ले सके और लगभग नौ महीनों के बाद सफलतापूर्वक सरोगेट मदर की दिलिबरी हो सके।

सरोगेसी में कितना खर्चा आता है – How much does surrogacy cost in hindi

यदि सरोगेसी के माध्यम से होने वाले बच्चे के कुल खर्च की बात करें तो इसका सभी देशों में अलग-अलग मेडिकल सुविधाओं के चलते अलग-अलग खर्चा आता है।

कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में सरोगेसी का खर्च 15 से 25 लाख के बीच में आता है। वहीं अन्य देशों में इसका खर्च 60 लाख तक पहुँच जाता है तो कुछ ऐसे भी देश हैं जहाँ 10 से 15 लाख का खर्च आता है।

भारत में सरोगेसी क़ानून एवं नियम 2022 – Surrogacy Laws and Rules in India 2022 in hindi

पिछले कुछ वर्षों से भारत सरोगेसी का प्रमुख रूप से कमर्शियल हब बन चुका था क्योंकि अधिक संख्या में विदेशी अपने देशों में सरोगेसी महंगी होने के कारण भारत का रुख करते थे। इसके अलावा कुछ विदेशी स्वस्थ्य महिलाओं को अधिक रुपया देकर सरोगेसी के लिए राजी कर लेते थे और कई मामलों में बच्चे में कुछ परेशानियाँ होती थीं तो वह बच्चे को छोड़कर चले जाते थे।

इनके अलावा कुछ मामलों में सरोगेट मदर को तय रुपयों में बहुत कम रुपये मिल पाते थे क्योंकि बाक़ी के रुपये बीच में मौजूद दलाल खा जाते थे। इसका ताजा उदाहरण हम वर्ष 2021 आयी बॉलीवुड मूवी मिमी में देख सकते हैं जोकि यह मूवी पूरी तरह से इसी घटना पर आधारित थी।

इन्ही चीजों के चलते भारत सरकार सरोगेसी से जुड़े कुछ नियम एवं कानून लेकर आयी है। जिसमे सबसे मुख्य कानून यह है कि अब बच्चे की चाह रखने वाला कपल कमर्शियली सरोगेट मदर को रुपया नहीं दे सकता है। इस मामले में सरोगेट मदर अगर चाहे तो किसी भी कपल के लिए केवल परोपकार की भावना से बच्चा पैदा कर सकती है। जिसके बदले कपल सरोगेट मदर की बच्चा पैदा होने तक सभी प्रकार की देखभाल, डिलीवरी एवं इसके बाद भी कुछ समय तक देख-रेख कर रुपया खर्च कर सकता है।

चलिए अब 2022 में सरकार के द्वारा लाये गए कानून एवं नियमों को कुछ बिन्दुओं द्वारा समझते हैं –

  • सरोगेसी के माध्यम से भारत में बच्चे की चाह रखने वाला कपल केवल भारतीय होना चाहिए।
  • कपल (दम्पति) की शादी को पांच वर्ष या उससे ज्यादा होने चाहिए।
  • कपल में पुरुष की उम्र 25 से 55 वर्ष के बीच में होनी चाहिए वहीं महिला की उम्र 25 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • सरोगेट मदर कपल की कोई जानकार एवं रिश्तेदार ही होनी चाहिए। जिसकी उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • कपल सरोगेट मदर को कमर्शियली रूप से पैसे नहीं दे सकता है लेकिन बदले में वह सरोगेट मदर का उपचार, डिलीवरी, खाने-पीने एवं रहने का खर्च उठा सकता है।
  • सरोगेट मदर शादी-शुदा होनी चाहिए और उसका पहले से एक बच्चा होना चाहिए।  
  • एक महिला अपने पूरे जीवन में केवल एक बार ही सरोगेट मदर बन सकती है।  
  • कपल द्वारा सरोगेट मदर का मेडिकल बीमा करवाना अनिवार्य है।
  • इन कानूनों के अंतर्गत सरकार द्वारा बनाए गए स्टेट बोर्ड और नेशनल बोर्ड के अंतर्गत भारत में मौजूद सभी सरोगेसी सेंटर्स को पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।  जिसमे यह बोर्ड इन सेंटर्स पर कड़ी निगरानी रखेंगे जिससे कि यह सरोगेसी सेंटर्स किसी प्रकार का शोषण या गलत काम न कर सकें।
  • सरोगेसी सेंटर्स विज्ञापन नहीं कर सकते हैं और उन्हें सभी प्रकार के नियमों का पालन करना होगा और यदि भारत में मौजूद कोई भी सेंटर नियमों का पालन नहीं करता है तो उसे अधिकतम 10 लाख का जुर्माना एवं जेल होने का प्रावधान है।

FAQs – अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न – सरोगेसी कितने प्रकार की होती है?

उत्तर – सरोगेसी दो प्रकार की होती है। पहली पारंपरिक सरोगेसी (Traditional Surrogacy) वहीं दूसरी गर्भकालीन सरोगेसी (Gestational Surrogacy) होती है।

प्रश्न – सरोगेसी से माता पिता कैसे बनते हैं?

उत्तर – सरोगेसी से माता पिता इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization) तकनीक के द्वारा बनते हैं।

प्रश्न – सरोगेट मदर का मतलब क्या होता है?

उत्तर – सरोगेट मदर वह महिला होती है जोकि किसी अन्य दम्पति (कपल) का बच्चा अपनी कोख में पालती है और बच्चा पैदा होने के बाद दम्पति को सौंप देती है।

प्रश्न – सरोगेट मदर को कितने पैसे मिलते हैं?

उत्तर – भारत में बने नये कानूनों के मुताबिक सरोगेट मदर को कोई भी कपल पैसे नहीं दे सकता है लेकिन उसकी देखभाल में पैसा खर्च कर सकता है। भारत के अलावा अन्य देशों में सरोगेसी से जुड़े अलग नियम हैं जिनके मुताबिक दम्पति (कपल) सरोगेट मदर को आपसी सहमति के मुताबिक़ पैसे दे सकते हैं।

प्रश्न – किराए की कोख को क्या बोलते हैं?

उत्तर – सरोगेसी के माध्यम से सरोगेट मदर की कोख को किराए की कोख भी कहते हैं।  

निष्कर्ष – The Conclusion

दोस्तों इस लेख में इतना ही जिसमे हमने सरोगेसी क्या है | Surrogacy meaning in hindi, सरोगेसी कितने प्रकार की होती है? (Surrogacy kitne prakar ki hoti hai), भारत में सरोगेसी के क़ानून (Bharat me surrogacy ke kanoon), एवं सरोगेसी के बारे में (All information about surrogacy in hindi) अधिकता से विस्तार से समझाया है।

हमारे इस हिंदी ब्लॉग hindileaf.com में पब्लिश की जाने वाली सभी प्रकार जानकारियाँ अपडेटेड तो होती ही हैं साथ में कढ़ी जांच एवं खोज-बीन के साथ लिखी जाती हैं।

इस लेख सरोगेसी meaning in hindi को यहाँ तक पूरा पढने के बाद यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। हम आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का जल्द से जल्द जबाव देने का पूरा प्रयास करेंगे।

इनके अलावा इस लेख सरोगेसी क्या है | Surrogacy meaning in hindi को पढने के बाद आपको कुछ नया सीखने को मिला हो तो प्लीज इस लेख को अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर करें जिससे कि उन्हें भी इस जानकारी का लाभ मिल सके।

अन्य पढ़ें –

Leave a Reply