ग्रीनहाउस गैस क्या होती है | Greenhouse gas in hindi

नमस्कार दोस्तों, इस लेख मे आप ग्रीनहाउस गैस क्या होती है | Greenhouse gas in hindi के बारे में पढेंगे जोकि एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है और इसके बारे में दुनिया में जीवित हर एक व्यक्ति को पता होना चाहिए।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रथ्वी पर जीवन ग्रीनहाउस प्रक्रिया के कारण ही संभव है। लेकिन प्रथ्वी लगातार गर्म होती जा रही है और इसके परिमाण भी मिलने शुरू हो चुके हैं पर लोग इसके बारे में बात ही नहीं कर रहे हैं।   

तमाम वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं ने हजारों बार पूरी दुनिया को चेताया है कि यदि अभी हमने एक साथ मिलकर इस समस्या का हल नहीं निकाला तो आने वाले समय में प्रथ्वी का वातावरण जीवन जीने योग्य नहीं रह जायेगा। इस विषय की महत्वपूर्णता को समझते हुए; हमें पूरी उम्मीद है कि आप इस लेख के अंत तक ग्रीनहाउस गैस क्या होती है | Greenhouse gas in hindi और इसके प्रथ्वी पर क्या प्रभाव पड़ रहे हैं? यह सब सरल और आसान भाषा में जरूर पढेंगे।

ग्रीनहाउस गैसों Greenhouse gases की मात्रा बढने से ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएँ देखने को मिल रही हैं। इस समस्या को रोकने के लिए दुनिया भर की सरकारों ने क्योटो प्रोटोकॉल, ‘पेरिस क्लाइमेट अग्रीमेंट’, ‘अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन’, नवीकरणीय ऊर्जा तथा कार्बन ट्रेडिंग पर कर (Tax) लगाने जैसे मुद्दों पर काम कर रही है।

एक प्रथ्वी-वासी के कारण हम सभी को इस समस्या के महत्व को समझते हुए जागरूक होना चाहिए और ग्रीनहाउस प्रभाव के बारे में समझना चाहिए।  

ग्रीनहाउस गैस क्या होती है? – What is greenhouse gas hindi

ग्रीनहाउस गैस Greenhouse gas की सरल भाषा में बात करें तो यह ऐसी प्राकृतिक प्रक्रिया है। जिसके प्रभाव से प्रथ्वी की सतह और वायुमंडल गर्म रहता है और जीवन जीने योग्य तापमान बना रहता है। लेकिन इंसान अपनी सुविधाओं की क्रियाओं (इंडस्ट्रियल रिव्यूलेशन, ईधन जलाना, कोयला और कंडा जलना आदि) के चलते ग्रीनहाउस गैसों की प्राक्रतिक प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है।

यदि एक वैज्ञानिक तौर पर बात करें तो ग्रीनहाउस Greenhouse में उपस्थित गैसें ऊष्मा को अवशोषित करती हैं। जिससे प्रथ्वी का तापमान बढ जाता है। मतलब जब सूर्य की किरणें प्रथ्वी पर पड़ती हैं तो उनमें से कुछ प्रथ्वी पर अवशोषित हो जाती हैं और बाकी की रिफ्लेक्ट हो जाती हैं। यह सारी प्रक्रिया प्रथ्वी के वायुमंडल में मौजूद ग्रीनहाउस के द्वारा होती है जोकि कुछ किरणें प्रथ्वी को दे देती हैं और बाकी अन्तरिक्ष में वापिस चली जाती है। इस री-एमिट (उत्सर्जित) को हम बेक-रेडियेशन भी कहते हैं।

ग्रीनहाउस इफ़ेक्ट क्या है? – Greenhouse effect in hindi

  • ग्रीनहाउस Greenhouse के इफ़ेक्ट की बात करने तो इसे इंसानों ने अधिक प्रकार की क्रियाऐ कर बहुत अधिक बढा दिया है। जिससे कि वायुमंडल में इन गैसों की मात्रा अधिक होने से यह अधिक मात्रा में री-एमिट कर रही हैं। जिससे सौरमंडल में यह गैस वापिस से कम मात्रा में पहुंचती है।
  • ग्रीनहाउस के प्रभाव से जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, महासागर अम्लीकरण, वायुमंडल में धुआं और ओजोन प्रदूषण (ओजोन परत) जैसी भायाभय समस्याएँ पैदा हो रही हैं।
  • बता दें कि यदि प्राक्रतिक ग्रीनहाउस प्रभाव प्रथ्वी से ख़तम हो जाये तो प्रथ्वी का तापमान -18 डिग्री से भी कम हो जायेगा। जिससे प्रथ्वी पर जन-जीवन संभव नहीं होगा।
  • प्रथ्वी पर इंसानी विकास के साथ-साथ ग्रीनहाउस गैसों का प्रभाव भी बढ रहा है जोकि मानव सभ्यता के लिए हानिकारक है। और हमें इसके परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं जैसे कि अंटार्कटिक, आर्कटिक और हिमालय आदि की बर्फ पिघलना।
  • बता दें कि ग्रीनहाउस प्रभाव का मुख्य कारण कार्बन डाइऑक्साइड है क्योंकि वायुमंडल में इसी गैस के कारण सौर ऊर्जा का विपाशन होता है।
  • विश्व में सबसे अधिक कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन करने वाला देश चीन है। और सर्वाधिक प्रति व्यक्ति कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उत्सर्जन करने वाला देश यूनाइटेड स्टेट्स है।

ग्रीनहाउस प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है? – How can we reduce greenhouse effects.

ग्रीनहाउस गैसों Greenhouse gases के प्रभाव को कम करने के लिए दुनियाभर में अधिक से अधिक पेड लगाये जा सकते हैं। इसके अलावा वाहनों के ईंधन-दक्षता में वृद्धि, अपशिष्ट के उत्पादन को कम करने और इन उत्पादों के उपयोग को कम कर इन गैसों को उत्पन्न होने से कम कर सकते हैं।

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सभी ग्रीनहाउस गैसें के नाम | Greenhouse gases names

प्रथ्वी के वायुमंडल में मौजूद प्रमुख ग्रीनहाउस गैसों की बात करें तो इनमे कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मीथेन (CH4), क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (CFC), जलवाष्प (H2O), ओजोन (O3)और नाइट्रस डाइऑक्साइड (N2O) मौजूद हैं।

ग्रीनहाउस गैसों Greenhouse gases की वायुमंडल में बढती मात्रा को देख इनकी मात्रा बता पाना थोडा मुश्किल है। लेकिन कुछ वैज्ञानिक ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा बताते हैं। जिसमे जल वाष्प (भाप) 36-72 प्रतिशत, कार्बन डाइऑक्साइड 9-26 प्रतिशत, मीथेन 4-9 प्रतिशत तथा ओजोन 3-7 प्रतिशत है।  

ग्रीनहाउस की मुख्य गैसों की सूची | Greenhouse gas list in hindi

ग्रीनहाउस की मुख्य गैसों की बात करें तो इनकी सूची इस प्रकार है। –

कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)

कार्बन डाइऑक्साइड गैस की बात करें तो यह गैस इंसानों और जानवरों के साँस छोड़ने से उत्पन्न होती है। इस प्राक्रतिक प्रक्रिया को हम कभी नहीं रोक सकते हैं। इसके अलावा यह गैस सर्वाधिक ईंधन जलाने (बड़े-बड़ी फैक्ट्रीयां और कारखाने, पेट्रोल, डीजल, केरोसीन, कोयला, कंडा आदि) से उत्पन्न हो रही है।

इस गैस का प्रभाव कम करने के लिए हम पेड़-पोधे लगा सकते हैं क्योंकि पेड पानी और कार्बन डाइऑक्साइड गैस को सोखकर ग्लूकोस में परिवर्तिक कर देते हैं। जिसे हम प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis) कहते हैं।

मीथेन (CH4)

मीथेन गैस जैविक उपशिष्ट (Organic waste) जैसे कि खेतों में सड़ने वाला मलवा, घूरे और गोबर आदि से उत्पन्न होती है। इसके अलावा कोयला, तेल का उत्पादन और प्राक्रतिक गैसों की प्रक्रिया से प्राप्त होती है।  

जलवाष्प (H2O)

हमारा इस गैस की ओर ध्यान ही नहीं जाता है। लेकिन जल वाष्प (Water vapour) का ग्रीनहाउस गैसों में सबसे बड़ा योगदान रहता है और यह वातावरण को वातानुकुलित गर्म बनाने में लगातार सहायता करती रहती है। यह जलवाष्प बनना एक प्राक्रतिक क्रिया है। 

क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (CFC)

क्लोरो-फ्लोरो कार्बन गैस ग्रीनहाउस गैसों में एक महत्वपूर्ण गैस है। यह गैस सीधे तौर पर वायुमंडल में घुल जाती है। जब यह गैस वायुमंडल में घुलती है तो वहां ओजोन के होल बनने शुरू हो जाते हैं मतलब ओजोन की परत पतली होने लग जाती है। जिसके कारण सूर्य-विकिरण में पराबैंगनी (Ultraviolet) किरणों प्रथ्वी की ओर आनी शुरू हो जाती हैं।

बता दें कि इस गैस के कारण ही ऑस्ट्रेलिया के ऊपर ओजोन होल हुआ था जो अब धीरे-धीरे भर रहा है। जिससे कई बार स्किन कैंसर जैसी भयानक बीमारी हो सकती हैं।

ओजोन (O3)

यह एक प्राकृतिक गैस है जोकि तीन परमाणुओ से मिलकर बनती है। इसका निर्माण ऑक्सीजन पर पराबैंगनी किरणों के प्रभाव-फलस्वरूप होता है। ओजोन गैस निचले वायुमंडल में मतलब प्रथ्वी की सतह पर घातक (अत्यंत विषेली) है जबकि वायुमंडल की ऊपरी परत को ओजोन-परत के रूप में सूर्य की पराबैंगनी किरणों से प्रथ्वी पर जीवन को सुरक्षित बनाए रखने में मदद करती है।  

नाइट्रस डाइऑक्साइड (N2O)

नाइट्रस डाइऑक्साइड की बात करें तो इसे लाफ़िंग गैस के रूप में भी जाना जाता है। यह ओधोगिक गतविधि के अलावा जीवाश्म ईधन तथा ठोस अपशिष्ट के दहन के दौरान उत्सर्जित होती है। 

ग्लोवल वार्मिंग क्या होता है? – Global warming in hindi meaning

ग्रीनहाउस गैसों के वायुमंडल में लगातार वृद्धि होने से प्रथ्वी का औसत-तापमान में साल दर साल वृद्धि होती जा रही है। जिससे वायुमंडल में ऊष्मा की वृद्धि हो रही है। वायुमंडल के तापमान में इसी वृद्धि को वैश्विक उष्मीकरण (Global Warming) कहते हैं।

ग्लोबल वार्मिंग की बात करें तो इसमें सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ते प्रभाव को कैसे कम किया जाए? क्योंकि इन गैसों के बढ़ने से ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन (Climate change) जैसी समस्याएँ लगातार पैदा होती जा रही हैं। यदि हम इस समस्या को नज़र अंदाज करते रहेंगे तो भविष्य में मनुष्य का अस्तित्व ख़तरे में पड़ सकता है।  

बता दें ग्लोबल वार्मिंग के कारण ही ध्रुवीय बर्फ और ग्लेशियरों के पिघलने की सम्भावना बढ गई है। जिससे अनैक देशों के तटीय क्षेत्रों के डूबने का संकट उत्पन्न हो गया है। 

निष्कर्ष: Conclusion

इस आर्टिकल में इतना ही जिसमे हमने ग्रीनहाउस गैस क्या होती है | Greenhouse gas in hindi, ग्रीनहाउस इफेक्ट क्या है? और सभी ग्रीनहाउस गैसों के नाम (greenhouse gases names) के अलावा ग्लोवल वार्मिंग क्या है? Global warming in hindi को भी कम और सरल शब्दों में समझाने की कोशिश की है। इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएँ।  

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