भूकंप क्या है | भूकंप क्यों आते हैं | Earthquake meaning in hindi

नमस्कार दोस्तों, आप भूकंप (Earthquake) शब्द से तो भली-भांति परिचित ही होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूकंप क्या है | भूकंप क्यों आते हैं | Earthquake meaning in hindi तो बस इस लेख के अंत तक बने रहिये क्योंकि आप इस लेख के आखिर तक भूकंप से जुडी सभी प्रकार की छोटी-बड़ी जानकारी बहुत ही आसान भाषा में जानने वाले हैं।

हम उम्मीद करते हैं कि आप इस लेख के अंत तक भूकंप क्या है | भूकंप क्यों आते हैं | Earthquake meaning in hindi विषय के बारे में विस्तार से जरूर पढेंगे।

भूकंप क्या होता है और भूकंप कैसे आता है – What is Earthquake in hindi

प्रथ्वी की ऊपरी सतह में अचानक से कम्पन्न पैदा होना या हल-चल (हिलना) पैदा होना ही भूकंप (Earthquake) कहलाता है। प्रथ्वी की ऊपरी सतह में यह हलचल या कंपन्न तरंगों (Waves) के रूप में होती है।

यदि बात करें कि भूकंप कैसे आता है तो इसकी शुरुआत ज़मीन के अन्दर टेक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने (हल-चल) से होती है और जिस स्थान से भूकंप की शुरुआत होती है उसे ‘भूकंप का केंद्र’ (फोकस) कहते हैं। भूकंप की तरंगे मूल केंद्र (फोकस) से होती हुई सबसे पहले प्रथ्वी के समतल (सरफेस) पर टकराती हैं तो उस स्थान को ‘भूकंप का अधिकेन्द्र’ (ईपीसेंटर) कहते हैं।

बता दें कि भूकंप के अधिकेन्द्र (ईपीसेंटर) पर सबसे अधिक क्षति मतलब नुकसान होता है। इसके बाद अधिकेन्द्र से भूकंप की तरंगे जैसे-जैसे दूर जाती हैं; उनकी शक्ति या कहें तीव्रता में भी कमी होती चली जाती है और भूकंपीय नुकसान घटता चला जाता है।

चलिए एक उदहारण के द्वारा समझते हैं – यदि भूकंप नेपाल में आता है तो उसका अधिकेन्द्र नेपाल होगा और उससे सटे हुए इलाकों (उत्तर प्रदेश और बिहार) में भूकंप के हल्के-फुल्के झटके लगेंगें मतलब अधिक दूरी तय करते हुए भूकंप की तीव्रता कम होती चली जाएगी; जिस कारण नुकसान भी कम होता चला जाएगा और आखिर में ऐसा पॉइंट आएगा जहाँ भूकंप की तरंगे बिलकुल ही ख़तम हो जायेंगी

भूकंप की तरंगें कितने प्रकार की होती हैं

यदि भूकंप से निकलने वाली तरंगों की बात करें तो यह मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं –

  1. प्राथमिक तरंगें (P-waves) – इन भूकंपीय तरंगों की गति (स्पीड) 6 किमी०/से० होती है। क्योंकि इन तरंगों की बहुत अधिक गति होती है; जिससे की भूकंपीय नुकसान बहुत कम मात्रा में देखने को मिलता है। इन तरंगों की तीव्रता 0 से लेकर 3 रिक्टर (Richter) तक देखने को मिलती है। भूकंप की यह तरंगे ज्यादा विनाशकारी नहीं होती हैं और इनसे हल्फे-फुल्के झटकों के अलावा ज्यादा नुकसान नहीं होता है।
  2. द्वतीय/गौड़ तरंगें (S-waves) – इन तरंगों की गति 3.5 किमी०/से० होती है क्योंकि इन तरंगों की गति औसतन होती है जिससे भूकंपीय नुकसान औसतन रूप में देखने को मिलता है। इन तरंगों की तीव्रता 4 से 7 रिक्टर (Richter) तक देखने को मिलती है। भूकंप की यह तरंगे प्राथमिक तरंगों से अधिक विनाश करती हैं और घरों खिड़कियाँ, दुकानों और ऑफिस के सारे फर्नीचर का हिलना और दीवारों में दरारें कर सकने में सक्षम होता है। 
  3. धरातलीय तरंगें (Surface waves) – तीसरी एवं आखिरी भूकंपीय तरंगों की बात करें तो इनकी गति 1.5 किमी०/से० होती है जोकि सबसे अधिक विनाशकारी तरंगें होती है और सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती हैं। इन तरंगों की तीव्रता 8 से से लेकर 10 रिक्टर तक पहुँच जाती है। यह तरंगें अत्यधिक विनाशकारी और भयाभय होती हैं क्योंकि यह बहुत अधिक तबाही मचाती हैं और यह ज़मीन में दारार, बड़ी-बड़ी इमारतें गिराने एवं सुनामी जैसी तबाही लेकर आती हैं।

नोट: भूकंपीय तरंगो की जितनी कम गति होती हैं तो वह उतनी ही अधिक विनाशकारी होती हैं और वहीं भूकंपीय तरंगों की जितनी ज्यादा गति होती है तो वह उतनी ही कम मात्रा में नुकसान पहुंचाती है।

भूकंप के कारण

जैसे कि भूकंप का आना एक प्राक्रतिक आपदा है और इसे इंसानों के द्वारा कभी भी रोका नहीं जा सकता है तो चलिए जानते हैं कि भूकंप आने का मुख्य कारण क्या हैं? –

भूकंप के मुख्य कारण के बारे में जानने से पहले टेक्टोनिक प्लेट्स (Tectonic plates) के बारे में जान लेते हैं जोकि हमारी प्रथ्वी के भौगोलिक सतह का आधार है। चूँकि प्रथ्वी पर कुल 7 टेक्टोनिक प्लेट्स और 26 सब-टेक्टोनिक प्लेट्स मौजूद हैं।

इन सभी टेक्टोनिक प्लेट्स में लगातार वृद्धि या सरकती (हल-चल) होती रहती है और आपस में एक दूसरे से टकराती रहती हैं। जिस कारण से हमें दुनियाभर में भूकंप के झटके एवं ज्वालामुखी विस्फोट जैसी आपदाएं देखने को मिलती हैं।

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भूकंप से बचाव

भूकंप से बचाव की बात करें तो यह जरा मुश्किल लगता है क्योंकि वर्तमान समय में भूकंप की कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता है। लेकिन कई सावधानियाँ हैं जिन्हें अपनाने से भूकंप से बचा जा सकता है और इसके झटकों के नुकसान से भी बहुत हद तक बचा जा सकता है। 

  • यदि आप घर के अंदर हैं और भूकंप के झटके महसूस हों तो घर के कोने, मेज या बेड के नीचे बैठ जाएँ। इसके अलावा आप घर के बाहर आ सकते हैं तो तुरंत घर से बाहर आकर खुले मैदान की तरफ भागें।
  • घर के अन्दर मौजूद सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एवं गैस सिलेंडर आदि को स्विच ऑफ कर दें।
  • यदि आप खुले मैदान में हैं तो किसी पेड के नीचे न खड़ा होकर किसी सुरक्षित ढकी हुई जगह के नीचे छिप जाएँ।
  • यदि आप किसी भी प्रकार का वाहन चला रहें हैं या उसमे बैठें हैं तो उसे धीमे से रोक कर बाहर निकल आयें।
  • यदि आप अचानक से भूकंप के झटके महसूस करते हैं तो कभी भी पुरानी इमारत, नदी, तालाब आदि के पास न खड़े होकर किसी सुरक्षित स्थान पर पहुँच जाएँ।

भूकंप से बचाव के अलावा इसकी भविष्यवाणी की बात करें तो यह बहुत मुश्किल है क्योंकि यह घटना इतनी जल्दी घटती है कि संभलने तक का मौका ही नहीं मिलता है। लेकिन भूकंप के लगभग 10-15 मिनट्स पहले कुछ पंक्षी एवं जानवर भूकंप की इम्फ्रासोनिक ध्वनि तरंगों की फ्रीक्वेंसी (20 हर्ट्स से कम) सुन लेते हैं और भागने लगते हैं मतलब उनके व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिलते हैं। लेकिन इन्सान शायद ही इस मौके का फायदा उठा सकने में सक्षम होते हैं और भूकंप के झटकों से निपटने के लिए तैयार हो जाते हैं।

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भूकंप से हानि

भूकंप जैसे आपदा से होने वाली हानियों से हर कोई परिचित है क्योंकि भूकंप की बहुत अधिक तीव्रता वाले झटकों से ज़मीन फटना, इमारतें गिरना एवं सूनामी आने जैसी हानियाँ देखने को मिलती हैं।

FAQ’s : बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न

Q. भूकंप के झटके क्यों आते हैं?

Ans. प्रथ्वी के गर्भ (आंतरिक भाग) में मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल (मूवमेंट) के कारण ही हमें भूकंप के झटके देखने को मिलते हैं।

Q. भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?

Ans. भूकंप की तीव्रता सिसमोमीटर के द्वारा सिस्मोग्राफ पर रिक्टर स्केल (Richter Scale) में मापा जाती है। इसके अलावा भूकंप के अध्ययन को सिस्मोलोजी कहा जाता है।

Q. सबसे ज्यादा भूकंप किस देश में आते हैं?

Ans. दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप जापान देश में आते हैं।

Q. जापान में सबसे ज्यादा भूकंप क्यों आते हैं?

Ans. जापान में सबसे ज्यादा भूकंप के झटके रिंग ऑफ़ फायर (प्रशांत महासागर का वह क्षेत्र जहाँ कई सारी टेक्टोनिक प्लेट्स एक साथ मिलती है और इस रेखा में मौजूद सबसे ज्यादा जापान देश को भूकंप के झटके झेलने पढ़ते हैं।) के कारण आते हैं।

Q. भारत में सबसे ज्यादा भूकंप कहाँ आते हैं?

Ans. यदि भारत में भूकम्पित इलाकों की बात करें तो इसमें नेपाल से सटे इलाके एवं हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर बिहार, कच्छ एवं कोकण तट आदि इलाके हैं।

Q. ऐसा कौन सा देश है जहाँ कभी भूकंप नहीं आता है?

Ans. नॉर्वे देश में न के बराबर भूकंप आते हैं तो वहीं अंटार्कटिका महाद्वीप में टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में न टकराने के कारण एक भी भूकंप का झटका नहीं आता है।

Q. भूकंप से क्या हानियाँ हैं?

Ans. भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदा से मानव जाति को बहुत अधिक हानियाँ को सामना करना पड़ता है जैसे कि इमारतों एवं पुलों का गिर जाना, इमारतों में दरार, ज़मीन फट जाना एवं समुन्द्र में सुनामी का आ जाना है।

Q. भूकंप केंद्र किसे कहते हैं?

Ans. ज़मीन के अन्दर जिस भी बिंदु से प्रारंभिक रूप से भूकंप उत्पन्न होता है तो उसे भूकंपीय केंद्र कहते हैं।

Q. सुनामी किसे कहते हैं?

Ans. समुन्द्र के अन्दर आने वाले भूकंप से सुनामी कहते हैं।

Q. भूकंप से बचाव के कौन से उपाय अपनाने चाहिए?

Ans. भूकंप के झटके महसूस करते ही शीघ्रता से घर मैं मौजूद सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकारणों को बंद कर दें और किसी कोने में या मजबूत फ़र्नीचर के नीचे बैठ जाएँ। इसके अलावा यदि घर कमजोर है तो घर के बाहर आकर मैदान में बैठ जाएँ। 

निष्कर्ष: The Conclusion

दोस्तों इस लेख में इतना ही जिसमे आपने भूकंप क्या है | भूकंप क्यों आते हैं | Earthquake meaning in hindi के अलावा Bhookamp kya hota hai, Bhookamp ke karan, Bhookamp se hani, Bhookamp se bachav आदि तथ्यों के सटीक रूप से सरलता में समझाया है।

इस आर्टिकल को पूरा पढने के बाद यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएँ।

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