नमस्कार दोस्तों, आप व्यापार शब्द से तो भली-भांति परिचित हैं जोकि एक दूसरे की आवश्यकताओं को पूरा करने का जरिया है। व्यापार के चलते आपने कभी न कभी आयात-निर्यात या इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट (Import-Export) शब्दों को कई बार सुना होगा जोकि दुनियाभर में होने वाले व्यापार की मूलभूत इकाइयाँ हैं।
यह पूरा लेख एक महत्वपूर्ण विषय पर होने के साथ-साथ अत्यंत जानकारी भरा होने वाला है क्योंकि इस लेख के माध्यम से आप आयात और निर्यात क्या है | Import and Export meaning in hindi के बारे में सम्पूर्ण जानकारी बहुत ही आसान रूप में पढने वाले हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आयात-निर्यात (इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट) द्वारा व्यापार दुनियाभर में कई सौ सालों से प्रचलित है क्योंकि दुनिया की हर देश के पास कोई न कोई रिसोर्सेज (संसाधन) होते हैं जोकि अन्य देशों के पास यह रिसोर्सेज (संसाधन) नहीं होते हैं। इसी चीज के चलते आयात-निर्यात का व्यापार दुनियाभर के देशों के लिए बहुत जरूरी बन जाता है।
अनुक्रम
आयात किसे कहते हैं – What is import in hindi
आयात (Import) मतलब किसी भी तरह की वस्तु या कोई सामान (Goods) को किसी बाहरी देश से खरीदकर अपने देने में लाने को आयात कहा जाता है। इसके अलावा भारत में मौजूद किसी एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान (गुड्स) मंगवाने को भी आयात (इम्पोर्ट) कहा जाता है।
दुनिया में कोई भी देश अपनी अनिवार्यताओं एवं आवश्यकताओं हेतु अन्य देशों से आयात (सामान खरीदना) करता है जोकि उस देश को सामान बेचने वाले देश को भुगतान करना पड़ता है। जिसके चलते विदेशी-मुद्रा भंडार में कमी आती है जोकि अर्थव्यवस्था को नीचे की ओर धकेलती है। लेकिन इन्हीं चीजों के चलते कोई भी देश बहुत आवश्यतानुसार एवं अनिवार्यता के चलते ही आयात करता है और कुछ चीजें अन्य देशों को निर्यात (एक्सपोर्ट) कर अपने देश की विदेशी-मुद्रा भंडार का संतुलन बनाए रखता है।
निर्यात किसे कहते हैं – What is export in hindi
निर्यात (Export) मतलब किसी भी तरह की वस्तु या कोई सामान (Goods) को अपने देश से किसी बाहरी देश में भेजने या बेचने को निर्यात कहा जाता है। इसके अलावा भारत में मौजूद किसी एक राज्य से दूसरे राज्य में सामान (गुड्स) भेजने या बेचने को भी निर्यात (एक्सपोर्ट) कहा जाता है।
निर्यात व्यापार (एक्सपोर्ट बिज़नेस) सीधे तौर पर किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर असर डालता है क्योंकि निर्यात करने से अन्य देशों से रुपया मिलता है जोकि विदशी-मुद्रा भंडार को मजबूती की ओर ले जाता है।
किसी बाहरी देश के साथ निर्यात (एक्सपोर्ट) शुरू करने से पहले कई सारे अनुबंध हस्ताक्षर (Contract Sign) करने पढ़ते हैं। भारत में निर्यात-व्यापार (Export Business) का कार्यभार विदेश व्यापार महानिदेशालय (Directorate General of Foreign Trade) संभालती है जोकि वाणिज्य और उधोग मंत्रालय भारत सरकार (Ministry of Commerce and Industry Government of India) के अंतर्गत काम करती है।
निर्यात शुरू करने से पहले आर्डर की पुष्टि, तैयार माल, गुणवत्ता नियंत्रण, वित्त, पैकेजिंग, बीमा, वितरण रूप-रेखा एवं सही दस्तावेजों पर अधिक रूप से गौर किया जाता है।
आयात और निर्यात में क्या अंतर है – Difference between import and export in hindi
आयात मतलब किन्ही बाहरी देशों से अपने देश में वस्तु या सामान (गुड्स) मंगवाना और वहीं निर्यात अपने देश से कोई वस्तु या सामान (गुड्स) बाहरी देशों में भेजना एवं बेचना होता है।
मतलब इस चीज को हम ऐसे भी समझ सकते हैं कि कोई कच्चा सामान (पेट्रोलियम, खाद्य आदि) या किसी प्रोडक्ट को एक देश ने बनाया और दूसरे देशों ने उस सामान या प्रोडक्ट को बहुत बड़े पैमाने पर आयात और निर्यात (Import and Export) किया। यह दोनों खरीद-बेच की प्रक्रिया एक दूसरे देशों के विपरीत होने को ही आयात-निर्यात कहा जाता है।
भारत सबसे ज्यादा क्या आयात करता है
भारत अपनी अनिवार्य जरूरतों के हिसाब से सबसे ज्यादा पेट्रोलियम उत्पाद (मुखतः कच्चा पेट्रोलियम), खनिज ईंघन, यांत्रिक उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, जैविक रसायन, कपडा उत्पाद, दवा उत्पाद, प्लास्टिक और कीमती पत्थर एवं रत्न आदि का बाहरी देशों से आयात (Import) करता है।
भारत सबसे ज्यादा क्या निर्यात करता है
भारत द्वारा निर्यात (Export) की जाने वाली चीजें डायमंड, ज्वैलरी, रिफाइंड पेट्रोलियम, आयन, स्टील, प्लास्टिक, वाहन, जैविक रसायन, दवाई सम्बंधित उत्पाद आदि बाहरी देशों को भेजता एवं बेचता है।
बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है जिस कारण से चीन का तेजी से आर्थिक विकास हो रहा है। लेकिन कुछ वर्षों से भारत भी एक बड़ा निर्यातक देश बनकर उभरा है जोकि वर्ष 2019 में भारत की जी.डीपी. में 11.73% हिस्सेदारी निर्यात (एक्सपोर्ट) की थी।
FAQs: अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
Ans. किसी बाहरी देश एवं राज्य से अपने देश एवं राज्य के भीतर वस्तु या सामान (गुड्स) को मंगवाकर अच्छे दामों पर बेचना आयात-व्यापार (इम्पोर्ट-बिज़नेस) कहलाता है।
Ans. अपने देश के अन्दर प्राक्रतिक चीजें या निर्माणित वस्तु या सामान (गुड्स) को किसी बाहरी देश में भेजना एवं बेचने को निर्यात-व्यापार (एक्सपोर्ट-बिज़नेस) कहते हैं।
Ans. इम्पोर्ट को हिंदी में आयात कहते हैं जिसका मतलब बाहरी देश से किसी वस्तु या सामान को अपने देश में मंगवाना होता है।
Ans. एक्सपोर्ट को हिंदी में निर्यात कहते हैं जिसका मतलब अपने देश के अन्दर से वस्तु या सामान को बाहरी देश में भेजना होता है।
Ans. किसी भी देश के लिए निर्यात (एक्सपोर्ट) करना बहुत अधिक आवश्यक है क्योंकि निर्यात करने से देश को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। जिससे उसका विदेशी-मुद्रा भंडार बढ़ता है और उस देश का आर्थिक विकास होता है।
निष्कर्ष – The Conclusion
इस लेख को यहाँ तक पढने के बाद आपने आयत-निर्यात (इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट) के बारे में बहुत ही सरलतम शब्दों में जाना। इस लेख में इतना ही जिसमे हमने आयात और निर्यात क्या है | Import and Export meaning in hindi और भारत के द्वारा किये जाने वाले प्रमुख आयात और निर्यात (Import Export of India in hindi) के बारे में भी बताया है।
इस लेख को लेकर यदि आपके मन में छोटा-बड़ा किसी भी प्रकार का सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएँ। हम आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का जल्द से जल्द जबाव देने का प्रयास करेंगे।
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हरिओम जी बहुत ही बढ़िया जानकारी दी है आप ने एक एक चीज क्लियर कर दिया बहुत ही सरल भाषा में आप ने समझया है। वैसे तो बहुत सारे लोगों ने आयत निर्यात की बारे में लिखा है। लेकिन आप की भाषा बिलकुल व्यवहारिक है बहुत अच्छे से समझ आ गया। इसके अलावा हमने बाकि ब्लॉग भी देखे बहुत ही बेहतरीन ढंग से समझाया है। आप ने हमने भी ब्लॉग्गिंग शुरू की है आप से कुछ सीखना चाहते हैं। कृपया जरूर मदत करें बहुत बहुत धन्यवाद।