सुकरात का जीवन परिचय | Socrates quotes in hindi

इस लेख में आप सुकरात का जीवन परिचय | Socrates quotes in hindi के बारे में जानने वाले हैं। जो एक महान दार्शनिक, विचारक और बुद्धिमता के स्वामी थे। जो गलियों में घुमते हुए, लोगो को ज्ञान-रुपी करते हुए चलते थे। जिन्होंने अपनी विचार-धारा से प्राचीन विश्व (Ancient world) में क्रांति ला दी थी।

बता दें कि प्राचीन विश्व में बहुत ज्यादा सुविधाएँ नहीं थीं – जैसे विज्ञान, टेक्नोलॉजी, और अनेकों सुविधाएँ जो आज के समय में हैं। और आप किसी से तर्क-वितर्क भी नहीं कर सकते थे। उस समय के राजा महाराजों के रुडीवादी नियम थे और वह बहुत ही मुश्किल समय था। उस समय में सभी ग्रहों (प्लैनेट्स) और सूरज को भगवान माना जाता था। और अपनी आबाज उठाना और किसी के खिलाफ बोलना आसान नहीं था। लेकिन सुकरात ने ये किया और बहुत ही अच्छी तरह से किया।

सुकरात आने वाली पीड़ी के लिए क्रांति लेकर आये। यह क्रांति इन्होने किसी हिंसा और हथियार से नहीं की थी वल्कि यह तो एक दार्शनिक विद्रोह था। सुकरात ने युवाओं में एक नई सोच जगाई। इनके लिखे हुए कथन आज भी किसी भी व्यक्ति की आँखे खोल सकते हैं। जो आप इस लेख के अंत तक पढकर जानने वाले हैं।

हम आशा करते हैं कि आप सुकरात का जीवन परिचय | Socrates quotes in hindi के बारे में वह प्रेरणा-पूर्वक तथ्य जानने वाले हैं जो शायद आप पहले न जानते हो।

बता दें की socrates (सोक्रेटस) के बारे में बहुत ज्यादा रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। जैसा कि आपको पता ही है की प्राचीन इतिहास (Ancient history ) में हमारे पास बहुत ज्यादा सुविधाएँ नहीं थी। हमें जितना भी इनका रिकॉर्ड मिलता है वो लिखित मिलता है। जो लोगों ने पहले लिखा था और ये तो हम बिलकुल भी नहीं कह सकते की ऐसा सच मैं हुआ ही होगा।

सुकरात ने कभी भी नहीं लिखा। वो तो केवल बोलते थे। लेकिन उनके शिष्य प्लूटो ने बाद में ये सारी चीजों को लिखा (socrates in hindi story) और इनके सबसे बड़े शिष्य प्लूटो (Pluto) ही थे। जो काफी मशहूर हुए, जिनके शिष्य अरिसटोटल (Aristotle) थे। इसी प्रकार इनके अनेकों शिष्य हुए। जिसमे सबसे ज्यादा युवा थे।

महान सुकरात का जीवन परिचय | Socrates biography in hindi

सुकरात एक ग्रेट यूनानी दार्शनिक (Philosopher) , विचारक और शिक्षक थे। जिनका जन्म 470/469 ईसा पूर्व ग्रीस (Greece) देश के एथेंस (Athens) शहर में डीम अलोपेस (deme Alopece) नामक जगह हुआ था। जो एक गरीब परिवार था। जिनके पिता का नाम सोफरोनिसकस (Sophroniscus) तथा माँ का नाम फेनरेट (Phaenarete) था। सुकरात के पिता एक मूर्तिकार थे। और अपने प्रारंभिक दिनों में सुकरात ने अपने पारिवारिक व्यवसाय में सहयोग किया। और उन्होंने शिक्षा में अपनी मातृभाषा, यूनानी कविताएँ, गणित तथा खगोल विज्ञान की शिक्षा को ग्रहण किया। सुकरात की शादी भी हुई, जिसमे उनकी पत्नी का नाम जान्थिपे (Xanthippe) था, और उनके तीन बेटे भी हुए जिनका नाम लेम्प्रोकल्स (Lamprocles),  सोफ्रोनिसस (Sophroniscus) तथा मेनेक्सेनस (Menexenus) था। और इसके पश्चात इन्होने अपने देश के लिए एक सैनिक के रूप में कई Battle (युद्ध में होने वाली छोटी-छोटी लड़ाईयां) में भी भाग लिया। लेकिन उनको परिवार से कभी भी ज्यादा लगाब नहीं रहा। और उन्होंने अपने परिवार को भी छोड़ दिया। क्योंकि उनको इन सभी चीजो में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं रहा। उनकी प्रारम्भ से ही एक अलग विचार धारा रही थी जैसे कि ये राजाओं के नियम ऐसे क्यों हैं। इन्होने डेमोक्रेसी को हमेशा ही नकारा। सुकरात गजब के फिलोसोफर थे। हमेशा कहा कि तर्क-वितर्क करो।

आपको बता दें उस प्राचीन समय (Acient Time) में इन्होने लोगो को सोचना सिखाया। और एक महान विचारक सुकरात की म्रत्यु 399 ईसा पूर्व (लगभग 71 वर्ष) में हुई।

सुकरात की म्रत्यु कैसे हुई थी | Socrates death in hindi

आपको आसान भाषा में बता दें कि सुकरात की म्रत्यु (Socrates death) का मुख्य कारण क्या रहा था?

तो चलिए जानते हैं –

ग्रीस युद्ध में बुरी तरह से परास्त हो चुका था हालाँकि वो दौर ही युद्धों का दौर था। इसी दौरान एक Battle of Agrinusae (बैटल जो युद्ध के दौरान छोटी-छोटी लड़ाईयां) हुई। जिसमे ग्रीस उस battle को जीत जाता है। उस जीत का वहां जश्न मनाया जाता है। जब सभी सैनिक वहां से अपने देश की और वापिस आ रहे होते हैं तो बहुत की भयानक तूफ़ान के कारण काफी लोग मारे जाते हैं।  उसमे जो 6 कमांडर जनरल भी थे। जो बचे लोगों में शामिल थे। जो उस Battle को लीड कर रहे थे। उनके वहां की सरकार के द्वारा बनाई हुई जस्टिस कमेटी member of the Boule के सामने लाया जाता है। (क्योंकि अभी की तरह वहां कोई प्रॉपर जस्टिस सिस्टम नहीं था।) जो वो जस्टिस कमेटी (जूरी) बोलती थी वही मानता पड़ता था।

उन सभी 6 कमांडर को बुलाकर ये पुछा गया की तुम अपनी प्रारंभिक ड्यूटी भी नहीं निभा सके। जिसके कारण लगभग सभी विजयी लोगों की जान चली गई। क्योंकि वहां के लोगों में पहले से ही बहुत गुस्सा था। क्योंकि वो हार का सामना लगातार कर रहे थे। और इस घटना के बाद उन सभी 6 कमांडर से साफ साफ बोला गया कि तुम्हारे ही कारण उन सभी की जान चली गई। आप सभी को सजा मिलेगी। पूरी की पूरी असेम्बली इसी फेवर में थी। मात्र एक व्यक्ति के जो सुकरात थे। वो बोले की ये गलत ऐसा बिलकुल भी नहीं होना चाहिए। इन्होने इसको पूरी तरह से नकार दिया। कहा इसमें इनकी गलती तो कतई नहीं है। लेकिन उसमे सुकरात सफल नहीं हो पाए, क्योंकि वहां लगभग सभी लोगो का मत एक ही था। और अंतह उन सभी 6 लोगों को विष के प्याले की सजा दी जाती है।

सुकरात को इन्ही मत भेदों के कारण असेम्बली के खिलाफ देखा जाने लगा। और जब 404 ईसा पूर्व में जब ग्रीस पूरी तरह से परास्त हो जाता है। तो सुकरात को बोला जाता है कि सभी चीजें तुम्हारे कारण ही हुई है। हम हारे, क्योंकि तुम्हारे कारण बहुत अधिक लोग आर्मी में नहीं आये। क्योंकि तुम बहुत सालों से लोगों को भड़का रहे हो। और जूरी इस बात को पूरी तरह से नकार देती है कि सुकरात शुरआती दिनों में आर्मी में ही थे। उन्होंने बहुत सारी Battle में एक साथ लड़ा। सुकरात को बुलाकर बोला जाता है कि तुम अपराधी हो क्योंकि तुम्हारे कारण ही ग्रीस पराजित हुआ। मजे की बात ये है की सुकरात को बिलकुल भी भय नहीं था कि मुझे ये मौत की सजा देने वाले हैं।

क्योंकि सुकरात के बहुत अधिक अनुयाई थे। तो जूरी ने इसके चलते कहा कि चलो एक काम करते हैं, तुम माफ़ी मांग लो। उसके बाद आप फिर से लोगों को को ज्ञान दो। हम तुम्हे यहीं रहने देंगे। क्योंकि सुकरात महान दार्शनिक थे। उन्होंने साफ नकार दिया कि मैं माफी क्यों मांगू यदि मैं गलत ही नहीं हूँ। उन्होंने कहा प्रश्न करना गलत है। और हाँ ये सभी गलत है, तो मेरे हिसाब से गलत को गलत कहना बिलकुल भी गलत नहीं है।

इसके पश्चात जूरी न्याय (Jury Justice) ने सुकरात को आदेश दिया कि विष का प्याला पी लो, जिसमे Hemlock नमक जहर था। जो सुकरात ने हँसते-हँसते विष का प्याला स्वीकार कर प्राण त्याग दिए।

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सुकरात के अनमोल विचार | Socrates quotes in hindi

1 -दुनिया में सबसे समझदार इन्सान वो है, जो ये जनता है कि मैं कुछ भी नहीं जानता।

2 -जो व्यक्ति अपने अवगुण और दूसरों के गुण देखता है, वही महान व्यक्ति बन पाता है।

3 – न्याय से पहले कुछ भी पसंद नहीं किया जाना चाहिए।

4 – मैं किसी को कुछ भी नहीं सिखा सकता, मैं केवल उनकी सोच बदल सकता हूँ।

5 – शिक्षा का तो एक लो के जैसा जलना है, बर्तन के जैसा भरना नहीं है।

6 – आलोचक मुझे हानि पहुंचा ही नहीं सकते क्योंकि वो मुझे मारते नहीं है।

7 – हमारी प्रार्थना सामान्य रूप से आशीर्वाद के लिए होनी चाहिए, क्योंकि ईश्वर सबसे अच्छा जानता है कि हमारे लिए क्या सही है।

8 – खुद को खोजने के लिए, अपने लिए सोचें।

9 – प्रत्येक वर्ष एक गलत आदत को मूल से खोदकर फैंक दिया जाए, तो कुछ ही वर्षों में गलत से गलत व्यक्ति भला हो सकता है।

10 – मूल्यहीन व्यक्ति केवल खाने-पीने के लिए जीते हैं, लेकिन मूल्यवान व्यक्ति जीने के लिए खाते-पीते हैं।

11 – जो इस पार या उस पार का सकंल्प लेते हैं, वही विजेता बनते है। बीच वाला तो बीच में ही डूब जाता है।

12 – प्रत्येक कार्य की अपनी खुशी और अपना मूल्य होता है।

13 – प्रश्न को अच्छे से अमझ लेना ही आधा उत्तर है।

14 – इस दुनिया में सम्मान से जीने का सबसे महान तरीका है कि हम वो बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं।

15 – सिर्फ जीना मायने नहीं रखता, सच्चाई से जीना मायने रखता है।

निष्कर्ष: Conclustion

आपको बता दे कि इनके अनुयायीओं में बहुत ज्यादा युवा लोग थे। यही कारण रहा कि हम इनके बारे में (Socrates in hindi story) लिखित इतिहास को जान सके।

आपको पता है ऐसे कितने ही साइंटिस्ट और कितने ही बड़े-बड़े फिलोशोफर रहे होंगे, जिनके बारे मैं आज भी कुछ पता नहीं है। क्योंकि उनके बारे में कोई लिखित रिकॉर्ड ही मौजूद नहीं है। सुकरात काफी खुशकिश्मत रहे कि उनका लिखित रिकॉर्ड है। जिसके कारण आज हम इन्हें भली-भांति जानते हैं। इनके बारे इनके शिष्य प्लूटो ने लिखा है जो इनके सबसे बड़े शिष्य थे।

तो बस इस पोस्ट मैं इतना ही तो आपको ये पोस्ट कैसी लगी। जिसमे हमने सुकरात का जीवन परिचय | Socrates quotes in hindi को बहुत ही सरल रूप से समझाया है। यदि आपका इस पोस्ट से सम्बंधित कोई सवाल या सुझाव हो। तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएँ।

This Post Has 2 Comments

  1. Sohil khan

    Sukraat bahut bade mahapurush aur deshbhakt bhi the

  2. Sanjana

    Very useful information about Socrates and lit in very easy language it’s make it so understandable ✨keep it up!
    Please share more info related to political science in Hindi 🤌

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