एंजेला मर्केल का जीवन परिचय | Angela Merkel biography in hindi

कहते हैं न कि औरतें आदमियों से कम नहीं होती हैं तो इसका जीता-जागता सबूत एंजेला मर्केल हैं जो मानव हित के लिए दुनिया में किसी की भी आँखों में आँखें डालकर बात करने का माजदा रखती हैं। वह दुनिया की सबसे ताकतवर महिला रहीं और वहीं अपने निडर फैसलों से ज़र्मनी की गद्द्दी बहुत लम्बे अरसे तक संभाली है। नमस्कार दोस्तों, इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते रहिए क्योंकि यहाँ आप एंजेला मर्केल का जीवन परिचय | Angela Merkel biography in hindi के अलावा एंजेला के बारे में रोचक बातें भी जानेंगे।

बता दें कि एंजेला मर्केल ज़र्मनी की पहली महिला चांसलर रहीं और वह वर्ष 2005 से 2021 तक लगातार 17 साल तक चांसलर (Chancellor) रहीं जोकि ज़र्मनी का सबसे बड़ा पद होता है और इस पद के पास देश की सर्वोच्च ताकते हैं। एंजेला का ज़र्मनी की बेहतरी में बहुत बड़ा योगदान है और इसी कारण यूरोपिन यूनियन मे ज़र्मनी का डंका बजता है।

एंजेला मर्केल का जीवन परिचय | Angela Merkel biography in hindi

Full NameAngela Dorothea Merkel
Childhood NameAngela Dorothea Kasner
Born17 July, 1954
Born PlaceHamburg, West Germany
FatherHorst Kasner
MotherHerlind Kasner
SiblingsIrene Kasner, Marcus Kasner
HusbandsUlrich Markel (1977-1982), Joachim Sauer (1998-present)
TitleFormer Chancellor of Germany
Height1.65m
Educations Leipzig University (BS), German Academy of Science at Berlin (PhD)
AwardsPresidential Medal of Freedom (2011), Indira Gandhi Award and Charlemagne Prize etc.
Residence Berlin, Germany

एंजेला मर्केल Angela Merkel का जन्म 17 जुलाई, 1954 को हैम्बर्ग (Hamburg), पश्चिमी ज़र्मनी (West Germany) में हुआ था। एंजेला के बचपन का नाम एंजेला डोरोथी केज्नर (Angela Dorothea Kasner) था और यह पूर्वी ज़र्मनी में पली-बड़ी हैं। इनके पिता का नाम होर्स्ट केज्नर (Horst Kasner) था जो बर्लिन मूल के थे और एक लूथरन पादरी (Lutheran Pastor) थे। और माता का नाम हेर्लिंड केज्नर (Herlind Kasner) था जोकि पोलिश मूल की थीं। इसके अलावा एंजेलाअपने दो भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। जिसमे इनके भाई का नाम मार्कस केज्नर (Marcus Kasner) और बहन का नाम इरेन केज्नर (Irene Kasner) है। 

एंजेला मर्केल जब बहुत छोटी थीं तब इनका पूरा परिवार धार्मिक कारणों के चलते बर्लिन, पूर्वी ज़र्मनी जा कर बस गया था।

एंजेला मर्केल का निजी जीवन – Angela merkel personal life in hindi

एंजेला मर्केल (Angela merkel) ने 23 साल की उम्र मे 1977 को उलरिच मर्केल (Ulrich Merkel) से शादी कर ली जोकि उनके छात्री-तौर पर दोस्त थे और और भौतिकी के छात्र थे। उलरिच मर्केल से ही एंजेला को मर्केल सर-नेम मिला है। जिसे इन्होने आजतक नहीं बदला है। लेकिन 1982 आते-आते इन दोनों ने तलाक ले लिया और अलग हो गए।

एंजेला मर्केल के दूसरे पति की बात करें जोकि हाल ही में इनके पति है। जिनका नाम जोयाचिम सोएर (Joachim Sauer) है। जो एक क्वांटम केमिस्ट (Quantum Chemist) और प्रोफेसर हैं और यह मीडिया से बहुत दूरी बनाए रखते हैं। एंजेला और जोयाचिम पहली बार 1981 में मिले थे और गुपचुप तरीके से प्रेम-प्रसंग में रहे। और इन्होने 30 दिसम्बर, 1998 में गुप्त रूप से शादी कर ली थी।

एंजेला मर्केल के कितने बच्चे हैं? – Angela merkel children

एंजेला मर्केल के बच्चों की बात करें तो इनके कोई बच्चे नहीं है। लेकिन इन्हें दूसरे पति जोयाचिम से 2 बेटे हैं जोकि जोयाचिम की पहली पत्नी से ही हैं।

एंजेला मर्केल की कितनी उम्र है? – Angela merkel age

एंजेला मर्केल की उम्र की बात करें तो वह 17 July, 1954 जन्मी थीं। इस प्रकार 03 मई, 2022 के अनुसार मर्केल 67 वर्ष, 09 महीने और 16 दिन की हो चुकी हैं। 

एंजेला मर्केल की शिक्षा – Angela Merkel education in hindi

एंजेला (Angela merkel) की शिक्षा की बात करें तो इन्होने 1973 में अपनी हाई स्कूल की पढाई तेम्प्लिन टाउन (Templin town), पूर्वी ज़र्मनी से की थी। इसके बाद 1978 में इन्होने कार्ल मार्क्स यूनिवर्सिटी (अब द यूनिवर्सिटी ऑफ़ लिपजिग) से भौतिकी में ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद इन्होने इन्होने 1978 से लेकर 1990 तक ‘द सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फिजिकल केमिस्ट्री ऑफ़ द अकैडमी ऑफ़ साइंस’ (the central institute of physical chemistry of the academy of science), पूर्वी बर्लिन से फिजिकल केमिस्ट्री में काम किया और इसी बीच 1986 में इन्होने क्वांटम केमिस्ट्री (Quantum Chemistry) में अपनी डॉक्टरेट (PhD) पूरी की थी।  

चांसलर कौन होता है? – Chancellor meaning in hindi

चांसलर का मतलब किसी विश्व-विध्यालय का प्रमुख या कुछ देशों में शासनाध्यक्ष होता है जोकि एक उच्चतम पद होता है।

यदि ज़र्मनी की बात करें तो जर्मनी का चांसलर ‘फ़ेडरल गवर्नमेंट ऑफ़ जर्मनी’ होता है। जैसे कि भारत में हेड ऑफ़ गवर्नमेंट प्रधानमंत्री होता है, ठीक इसी प्रकार ज़र्मनी में हेड ऑफ़ गवर्नमेंट चांसलर होता है। जिसका कार्यकाल 4 साल का होता है। 

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एंजेला मर्केल के बारे में रोचक बातें – Facts about Angela Merkel in hindi

  1. एंजेला मर्केल 17 साल से लगातार सत्ता में बनी हुई थीं। एंजेला ने यूरोपिन यूनियन के साथ बेहतर तालमेल और सुखद भविष्य की राह को आगे बढाया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि एंजेला मर्केल (Angela Merkel biography in hindi) को यूरोप की एक महान शख्सयित और ज़र्मनी की बेहतरीन चांसलर के तौर पर हमेशा याद किया जायेगा। 
  2. जब डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता में आये थे। उसके बाद वह ‘पेरिस क्लाइमेट अग्रीमेंट’ से बहार हो गए थे। तब एक मीटिंग के दौरान एंजेला मानो ट्रम्प से भिड ही गई थीं और डोनाल्ड ट्रम्प इसके जबाब में एक शब्द तक नहीं बोले थे। लेकिन अब सयुंक्त राज्य अमेरिका में जो बायडन की सरकार आ चुकी है और वह वापिस इस अग्रीमेंट में लौट आये हैं।   
  3. फोर्ब्स मैगजीन के द्वारा एंजेला को रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के बाद दुनिया की सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के तौर पर दो बार नामांकित किया था जोकि दुनिया में किसी भी महिला के लिए यह एक सर्वोच्च सम्मान है। इसके अलावा इन्हें कई बार ‘THE MOST POWERFUL PERSON IN THE WORLD’ भी चुना जा चुका है। 
  4. एंजेला मर्केल (Angela merkel) को दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिला नेता के रूप मे देखा जाता रहा है। क्योंकि इसका अंदाजा हम इस बात से लगा सकते हैं कि यह मुश्किल वक़्त में संतुलन बनाए रखने की खूबी रखती हैं। जिसका फायदा जर्मनी को एक दशक से भी ज्यादा समय से मिलता आ रहा है।
  5. ज़र्मनी को यूरोप की वित्तीय महाशक्ति बनाने में एंजेला मर्केल का बड़ा योगदान रहा है।
  6. एंजेला मर्केल अपने राजनीति के शुरूआती समय से ही जलवायु परिवर्तन पर बात करती आयीं हैं। इसके लिए इन्होने यूरोपिन यूनियन को भी राजी किया है।
  7. एंजेला के कार्यकाल में बेरोजगारी घटी है और अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। इन्होने लगभग सभी देशों से मित्रतापूर्ण सम्बन्ध बनाए रखे हैं।
  8. एंजेला मर्केल ने ओपन ड़ोर पोलिसी के तहत सीरिया और अफ़गानिस्तान के युद्धग्रस्त प्रवासियों के लिए ज़र्मनी के दरबाजे खोल दिए थे।
  9. एंजेला मर्केल शुरूआती दिनों में रूसी भाषा और भौतिकी में एक शिक्षक बनना चाहती थीं।
  10. एंजेला मर्केल लगातार 17 वर्ष तक ज़र्मनी की चांसलर रही और वहीं 2021 में अपना अंतिम कार्यकाल खतम होने के बाद इन्होने इस पद से सन्यास ले लिया। अब तक मर्केल का जीवन (Angela Merkel biography in hindi) बहुत सफल रहा है।
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ज़र्मनी का एक शहर

एंजेला मर्केल की उपलब्धियां क्या हैं? – (यूरो संकट)

वैसे तो एंजेला मर्केल उपलब्धियां अनगिनित हैं। लेकिन उनके शुरुआती कार्यकाल की बात करें तो 2007 में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय संकट था। जिसका उन्होंने सूझ-बूझ से रास्ता निकाला था।

यूरो-ज़ोन संकट के समय स्थिति ने एक अलग मोड़ ले लिया था। इस संकट के दौरान एंजेला की राय यह थी कि यूरोप के हर एक देश को अपनी वित्तीय चुनौती से खुद निपटना चाहिए। इसके बाद मर्केल ने ‘अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष’ यानीकी IMF और ‘यूरोप के केन्द्रीय बैंक’ के जरिये यूरो-जोन से जुड़े संकट को हल कराने में कामयाब रही थीं।    

एंजेला मर्केल एक संतुलित और व्यवाहरिक नेता हैं। वह चुनौतियों के समय साहसिक फैसले लेती रही हैं। यदि मोर्चा चाहे कूट नीति का हो या फिर गठबंधन से सहयोगियों के साथ ताल-मेल का उन्होंने हमेशा ख़ामोशी के साथ काम किया है। 

एंजेला मर्केल का विवादिक फैसला क्या था? – (सारणार्थी संकट)

एंजेला मर्केल (Angela merkel) ने ज़र्मनी में ‘ऑपन डोर पोलिसी’ लागू कर दी। जिससे कि सारणीर्थी/प्रवासी ज़र्मनी में आ सकते थे। लेकिन यूरोप के अन्य देशों ने इसका बिलकुल भी समर्थन नहीं किया था तथा उन्होंने कहा कि हम किसी प्रवासी को अपने देश में नहीं आने देंगे। 

वर्ष 2011 में सीरिया में जोरदार संघर्ष/युद्ध शुरू हो गया। जिसके बाद वहां के लोग यूरोप का रुख करने लग गए। इसके बाद ज़र्मनी में 10 लाख से ज्यादा प्रवासी दाखिल हो गए। शुरुआती सारणीर्थी संकट में ज़र्मनी के लोग सीमायें खुली रखने और प्रवासियों को देश में आने के समर्थन में थे। लेकिन बाद में वही लोग यह सोचने लगे कि हमने किन लोगों को अपने देश में आने दे रहे हैं? क्या यह फैसला सही है? क्या चीजे हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाएँगी?   

कुछ विशेषज्ञ बताते हैं कि जब एंजेला मर्केल ने यह फैसला लिया था तब उन्हें खुद अंदाजा नहीं था कि चीजे कैसे बदल जायेंगी? इनके इस फैसले से ज़र्मनी के लोग एंजेला से बहुत नाराज हुए और इनकी लोकप्रियता तेजी से घटने लगी। जिसके कारण विपक्षी पार्टी AFD को लोगों का समर्थन मिलने लगा था।   

लेकिन एंजेला मर्केल की अचूक उपलब्धियों और ज़र्मनी के प्रति महान कार्यों के नीचे उनकी बुराई दबी चली गई। और जब कोरोना महामारी को बहुत अच्छे से संभालने के बाद एक बार फिर से वह अगली चांसलर के रूप में देखी जाने लगी हैं। लेकिन वह अब इस पद की उम्मीदवारी से दूर ही रहेंगी।   

एंजेला मर्केल का राजनीतिक कैरियर क्या है? – Angela Merkel political career in hindi

एंजेला के राजनीतिक कैरियर की बात करें तो जब 1989 में बर्लिन की दीवार गिरी और ज़र्मनी का एकीकरण हुआ तब एंजेला मात्र 35 साल की थीं। इसी बीच उन्होंने राजनीति में सक्रीय होने का निर्णय लिया क्योंकि उन्हें पता था कि अभी ज़र्मनी एकजुट हो गया है और यह अच्छा मौका है राजनीति में आने का जिससे कि लोगों को उनका हक दिलाया जा सके।

इसके बाद 1990 में एंजेला मर्केल नवनिर्मित डेमोक्रेटिक अवेकनिंग पार्टी में प्रेस प्रवक्ता बन गईं। और बहुत ही जल्द यह पार्टी जर्मन सोशल यूनियन(DSU) और क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) के साथ गठबंधन में शामिल हो गई।

एंजेला मर्केल (Angela merkel) ने पहली बार 1990 में चुनाव लड़ा और वह जीत गईं। उस समय के चांसलर हेलमट कोहल (Helmut Kohl) थे जोकि मर्केल को प्यार से मेरी बेटी बुलाते थे और उनका मर्केल को बहुत बड़ा सपोर्ट था। हेलमट कोहल की कैबिनेट में एंजेला मर्केल को ‘मिनिस्टर फॉर वीमेन एंड यूथ’ (Minister for women and youth) बनाया गया। इसके बाद 1994 में इन्हें प्रमोट करते हुए ‘मिनिस्टर फॉर द एनवायरनमेंट एंड नुक्लियर सेफ्टी’ (Minister for the Environment and Nuclear Safety) बनाया गया था।   

एंजेला मर्केल ने अपनी राजनीतिक कैरियर का सफ़र डेमोक्रेटिक अवेकनिंग पार्टी से शुरू किया था। इसके बाद 1998 में हेलमट कोहल के हटने के बाद वह CDU पार्टी में सेक्रेटरी जनरल बन गईं। इस बीच इन्होने चुनावों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और इनकी सफलता को देख यह लगने लगा कि वह ही अगली चांसलर होंगी। लेकिन उनकी रूडिवादी धारणा के चलते कुछ नेता उन्हें पसंद नहीं करते थे। इसी कारण उन्हें 2005 तक का इन्तजार करना पड़ा।     

लेकिन 2005 के चुनाव से पहले एंजेला मर्केल को चारों ओर से समर्थन मिला और उन्हें चांसलर पद के लिए नॉमिनेशन भी मिल गया। इसके बाद इन्हें क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) पार्टी और अन्य पार्टियों के सहयोग से 2005 में ज़र्मनी की अगली चांसलर चुन ली गईं।

बता दें कि ज़र्मनी में 4 साल में एक बार चुनाव होते हैं। मर्केल 2005 के बाद 2009, 2013 और 2017 में लगातार विजयी होकर चांसलर बनती आ रही हैं। लेकिन मेर्केल ने 2021 के चुनाव से पहले ही सार्वजनिक रूप से घोषणा कर दी है कि वह 5वीं बार चांसलर पद की उमीदवार नही होंगी। 

निष्कर्ष: The Conclusion

तो बस इस लेख में इतना ही जिसमे हमने एंजेला मर्केल का जीवन परिचय | Angela Merkel biography in hindi  के अलावा German Chancellor Angela Merkel के अब तक के सफ़र को कम और सरल शब्दों में समझाने की कोशिश की है। यदि आपका इस लेख से सम्बंधित कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएँ।

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