नमस्कार दोस्तों, आप इस पोस्ट में आप बहुत ही मशहूर लड़की जिसने मात्र 15 साल की उम्र में अपनी डायरी (Diary of a young Girl) से पूरी दुनिया जीत ली। जो हमेशा सभी लड़की/औरतों के दिल पर राज करने वाली और कभी ना मरने वाली लड़की है। जिसे आज पूरी दुनिया उसकी लिखी डायरी के बजह से जानती है। जिसकी पूरी दुनिया में करोड़ों कॉपीज बिकी। जो 20th सेंचुरी की सबसे महान किताबों में से एक मानी जाती है।
यह डायरी नाजिओं के द्वारा यहूदियों पर किये गए अत्याचारों का जीता जागता सबूत है। यह डायरी बहुत से नाटकों और मूवीज का आधार और प्रेरणा-स्त्रोत भी बनी। ऐन हमेशा कहती थीं कि “डायरी के पन्नों में बहुत अधिक धेर्य होता है, बजाह लोगों के”। हम आशा करते हैं की आप Anne Frank in hindi | ऐन फ्रैंक कौन हैं? के बारे में जानेंगे और अंत तक पढकर सभी रोचक तथ्यों को जानोगे जो शायद आपको ना पता हों।
बता दें की ऐन फ्रैंक सबसे कम उम्र दराज लेखिका थीं। जिन्हें लिखना पसंद था। जो लेखिका बनाना चाहती थीं। लेकिन ऐन को क्या मालूम था कि वह अपनी मौत के बाद पूरी दुनिया में सबसे मशहूर लेखिका बन जाएगी।
ऐन फ्रैंक की जीवनी: Anne frank biography in hindi
ऐन फ्रैंक (Anne Frank) का जन्म 12 जून सन 1929 को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में हुआ था। वह एक यहूदी थी। जब वह 4 साल की थी तभी जर्मनी पर नाजियों का नियंत्रण हो गया था। इसी कारण उन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा नीदरर्लैंड के एम्सटर्डम में और उसके नजदीक ही बिताया। और जिनकी म्रत्यु मात्र 15 वर्ष की आयु में ‘बैर्गेन बेलसेन के एक यातना शिविर’ में टायफस फीवर, भूख, कमजोरी और यातना के कारण हुई। जो पूरी दुनिया को मौत के बाद भी जीना सिखा गई। वह एक डायरी लेखिका (Diarist) और साधारण लेख-निबंध के लिए प्रारम्भ से ही प्रतिबद्ध थीं।
ऐन जिस डायरी में लिखती थीं। वह उनकी सबसे अच्छी दोस्त थी। दोस्त इसलिए भी थी क्योंकि जिन परस्थितियों में वो थीं, वहां ज्यादा लोग नहीं थे; जिन्हें वो दोस्त बना सके जिनसे वो घुल-मिल सके, कुछ लोगो के अलावा। इसी कारण उन्होंने इस डायरी को अपनी सबसे अच्छी सहेली बना लिया और उस डायरी को वह किटी बुलाती थी। उससे बातें करती थीं और इन्होने डायरी में अपने जीवन में घटने वाली हर एक घटना को उतारा है। जिसमे ये तो बिलकुल भी नहीं लगता की यह लेख एक 13 साल की लड़की ने लिखा है। जिसमे उसने गहरे जज्बातों और विचारों को बड़ी सटीकता से उतारा (लिखा) है।
ऐन फ्रैंक की डायरी: Anne Frank diary in hindi
उन्होंने अपनी डायरी में लिखा था –
“मैं परेशानियों के बारे में कभी नहीं सोचती, बल्कि उन अच्छे पलों को याद करती हूँ जो अब भी बाकी हैं।”
“मैं उन औरतों जैसा जीवन जीने के बारे में सोच भी नहीं सकती, जो अपना काम करती रह जाती हैं । और भुला दी जाती हैं । मैं इस तरह का जीवन नहीं जीना चाहती, जैसा की ज्यादातर लोग जीते हैं । मैं एक ऐसा जीवन जीना चाहती हूँ. जिससे दुसरे लोगों को फायदा हो; उनको भी जिनसे मैं नहीं मिली। मैं मरने के बाद भी जीना चाहती हूँ।”
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रोचक तथ्य (Facts about Anne Frank)
1. ऐन फ्रैंक एक जर्नलिस्ट और और मशहूर लेखक बनना चाहती थीं। और अपनी ज़िन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती थीं।
2. नाजियों के डर से 6 जुलाई, 1942 को फ्रैंक फॅमिली ने एम्सटर्डम में छिपने का फैसला किया, और वो एक बिल्डिंग के अंदर सीक्रेट अपार्टमेंट में छिप गये। वो अपार्टमेंट उस कंपनी का ‘वेयर-हाउस’ था जहाँ ऐन के पिता कार्य करते थे। उसी अपार्टमेंट को बाद में ‘सीक्रेट एनेक्स‘ (seccret annex) कहा गया। जिसके ठीक 24 दिन पहले ही ऐन 13 साल की हुई थी। ऐन को जन्मदिन के मौके पर उनके पिता ने उन्हें कई गिफ्ट दिए जिसमे लाल और सफ़ेद चोखाने वाली वो डायरी भी थी। जिसकी आज हम चर्चा कर रहे हैं।
3. इस ‘सीक्रेट एनेक्स’ में ऐन और उसकी फॅमिली ने 2 साल 35 दिन बिताये। इसी दौरान ऐन ने अपनी डायरी को लिखा था।
4. जिस ‘सीक्रेट एनेक्स‘ में फ्रैंक फॅमिली छुपी थी; उनके अलावा उसमे 4 लोग और छुपे हुए थे।
5. 4 अगस्त 1944 को नाजियों ने ‘सीक्रेट एनेक्स’ मे छुपी फ्रैंक फॅमिली को ढूंड लिया। नाजियों ने उन्हें एम्सटर्डम से आस्विज यातना शिविर (Auschwitz Concentration Camp) में भेज दिया। आस्विज शहर पहुंचकर पुरुषों को तो महिला और बच्चो से बिलकुल ही अलग कर दिया जाता था। इसी कारण ऐन के पिता ओट्टो फ्रैंक जल्दी ही अपनी फॅमिली से अलग हो गये। लेंकिन ऐन, उनकी बहन और उनकी माँ आस्विज नजरबंदी शिविर में एक साथ ही रहे। थोड़े दिनों के बाद उनकी बहन मर्गोत फ्रैंक (Margot frank) और उनको अपनी माँ से भी अलग कर दिया गया। और दोनों बहनों को ‘बैर्गेन बेलसेन कॉन्सनट्रेशन कैंप’ (Bergen Belsen Concentration Camp) में भेज दिया गया। जहाँ दोनों बहनों की दर्दनाक म्रत्यु हुई।
6. वह सभी लोग जो ‘सीक्रेट एनेक्स’ में छुपे थे। उनमे से ऐन के पिता ओट्टो फ्रैंक ही अकेले ऐसे व्यक्ति थे जो यातना शिविर (consentraton camp) से जीवित वापिस आये। वापिस आने के बाद उनको जानकारी मिली कि उनकी दोनों बेटियां और पत्नी अभी जीवित नहीं हैं।
7. मीप गीस (Miep Gies) जो ‘फ्रैंक फॅमिली’ की काफी करीबी दोस्त थी। जो यहूदी नहीं थी। जब ‘फ्रैंक फॅमिली’ सीक्रेट एनेक्स में रह रही थी, उस दौरान मीप गीस अपनी जान कोखिम में डालकर फ्रैंक फॅमिली के लिए जरूरी चीजें खाना आदि लेकर आती थी। जब नाजिओं ने ‘फ्रैंक फॅमिली’ को पकड़ लिया। उसके बाद मीप गीस ‘सीक्रेट एनेक्स’ में आई और उसने पड़ा वहां पड़ा सारा सामान को रख लिया; जिसमे ऐन की डायरी भी थी। जब ऐन के पिता यातना शिविर से वापिस लोटे, तब मीप गीस ने ऐन की डायरी उन्हें दे दी। ओट्टो फ्रैंक के दोस्तों ने उनसे कहा की उन्हें अपनी बेटी की डायरी पब्लिश करनी चाहिए। उन्होंने ऐसा ही किया।
8. जब तक ऐन की डायरी मीप गीस के पास रही। तब तक मीप गीस ने उस डायरी का एक शब्द तक नहीं पड़ा था। डायरी पब्लिश होने के बाद ही मीप गीस ने उसे पड़ा। बाद में मीप गीस ने बताया कि अगर मैंने वो डायरी ओट्टो फ्रैंक को देने से पहले पड़ ली होती। तो मैंने उस डायरी को जला दिया होता क्योंकि ऐन ने उस डायरी में मेरा, मेरे पति का और उन सभी लोगो का जिक्र किया था, जिन्होंने सीक्रेट एनेक्स में छुपे सभी यहूदियों की मदद की थी। उन्होंने ये भी बताया इस कारण उन्हें नाजिओं द्वारा म्रयु दंड भी दिया जा सकता था।
9. यह भी माना जाता है कि यह डायरी बाइबिल (Bible) के बाद दूसरी सबसे ज्यादा पड़ी जाने वाली बुक है। ये दुनिया की सबसे प्रशिद्ध डायरी है। इसे 60 से भी अधिक भाषाओँ में ट्रांसलेट किया जा चुका है।
आज यदि ऐन ये देख पाती की इतनी छोटी सी उम्र में उसने कितने लोगो को प्रेरित (inspire) किया है। तो शायद उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना न रहता।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह लेख बहुत ही जानकारी पूर्ण लगा होगा। जिसमे हमने Anne Frank in hindi | ऐन फ्रैंक कौन हैं? और उनके जीवन के खास पहलुयों के बारे में अच्छे से बताया है। यदि आप ऐसे ही और थथ्यों से भरपूर आर्टिकल्स पढना चाहते हैं। तो इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें। यदि आपको इस आर्टिकल से सम्बंधित कुछ भी कहना हो तो नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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