स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen hawking biography in hindi

नमस्कार दोस्तों, जैसे कि आपको टाइटल से पता चल गया होगा कि इस लेख में आप महान एवं अदभुत वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen hawking biography in hindi के बारे में पढने जा रहे हैं। इसके अलावा हमारे द्वारा इस लेख में सर स्टीफन से जुडी सभी प्रकार की छोटी-बड़ी जानकारी दी गई है। हम उम्मीद करते हैं कि आप इस लेख को अंत तक पढ़कर सर स्टीफन हॉकिंग से जुडी सभी प्रकार की जरूरी जानकारी को जरूर पढेंगें।

बता दें कि सर स्टीफन का एक समय पर शरीर का कोई भी बाहरी हिस्सा काम नहीं करता था। जिस कारण वह चल और बोल नहीं सकते थे और शारीरिक रूप से आम इंसानों की तरह काम नहीं कर सकते थे लेकिन फिर भी वह जीना चाहते थे। यानिकी पूर्ण-रूप से विकलांग होने के बावजूद स्टीफन हॉकिंग (Stephen hawking in hindi) ने साबित कर दिया कि यदि इंसान की ख़ुद पर पूर्ण-विश्वास और इच्छा-शक्ति हो तो वह कुछ भी कर सकता है। इसी विकलांगता के साथ हॉकिंग ने अपने जीवन-काल में ब्रहमांड के कई अकल्पनीय रहस्यों से परदा उठाया।

बेजान शरीर लिए व्हीलचेयर पर बैठे सर हॉकिंग ने कहा था – “मुझे मौत से कोई डर नहीं लगता लेकिन मुझे मरने की भी कोई जल्दी नहीं है क्योंकि मरने से पहले ज़िन्दगी में मुझे बहुत कुछ करना बाकी है

स्टीफन हॉकिंग का जीवन परिचय | Stephen hawking biography in hindi

नाम स्टीफन हॉकिंग
पूरा नाम डॉ. स्टीफन विलियम हॉकिंग
पिता फ्रैंक हॉकिंग
माता इसोबेल एलीन हॉकिंग
जन्म 8 जनवरी, 1942 (ऑक्सफ़ोर्ड, यूनाइटेड किंगडम)
पत्नी जेन वाइल्ड (1965-1995), ऐलेन मेसन (1995-2006)
बच्चे तीन (रोबर्ट हॉकिंग, लूसी हॉकिंग और टिमोथी हॉकिंग)
नागरिकता ब्रिटिश
शिक्षा सेंट अलबन्स स्कूल, भौतिकी में ग्रेजुएशन (यूनिवर्सिटी कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड) 1962, भौतिकी में डोक्टरेट – Ph.D (ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज़) 1966
बेस्ट सेलर किताब ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम
मशहूर ख़गोल वैज्ञानिक या कोस्मोलॉजिस्ट, भौतिक वैज्ञानिक और लेखक
पेशा भौतिक विज्ञानी, ब्रहमांड विज्ञानी और एक लेखक
बीमारी मोटर न्यूरोन या ALS (एम्योट्रोफिल लेटरल स्क्लेरोसिस)
म्रत्यु 14 मार्च, 2018 (कैम्ब्रिज़, यूनाइटेड किंगडम)

स्टीफन हॉकिंग का शुरूआती जीवन – Stephen hawking early life in hindi

स्टीफन विलियम हॉकिंग के शुरूआती जीवन की बात करें तो स्टीफन का जन्म 8 जनवरी, 1942 को यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के ऑक्सफ़ोर्ड शहर में हुआ था। इनके जन्म के दौरान दूसरा विश्व-युद्ध चल रहा था; इसी कारण इनके माता-पिता को हाईगेट (Highgate) शहर से ऑक्सफ़ोर्ड मे जाकर बस गए थे।

इनके पिता का नाम फ्रैंक हॉकिंग (Frank Howking) जोकि एक डॉक्टर थे और माँ इसोबेल एलीन हॉकिंग (Isobel Eileen Hawking) जोकि एक गृहणी थीं। इनके अलावा स्टीफन के तीन भाई-बहन और थे।

हॉकिंग जब ‘कैम्ब्रिज़ विश्वविधालय’ में डोक्टरेट की पढाई कर रहे तो विश्वविधालय के एक प्रोग्राम के दौरान उनकी मुलाकात जेन वाइल्ड (Jane Wilde) से हुई। जेन एक साहित्य (Literature) की छात्रा थी जबकि हॉकिंग ‘ख़गोल भौतिकी’ (Astrophysics) के छात्र थे।

इसके अलावा इन दोनों की भगवान (ईश्वर) प्रति बिलकुल अलग-अलग राय थी। जिसमे जेन भगवान में विश्वास करती थी तो वहीँ स्टीफन का भगवान में बिलकुल भी विश्वास नहीं था। इसके बाबजूद भी दोनों में दोस्ती हो गई और बाद में प्रेम भी हो गया।    

कॉलेज के दौरान एक दिन जब स्टीफन को अपने शरीर में शून्यता महसूस हुई और वह कॉलेज में ही बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया; उस दौरान स्टीफन को पता चला कि उन्हें ‘मोटर न्यूरोन’ नामक ला-इलाज बीमारी है। जिसके कारण आने वाले समय में उनके शरीर की माशपेशियों का का नियंत्रण उनके कण्ट्रोल से बाहर हो जायेगा। 

बता दें कि इस बीमारी का पता चलने के बाद स्टीफन ने जेन से अलग होने के फैसला कर लिया था लेकिन जेन स्टीफन से बहुत प्यार करती थी। और जब जेन को स्टीफन की बीमारी के बारे में पता चला तो जेन जोकि स्टीफन से बहुत प्यार करती थीं, इसीलिए उन्होंने स्टीफन से शादी करने का फैसला कर लिया।

इसके बाद इन दोनों ने 14 जुलाई, 1965 को शादी कर ली। शादी के कुछ समय बाद इन दोनों के एक बेटा हुआ; जिसका नाम इन्होंने रोबर्ट हॉकिंग (Robert Hawking) रखा था। इसी दौरान स्टीफन डोक्टरेट के लिए अपनी थीसिस (Thesis) पर काम करते रहे और उन्होंने सफ़लतापूर्वक अपनी डोक्टरेट की उपाधि हाशिल कर ली।

लेकिन स्टीफन का शरीर बीमारी के कारण कमज़ोर होता चला गया। इसके कुछ समय बाद उन्होंने चलने की ताक़त भी खो दी, जिसके बाद जेन स्टीफन के लिए एक व्हीलचेयर ले आयीं; जिससे कि उन्हें चलने-फिरने में आसानी हो सके।

समय बीतता रहा और स्टीफन के दूसरे बच्चे के रूप एक बेटी पैदा हुई; जिसका नाम उन्होंने लूसी हॉकिंग (Lucy Hawking) रखा था। लेकिन धीमे-धीमे स्टीफन का शरीर साथ छोड़ता चला गया।

बता दें कि जेन वाइल्ड डॉ. स्टीफन और अपने बच्चों के साथ बहुत व्यस्त हो गईं थीं। जिस कारण जेन को अपनी डोक्टरेट के लिए थीसिस पूरी करने का बिलकुल भी समय नहीं मिलता था।

इसी दौरान जेन की मुलाक़ात जोनाथन (Jonathan) से हुई जोकि एक म्यूजिक टीचर थे। जिसके बाद जोनाथन स्टीफन के घर आकर उनके बच्चों को पियानो (Piano) सिखाने लगे और स्टीफन के परिवार की भी मदद करने लगे।

जोनाथन का डॉ. स्टीफन के परिवार के साथ काफी समय गुजारने के बाद वह जेन के बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे। इसके कुछ समय के बाद जेन के तीसरे बेटे टिमोथी हॉकिंग (Timothy Hawking) का जन्म हुआ। टिमोथी के जन्म के बाद लोग कहने लगे कि यह स्टीफन हॉकिंग का नहीं वल्कि जोनाथन का बेटा है। लेकिन जेन के मुताबिक यह तीसरा बेटा डॉ. स्टीफन का ही बेटा था।

इसके बाद स्टीफन अपने सौध कार्यों में लगातार व्यस्त रहे लेकिन एक बार डॉ. स्टीफन बहुत बीमार (निमोनिया) हो गए। जिसके बाद उन्हें की बहुत गंभीर परिस्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया। हॉकिंग की स्थिति में सुधार के लिए उनकी पत्नी (जेन) के कहने पर डॉक्टर्स ने स्टीफन के गले में छेद कर दिया। जिसके बाद डॉ. स्टीफन ने बोलने और मुँह से भोजन करने की क्षमता को खो दिया था।

कुछ समय बाद डॉ स्टीफन की पत्नी जेन बहुत व्यस्त होने लगी। इसी कारण स्टीफन हॉकिंग की देख-रेख के लिए एक नर्स को नियुक्त किया गया; जिसका नाम एलेन मेसन (Elaine Mason) था और वह हर समय स्टीफन के साथ रहती थी। नर्स एलेन डॉ. स्टीफन को स्पेल्लिंग बोर्ड की सहायता से बोलने में मदद करती थी और इन दोनों के एक दूसरे के साथ बहुत अधिक समय गुजारने के बाद यह दोनों बहुत जल्द घुल-मिल गए थे।  

स्पेल्लिंग बोर्ड के बाद जल्द ही डॉ. स्टीफन के लिए वॉइस सिंथेसाइजर का प्रबंध कर दिया गया। जिसकी सहायता से स्टीफन अपने हाथ में मौजूद रिमोट से स्क्रीन पर टाइप कर सकते थे, जिससे कि वह टेक्स्ट को रोबोटिक फॉर्म कि वॉइस में बदल देता था। जिससे कि लोग स्टीफन को सुन सकते थे।

जिसके बाद स्टीफन ने एक किताब (A Brief history of time) लिखी जोकि अंतराष्ट्रीय लेवल पर बेस्ट सेलर रही थी।

इस किताब की सफलता के बाद ‘सयुंक्त राज्य अमेरिका’ ने स्टीफन को पुरुष्कार के लिए अपने देश बलाया। जिसके बाद स्टीफन ने यह बात अपनी पत्नी को बताई और साथ में उन्होंने यह भी बताया कि वह अपनी नर्स एलेन को भी अमेरिका ले जाना चाहते हैं। जिसके बाद जेन को लगा कि मेरा और स्टीफन के बीच पति-पत्नी का रिश्ता पहले जैसा नहीं रहा मतलब जेन समझ गईं कि अब हमारी शादी नाम-मात्र की ही रह गई है।

इस घटना के बाद दोनों दुखी हुए क्योंकि उन दोनों को भी मालूम था कि अब यही सच है और कुछ दिनों के बाद दोनों ने तलाक लेने का फैसला कर लिया था।

इसके बाद जेन ने जोनाथन से शादी कर ली और अपनी डोक्टरेट भी पूरी कर ली, वहीं डॉ. स्टीफन ने अपनी नर्स एलेन से शादी कर ली थी। बता दें कि तलाक के बाद भी जेन और उनके बच्चे डॉ. स्टीफन से जुड़े रहे थे।

स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा – Stephen hawking education in hindi

हॉकिंग (Stephen Hawking) ने शुरूआती पढाई सेंट अलबन्स स्कूल से की थी। स्टीफन ने अपने कई इंटरव्यू में माना था कि वह शुरूआती पढाई में एक कमजोर छात्र थे और वह 8 साल की उम्र तक पढना भी नहीं सीख पाए थे और यूनिवर्सिटी में जाने तक वह एक आलसी छात्र थे।

लेकिन एक आलसी छात्र होने के बाबजूद भी स्टीफन को स्कूली दिनों में अलबर्ट आइंस्टीन कहा जाता था क्योंकि वह स्पेस-टाइम और यूनिवर्स के बारे बचपन से ही ग़जब की जानकारी रखने लग गए थे।

स्कूलिंग ख़तम करने के बाद स्टीफन ने स्कॉलर से दाखिला लेकर यूनिवर्सिटी कॉलेज (ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय) में भौतिकी में ग्रेजुएशन पूरा किया।

इसके बाद स्टीफन डॉक्टरेट (Ph.D.) के लिए ट्रिनिटी हॉल, कैम्ब्रिज़ में आ गए। जहाँ इन्हें पहली बार अपनी ALS मतलब ‘एम्योट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस’ बीमारी के लक्षण दिखे। लेकिन इन्होने इस बीमारी को दर-किनार कर 1966 में भौतिकी में डोक्टरेट (पीएचडी) पूरी कर ली।  

आपको बता दें कि अपने पढाई पूरी करने तक स्टीफन हॉकिंग अन्य छात्रों की तरह ही जानकारी रखते थे न कि वह वैज्ञानिक तौर पर जानकारी रखते थे। लेकिन इस बीमारी के बारे में पता चलने के बाद इनके परिवार और पत्नी के सहयोग (सपोर्ट) के कारण इन्होने अपना समय पूरी तरह से पढाई को समर्पित कर दिया।

स्टीफन की इसी महनत के कारण आज इन्हें पूरी दुनिया इनकी अदभुत खोजों और वैज्ञानिक तौर पर महत्वपूर्ण योगदान के कारण महान वैज्ञानिक के रूप में जानती है।

स्टीफन हॉकिंग की खोजें – Stephen hawking invention in hindi

महान वैज्ञानिक एवं कोस्मोलोजिस्ट स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) ने अपने जीवन-काल में कई खोजें की। जिसमे कि बिग-बेंग थ्योरी की खोज जो बताती है कि हमारे ब्रह्माण्ड (ग्रहों, सोरमंडल और आकाश-गंगा) का जन्म कैसे हुआ था? मतलब इन्होने बिग-बेंग सिद्धात के द्वारा यह बताया था कि समय (Time) कैसे शुरू हुआ था?

इसके अलावा इन्होने दुनिया को ब्लैक हॉल जैसी सम्भावना से वाकिफ़ कराया और गणना कर सिद्ध भी किया कि ब्लैक-हॉल का सिद्धांत एग्जिस्ट (मौजूद) करता है। जिसमे स्टीफन ने ब्लैक हॉल को क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics) के द्वारा अध्यन किया और इसी कारण इन्होने ‘हॉकिंग रेडिएशन प्रक्रिया’ की भी ख़ोज की। इनके अलावा इन्होने दुनिया को समय यात्रा (Time Travel) करने का विचार और कई अन्य खोजें और सिद्दांत दिए।

स्टीफन हॉकिंग की किताबें – Stephen hawking hindi book

सर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking)  ने अपने जीवन-काल में कई किताबें लिखीं, लेकिन सबसे ज्यादा ख्याति उन्हें अपनी पहली किताब ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम (A Brief History of Time from The Big Bang to Black holes)’ से मिली। जोकि इन्होंने 1988 में प्रकाशित की; जिसमे हॉकिंग ने विज्ञान के प्रति अपने विचार बहुत ही सरलता से रखे थे। इस किताब ने विज्ञान की दुनिया में तहलका मचा दिया था क्योंकि इससे पहले किसी भी वैज्ञानिक ने विज्ञान को इस लेवल पर आज तक नहीं समझाया था।

यह किताब अपने समय की बेस्ट सेलर रही थी और इसने कई सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। इस किताब की आज तक तकरीबन 10 करोड़ कॉपीज बेकी जा चुकी हैं।

इस किताब के प्रकाशित होने के बाद डॉ हॉकिंग ने कहा था कि मेरा हमेशा से सपना था कि मैं विज्ञान पर ऐसी किताब लिखूं; जिसे आम लोग भी बहुत ही आसानी से समझ सकें।

ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम किताब के प्रकाशित होने के बाद स्टीफन ने कहा था कि इस किताब के पब्लिश होने के बाद मेरा वर्षों पुराना सपना पूरा हो गया।

बता दें कि स्टीफन ने यह किताब अपने पूरी तरह से अपंग होने के बाद लिखी थी। यह किताब कोस्मोलोजी पर आधारित है; जिसमे उन्होंने समय की शुरुआत कहाँ से हुई? बिग-बेंग थ्योरी और ब्लैक-हॉल जैसे विषयों को समझाया है।

इसके अलावा स्टीफन हॉकिंग की कुछ मशहूर किताबों की बात करें तो इसमें –

  • ब्लैक होल्स एंड बेबी उनिवेर्सेस एंड अदर एसेज – 1993
  • द यूनिवर्स इन ए नटशैल – 2001
  • ऑन द शोल्डर ऑफ़ जाईन्ट्स – 2002
  • गॉड क्रिएटेड द इन्टेज़र्स – 2005
  • माय ब्रीफ हिस्ट्री – 2013
  • ब्रीफ आंसर टू द बिग क्वेशन्स – 2018 

स्टीफन हॉकिंग को कौन सी बीमारी थी – Stephen hawking disease in hindi

महान वैज्ञानिक सर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) जिन्होंने ब्रहमांड के रहस्यों को समझने में दुनिया की बहुत मदद की थी। जिनका जीवन एक आम इंसान की तरह तो बिलकुल भी नहीं रहा क्योंकि वह 21 वर्ष की आयु मे मोटर न्यूरोन (Motor neurone) या ALS मतलब Amyotrophic Lateral Sclerosis नामक ला-इलाज बीमारी से पीड़ित हो गए थे।

इस बीमारी के बारे में पता चलने के बाद डॉक्टर्स ने स्टीफन के परिवार को बताया था कि स्टीफन लगभग 2 से 3 वर्ष ही जीवित रह सकते हैं। लेकिन इस बीमारी से डरने के बजाय स्टीफन ब्रहमांड को समझने के लिए अपनी पढाई और सौध-कार्यों में जुट गए।

बता दें कि इस बीमारी से पीड़ित रोगी का उसकी माशपेशियों से नियंत्रण छूटने लगता है और धीरे-धीरे वह अपंग हो जाता है और अंततः उसकी म्रत्यु हो जाती है।

लेकिन स्टीफन ने अपनी द्रढ इच्छा-शक्ति से डॉक्टर्स को गलत साबित कर दिया और इस बीमारी के पता चलने के बाद वह 50 साल से भी ज्यादा जीवित रहे। हालांकि धीरे-धीरे वह इस बीमारी के कारण पूरी तरह से अपंग हो गए लेकिन उनका दिमाग एक आम इन्सान से कई गुना ज्यादा ताक़तवर बना रहा। 

जब हॉकिंग (Stephen Hawking) का शरीर इस बीमारी के कारण (एक गले की सर्जरी) पूरी तरह से विकलांग हो गया था तब वह न बोल सकते थे और न ही लिख सकते थे। इसके बाबजूद उन्होंने कई किताबे लिखीं, वैज्ञानिक खोजें की और दुनियाभर में लोगों को संबोधित किया। यह सभी चीजें इन्होंने स्पीच सिंथेसाइज़र की मदद से की क्योंकि स्पीच सिंथेसाइज़र उनकी स्पीच जेनेरेटिंग डिवाइस था। जिसकी मदद से वह अपनी गाल की माशपेशियों के कंपन्न के द्वारा शब्दों को टाइप करते थे। इस तकनीक में अधिक विकास होने के कारण वह लोगों से बात भी कर पाते थे।

स्टीफन हॉकिंग की मूवी – Stephen hawking hindi movie

सर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) की मूवी की बात करें तो इनके जीवन पर आधारित 2015 में ‘द थ्योरी ऑफ़ एवरीथिंग (The Theory of Everything)’  मूवी बनी थी। डॉ. स्टीफन के जीवन पर आधारित यह मूवी लोगों के बीच काफ़ी सफल रही क्योंकि दुनियाभर के लोगों को इस मूवी के माध्यम से हॉकिंग के जीवन को समझने का मौका मिला था।

स्टीफन हॉकिंग की म्रत्यु कब हुई – Stephen hawking death in hindi

स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) के चलने-फिरने में असमर्थ होने के बाबजूद भी उन्होंने दुनियाभर का भ्रमण किया और लोगों को संबोधित किया। दुनियाभर में मशहूर कोस्मोलिस्ट और भौतिक-शास्त्री और एक वैज्ञानिक सर स्टीफन हॉकिंग का 14 मार्च, 2018 सुबह को 76 वर्ष की आयु मे कैंब्रिग (Cambridge), यूनाइटेड किंगडम में निधन हो गया।

विज्ञान के क्षेत्र में अधिक योगदान देने वाले महान वैज्ञानिक सर स्टीफन विलियम हॉकिंग को दुनिया कभी नहीं भूल पाएगी और वह आज भी वैज्ञानिक-जगत में अमर हैं।

स्टीफन हॉकिंग के द्वारा की गईं भयानक भविष्यवाणियाँ

विज्ञान जगत में महान योगदान देने वाले डॉ. स्टीफन हॉकिंग की भविष्यवाणियों की बात करें तो यह एक दम सच लगती हैं और इस सच को झुटलाना बहुत मुश्किल है।

डॉ. स्टीफन (Dr. Stephen Hawking) का जीवन अन्य लोगों से जुड़ने के लिए पूरी तरह से टेक्नोलॉजी और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पर निर्भर था। जिसमे स्टीफन की व्हीलचेयर पूरी तरह से आधुनिक थी। इसके बाबजूद भी स्टीफन ने कहा कि अत्यधिक तकनीक और AI (आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस) एक दिन मानव-जाति का अंत का कारण बन सकती है।

अपनी भविष्यवाणियों में सर स्टीफन हॉकिंग ने कहा था –

  • हॉकिंग इस बात से पूरी तरह सहमत थे कि प्रथ्वी से दूर दूसरे ग्रहों और अनंत ब्रहमांड में अनैकों जीव (एलियन) हो सकते हैं। जिसमें उन्होंने यह भी कहा था कि हमें एलियन से संपर्क करने की कोशिश बिलकुल भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह प्रथ्वी-वासियों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
  • हॉकिंग ने दुनिया के अंत के बारे में बात करते हुए कहा था कि दुनिया का अंत जलवायु-परिवर्तन, बढती जनसँख्या, परमाणु युद्ध और AI मतलब आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस जैसे कारणों से होगा।
  • हॉकिंग ने भविष्यवाणी करी थी कि प्रथ्वी का अंत आपस में हुए परमाणु युद्दों के द्वारा भी हो सकता है।
  • हॉकिंग ने कहा था कि भविष्य में प्रथ्वी पर AI या आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (रोबोट्स) का कब्ज़ा होगा। और यदि यह हुआ तो मानव AI से कभी नहीं जीत सकता है। क्योंकि वह कहते थे कि मानव द्वारा आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का बहुत अधिक विकास करने के बाद AI ख़ुद को बेहतर बनाने में लग जाएगी। इसके बाद यह इंसानों के साथ ठीक वही व्यवहार करेगी जोकि आज हम खुद से कम बुद्धि वालों (जानवर, मशीन आदि) के साथ करते हैं।
  • हॉकिंग के मुताबिक 600 वर्षों के अंतराल में प्रथ्वी का तापमान बहुत अधिक बढ जाएगा और प्रथ्वी पर अम्लीय वर्षा होगी। जिसके बाद प्रथ्वी जीवन जीने योग्य नहीं रह जाएगी। जिस कारण मजबूरन मावन-बस्ती को किसी अन्य गृह पर जाकर बसना ही होगा और इसी कारण हमें दूसरे ग्रहों पर बसने की तैयारी अभी से कर देनी चाहिए।

इन भयंकर जलवायुवीय-परिवर्तन से लेकर एलियन-आक्रमण तक सभी बाते सच लगती हैं। बता दें कि समय के साथ इन सभी बातों पर मानव द्वारा गौर नहीं किया गया तो जीवन का अंत होना लगभग तय है।

इसे भी जाने: दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवनी?

स्टीफन हॉकिंग के बारे में कुछ रोचक तथ्य – Interesting facts about Stephen hawking in hindi

  1. महान स्टीफन हॉकिंग (Stephen hawking in hindi) कहते थे कि “म्रत्यु निश्चित है लेकिन जन्म और म्रत्यु के बीच कैसे जीना है? वह केवल हम पर निर्भर करता है।“
  2. स्टीफन जोकि शारीरिक रूप से विकलांग होने के बाबजूद अपने आत्मविश्वास के बल पर दुनिया के सबसे अनूठे वैज्ञानिक बने जो सामान्यतया सभी लोगों को दर्शाता है कि यदि अपने काम के प्रति अधिक महनत की जाए तो आप जरूर सफ़ल होते हैं।
  3. स्टीफन हॉकिंग का शरीर पूरी तरह से अपंग हो चुका था। इसी कारण वह बेजान शरीर के साथ व्हीलचेयर रहते थे लेकिन उनका दिमाग एक आम इंसान से कई गुना ज्यादा ताक़तवर था।
  4. स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) के जन्म और म्रत्यु के साथ एक रोचक सयोंग जुड़ा हुआ है। जिसमे जिस दिन महान वैज्ञानिक गैलिलियो गेलीली (Galileo Galilei) की म्रत्यु हुई थी; उसके पूरे तीन सौ वर्ष बाद हॉकिंग (Stephen Hawking) का जन्म था। और दूसरा सयोंग मे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) के जन्म-दिन वाले दिन हॉकिंग की म्रत्यु हुई थी।   
  5. हॉकिंग हमेशा कहते थे कि हम जिस पर भी चाहे उस पर विश्वास करने के लिए पूरी तरह से आजाद हैं। जिसमे मेरा स्पष्ट विचार है कि कोई ईश्वर (भगवान) नहीं है और न ही ईश्वर ने ब्रहमांड बनाया है और न ही यह हमारा भाग्य लिखता है।
  6. प्रोफ़ेसर हॉकिंग की विचारधारा को दुनियाभर में मौजूद कई धार्मिक गुरु बिलकुल भी समर्थन नहीं करते थे क्योंकि उनकी विचारधारा हॉकिंग की विचारधारा से बिलकुल भी मेल नहीं खाती थी।  
  7. हॉकिंग कहते थे कि इसमें कोई मत (विचार) नहीं होना चाहिए कि यह ब्रहमांड कैसे बना? लेकिन यह साफ़ है कि इसे केवल विज्ञान के द्वारा ही समझा जा सकता है।
  8. उन्होंने (Stephen Hawking) हमेशा कहा कि प्रथ्वी पर मौजूद मानवजाति के बजूद को भौतिकी के सिद्धांतो का आभार मानना चाहिए न कि ईश्वर (भगवान) जैसी किसी सत्ता का यकीन करना चाहिए।  
  9. जब कोई व्यक्ति सर स्टीफन हॉकिंग से मिलने जाता था तो वह यह सोचता था कि वह एक ऐसे विकलांग (मरगिल्ले) व्यक्ति से मिलने जा रहा है, जिसे केवल दिमाग ही कहा जा सकता है। लेकिन जब वह हॉकिंग के सामने पहुँचता था तो उसका विचार पूरी तरह से बदल जाता था क्योंकि हॉकिंग को किसी की मदद, सहानुभूति और दया की जरूरत नहीं पड़ती थी वल्कि व्हीलचेयर पर बैठकर स्टीफन सभी काम खुद कर सकते थे।  
  10. स्टीफन को दुनियाभर में अनैकों सम्मान और मानद-उपाधियों से सम्मानित किया गया था।

स्टीफन हॉकिंग के विचार – Stephen hawking hindi quotes | Stephen hawking thoughts in hindi

“इंसान की प्रयास करने की कोई सीमा नहीं होनी चाहिए क्योंकि जब तक ज़िन्दगी है तब तक उम्मीद है।”

“कुछ भी हमेशा के लिए मौजूद नहीं रहता है।”

“शायद भगवान हो सकता है! लेकिन ब्रहमांड को केवल विज्ञान के द्वारा ही समझा जा सकता है।”

“ब्रहमांड से बड़ा और पुराना कुछ भी नहीं है।”

“यदि आप ब्रहमांड को समझने की ओर अग्रसर होते तो समझलें कि आप इसे नियंत्रित करने जा रहे हैं।”

“बुद्दिमत्ता अनुकूल परिवर्तन होने की क्षमता है।”

“यदि आपको हमेशा गुस्सा और शिकायत रहती है तो समझलें कि लोगों के पास आपके लिए बिलकुल भी समय नहीं है।”

“महिलाएं एक पहेली सामान होती हैं।”

“मुझे पता है कि मेरे पास बर्बाद करने के लिए बिलकुल भी समय नहीं है।”

“मुझे मालूम है कि कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आएगा लेकिन मैं एक नास्तिक हूँ।”

FAQs – अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न – महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का पूरा नाम क्या था?

उत्तर – महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का पूरा नाम डॉ स्टीफन विलियम हॉकिंग था।

प्रश्न – स्टीफन हॉकिंग को कौन सी बीमारी थी?

उत्तर – स्टीफन हॉकिंग को मोटर न्यूरोन या ALS (एम्योट्रोफिल लेटरल स्क्लेरोसिस) नामक बीमारी थी।

प्रश्न – स्टीफन हॉकिंग की शिक्षा क्या थी?

उत्तर – सर स्टीफन हॉकिंग ने भौतिकी में स्नातक एवं भौतिकी में ही डॉक्टरेट यानिकी Ph.D की थी।

प्रश्न – स्टीफन हॉकिंग ने क्या-क्या भविष्यवाणी की थीं?

उत्तर – सर स्टीफन हॉकिंग ने अधिक विकशित टेक्नोलॉजी और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस द्वारा मानव-जाति को खतरा, जलवायु-परिवर्तन, बढ़ती जनसँख्या एवं अन्य ग्रहों पर रह रहे संभवत: एलियन्स द्वारा खतरों की संभावना जतायी थी

निष्कर्ष: The Conclusion

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