हेलन केलर का जीवन परिचय | Biography of Helen Keller in Hindi

थोड़ी देर के लिए मान लीजिए कि जिस घर में आप रह रहे हैं वहाँ की लाइट चली जाए या फिर आप जिस कमरे मैं आप हो वहाँ बिलकुल भी रोशनी ना हो। मतलब अँधेरा ही अँधेरा हो और यह अँधेर कुछ ही देर के लिए तो आप कैसा महसूस करोगे?

सोचिए कि जिस इन्सान की ज़िन्दगी में अँधेरा हमेशा के लिए हो गया हो और वह कुछ देख ही नहीं सकता हो तो यह कोई छोटी सी समस्या तो बिलकुल भी नहीं है वल्कि बहुत ही बड़ी समस्या है। ठीक यही संघर्ष हम हेलन केलर का जीवन परिचय | Biography of Helen Keller in Hindi को पढ़कर जानेंगे। हेलेन ने जीवनभर कभी भी हार नहीं मानी और पूरी दुनिया में प्रेरणा की स्रोत बनीं।

चलिए जानते हैं कि हेलन केलर (Helen Keller) ने ऐसा क्या हासिल (Achieve) किया था जोकि यह पूरी दुनिया के लिए इंस्पपिरेशन बनी तो हम आशा करते हैं कि आप हेलन (Helen Keller in hindi) के बारे में सब कुछ आसान और कम शब्दों में इस लेख के अंत तक जरूर पढेंगे जोकि शायद पहले आप नहीं जानते हो।

बता दें कि हेलन हमेश कहती थीं कि इससे भी ज्यादा बुरा क्या है जोकि अँधेरे से भी गहरा काला है वो वह यह है कि ‘आपके पास आँखे तो हैं लेकिन कोई वीजन (Vision) नहीं है।’ तो आप सच में अंधे हो।

हेलन की यही विचार-धारा पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा स्रोत बनी क्योंकि हेलन सुन और देख नहीं सकती थीं और किसी आम इंसान की तरह बोल भी नहीं सकती थी। फिर भी हेलन ने साबित कर के दिखा दिया कि यदि आप अपने लक्ष्य के प्रति कठिन परिश्रम पूरी ईमानदारी से करते हो तो निश्चित ही सफलता मिलती है। इसके साथ-साथ हेलन मरते दम तक दरियादिल इंसान भी रही।

हेलन केलर का जीवन परिचय | Biography of Helen Keller Hindi

नाम हेलन केलर
पूरा नाम हेलन ऐडम्स केलर
जन्म-दिन 27 जून, 1880
जन्म-स्थान तस्कम्बिया, अलबामा, सयुंक्त राज्य अमेरिका
पिता अर्थर हेनले केलर
माता केट ऐडम्स केलर
शिक्षा बी.ए. – रेडक्लिफ़ कॉलेज (हार्वर्ड यूनिवर्सिटी)
म्रत्यु 1 जून, 1968 (87 वर्ष)
बीमारी डेप्थ-ब्लाइंड (अंधी-बहरी)
अध्यापिका एन सेलविन
पेशा समाज-सेविका, मोटिवेशनल स्पीकर, लेखिका और लेक्चरार

हेलन केलर का जन्म 27 जून, 1880 को तस्कम्बिया, अलबामा, यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका में हुआ था। हेलन केलर का पूरा नाम ‘हेलन ऐडम्स केलर’ था। पिता का नाम अर्थर हेनले केलर (Arthur Henley Keller) था जोकि सेना में कैप्टन के रूप में कार्यरत रह चुके थे और माँ का नाम केट ऐडम्स केलर (Kate Adams Keller) था जोकि एक गृहणी थीं और हेलन से बेहद प्यार करती थी।

हेलन जोकि डेप्थ-ब्लाइंड (Depth blind) मतलब ‘अंधी और बहरी’ थीं। लेकिन उन्होंने टच करने के फील हो इतना विकसित कर लिया कि उन्होंने पूरी दुनिया को प्रेरित करते हुए 28 जून,1904 को रेडक्लिफ कॉलेज (Redcliffe college), हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ़ आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया। और अपनी 87 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को बहुत कुछ सिखाया। जिनकी म्रत्यु 1 जून, 1968 को अपने वेस्टपोर्ट (Westport) स्थित घर हुई।

हेलन जब पैदा हुई थीं तब वह सभी बच्चों की तरह सामान्य थीं। लेकिन 19 महीनों की आयु में उनको तेज बुखार (ब्रेन फीवर) हुआ। जिसके कारण वो डेप्थ-ब्लाइंड हो गई। जिसमे उन्होंने देखने और सुनने की शक्ति/क्षमता को खो दिया और आपको बता दें जो लोग सुन और देख नहीं सकते वह लोग बोलते भी बहुत कम हैं। इसी कारण हेलन कभी सामान्य इन्सान की तरह जीवन भर न बोल सकी।

इस समस्या के पश्चात हेलेन के परिवार ने काफी कोशिश करी और बहुत डॉक्टर्स से मिले कि उनकी बेटी सामान्य बच्चों की तरह देख, सुन और बोल सके लेकिन यह परेशानी कोई भी डॉक्टर सही नहीं कर पाया। और जीवन-भर हेलन सामान्य इन्सान की तरह देख और सुन नहीं पायी।

हेलन केलर का परिवार ऐसी जगह रहता था जहाँ से विकलांग लोगों का स्कूल या संस्था बहुत दूर थे। जिससे कि हेलन कुछ सीख सके। इसी कारण हेलन के परिवार को काफी चिंता थी कि उनकी बेटी सामान्य बच्चों की तरह ज़िन्दगी जिये क्योंकि आप कल्पना करके देखिये। जिस व्यक्ति को इस संसार में किसी भी चीज का मतलब ही नहीं पता हो। उसके जीने का क्या ही फायदा है। इन्ही कारणों के चलते हेलन के परिवार को एक ट्यूटर की जरूरत थी। जो उनके घर आकर उनकी बेटी को कुछ सिखा सके। जिससे वो चीजों को समझ सके।

हेलन केलर जब 6 वर्ष की थीं तब उनके संपर्क में उनकी टीचर आयी और वही हेलन की लाइफ का टर्निंग पॉइंट था। जहाँ से उनकी पूरे जीवन को एक नई दिशा मिल गई।

आपको बता दे कि हेलन की सफलता और उपलब्धियों मे जितनी भूमिका उनकी खुद की है; उससे कहीं ज्यादा भूमिका उनकी टीचर एन सेलिवन (Anne Sullivan) की है। क्योंकि जो कभी ना हार मानने वाला जज्बा, हेलन में उनकी टीचर एन सेलिवन से आया था। जब एन सेलिवन ने उनको सिखाना शुरू किया। तो उस समय हेलन और एन के लिए सबसे बड़ा चैलेंज ये नहीं था कि उनको शब्द कैसे सिखाये जाएँ? बल्कि चैलेंज ये था कि उस शब्द का एक्चुअल मतलब क्या है? मतलब उस शब्द का किस ऑब्जेक्ट से सम्बन्ध है। क्योंकि वो देख नहीं सकती थी और सुन नहीं सकती थी। तो उनको कैसे बताया जाये कि वह टच करती है। उसको क्या कहते है? मतलब इसको पानी कहते है, टेबल कहते है, कुर्शी कहते है, यह सबसे बड़ा चैलेंज था।

हेलन केलर की फिल्म – Movie on helen Keller in hindi

हेलन केलर के जीवन पर आधारित कई मूवी बनीं। जिसमे एक मूवी बॉलीवुड में संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित ब्लैक (Black) बनी जो 2005 में प्रदर्शित हुई थी। जिसमे अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी ने काम किया था। ये मूवी पूरी तरह से हेलन के जीवन पर आधारित नहीं थी। लेकिन The Miracle Worker मूवी जो कि पूरी तरह से हेलन के जीवन पर आधारित है। वो मूवी आपको जरूर देखनी चाहिए। जिससे आप हेलन के जीवन के बारे में और अच्छे से जान पाओगे। क्योंकि आप प्रेक्टिकली देखोगे कि ये चमत्कार (Miracle) कैसे हुआ था?

दी मिरेकल वर्कर (The miracle worker) मूवी के मुताबिक ‘एन सेलिवन’ जो हेलन की टीचर थी। वो हेलन की माँ से बोलती हैं कि मेरी सबसे बड़ी चुनौती यह कि मैं हेलन से कम्यूनिकेट कैसे करूँ? मतलब मैं कैसे बताऊँ कि इस शब्द का मतलब यह होता है मतलब यह पानी है, खिलौना है, टेबल है, मेरा सबसे बड़ी चुनौती यही है। तो हेलन की माँ ने बोला तो आप यह कैसे करोगी? तो उनकी टीचर ने जबाब दिया की मुझे नहीं पता कि ये कैसे होगा? लेकिन यह होगा। जब हेलन सभी से कम्यूनिकेट कर पायेगी। पर कब होगा? ये कोई नहीं बता सकता। लेकिन ये होगा जरूर। और जब हेलन ने पहला शब्द अपने मुंह से बोला था। वो water (पानी) था। उसके बाद हेलन माँ के पास गई, पिता के पास गई। उनको टच किया फिर टीचर के पास गई उनसे पूछा कि इसका क्या मतलब है? उन्होंने हाथों पर लिख कर बताया कि इस का मतलब यह है, इसका मतलब यह है। मतलब एन हेलन के हाथों पर ही अक्षर की आकृति बना कर के समझाया करती थीं। फिर ये सिलसिला शुरू हुआ और उसके बाद हेलन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आपको यह और अच्छे से समझाना है तो आपको The miracle worker मूवी जरूर देखनी चाहिए। जिसमे हेलन के बचपन के जीवन (Biography of Helen Keller in hindi) को बहुत अच्छे से फिल्माया गया है।

हेलन केलर की कहानी | Helen Keller story in hindi

Anne sullivan and helen keller
Anne Sullivan and helen keller

जैसे कि आप उपर्युक्त पढ चुके हैं कि यह कहानी हेलन केलर की अकेले की नहीं है। वल्कि एन सेलिवन और हेलन दोनों की है। क्योंकि मरते दम तक एन ने हेलन का साथ नहीं छोड़ा क्योंकि यह टीचर और स्टूडेंट का सम्बन्ध नहीं था वल्कि एक दोस्ती की भी कहानी बनी। और हेलन ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ( story of my life ) में भी बार-बार जिक्र किया है कि मैं अपने टीचर की बिना इतना सब सोच भी नहीं सकती थी। तो हम इस कहानी से सिर्फ ये नहीं सीखते की इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। बल्कि ये भी सीखते हैं कि रिलेशनशिप क्या होती है? मतलब दो लोग साथ में मिलकर कुछ भी कर सकते हैं। चमत्कार कर सकते है।

हेलन केलर इसके बाद सीखती चली गई। उन्होंने सबसे पहले शब्द सीखे, शब्द से बने वाक्य, ग्रामर और फिर लिप्स और थ्रोट को टच करके बोलना भी सीख गई। वो दुनिया की पहली इंसान बनी जिन्होंने  डेप्थ ब्लाइंड होने के बाबजूद भी बैचलर ऑफ़ आर्ट्स में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। लेकिन वह यहीं नहीं रुकी क्योंकि उन्हें दुनिया के लिए इन्सपिरेसन बनाना था। तो उन्होंने पड़ा, बोला और लिखना भी शुर कर दिया। किताबे (books) भी लिखीं। जिसमे स्टोरी ऑफ़ माय लाइफ काफी पोपुलर रही क्योंकि वो उनकी ऑटोबायोग्राफी थी। हेलन यही नहीं रुकी। उन्होंने पूरे वर्ल्ड में ट्रेवल किया और एक वक्ता (Lecturer) के तौर पर। जिसमे उन्होंने कई देशों में प्रेरणात्मक भाषण दिए।

जो लड़की देख, सुन और बोल नहीं सकती थी। वो एक लेखिका, लेक्चरार और ग्रेजुएट हुई। समाज में महिलाओ को बराबरी का दर्जा दिलवाने के लिए अपनी आबाज बुलंद की। सोचो विकलांग शारीरिक अवस्था में लोग अपने लिए कुछ नहीं कर पाते लेकिन उन्होंने पूरी दुनिया से कहा –

“कभी भी सर झुकाकर मत जीयो, सर उठा कर जीयो”

यही सब हेलन की उपलब्धि (अचीवमेंट) थीं। और कौन जो बचपन से ही न देख सकती थी और ना ही सुन सकती थी। इस असंभव (impossible) काम को हेलन और एन (उनकी अध्यापिका) ने मिलकर पूरा किया और पूरी दुनिया से कहा कि इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं है।

तो हम हेलन केलर का जीवन परिचय | Biography of Helen Keller Hindi से यह सीख सकते हैं कि हमें किसी भी छोटी सी छोटी परेशानी के कारण बस रोते नहीं रहना है। जैसे हम ज्यादातर करते हैं। हमें लड़ना है जैसे की हेलन ने लड़ा और बहुत ही बखूबी लड़ा और लड़ा ही नहीं लाखों लोगों को अपने इस अंदाज से प्रेरित भी किया।

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हेलन केलर के विचार | Helen Keller quotes in Hindi | Helen Keller thinking

“अँधेरे में एक दोस्त के साथ चलाना, प्रकाश में अकेले चलने से बेहतर है।

“जीवन में कोई विज़न (लक्ष्य) ना होने से अंधा होना बेहतर है।”

“दुनिया में सबसे अच्छी और सबसे सुंदर चीजों को देखा या स्पर्श नहीं किया जा सकता, उन्हें सिर्फ दिल से महसूस किया जा सकता है।”

“यदि संसार में केवल ख़ुशी होती तो हम बहादुर और धेर्यवान होना कभी नहीं सीखते।”

“जीवन पाठों का उत्तराधिकारी है, जिसे समझने के लिए जीना बहुत जरूरी है।”

“हम जीवन में कुछ भी कर सकते हैं, यदि हम उससे जीवन भर जुड़कर रहना चाहते है।”

“ज्ञान और प्रेम प्रकाश की द्रष्टि है।”

“मैं शांति नहीं चाहती। जो समझ में आता है वो समझ चाहिए जो शांति खुद लाती है।”

“जीवन एक रोमांचक यात्रा है, और सबसे रोमांचक ये तब है जब ये किसी दुसरे के लिए जी जाये।”

“अपने सर को कभी ना झुकाए, उसे ऊँचा रखे और दुनिया को सीधे आखों से देखें।”

मतलब आपके अंदर दुनिया की आँख में आँख डालकर चलने का दम होना चाहिए। और दोस्तों मजे की बात तो यह है कि ये सोच किसकी है? जो कभी देख ही ना सकी। तो मतलब साफ़ है, यदि आप देख नहीं सकते तो क्या हुआ? तब भी दुनिया की आँख में आँख डालकर के बात करो।

FAQs: बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न

Q. हेलेन केलर का जन्म कब हुआ था?

Ans. हेलेन केलर का जन्म 27 जून, 1880 को हुआ था।

Q. हेलेन केलर का जन्म कहाँ हुआ था?

Ans. हेलेन केलर का जन्म यूनाइटेड स्टेट के तस्कम्बिया (अलबामा) में हुआ था।

Q. हेलेन केलर की विकलांगता क्या थी?

Ans. हेलेन केलर को डेप्थ-ब्लाइंड नामक बीमारी थी जिस कारण वह पूरी तरह से अंधी और बहरी थी। इसके अलावा अपने शुरआती समय तक बोलने में भी सक्षम नहीं थी।

Q. हेलेन केलर किस आयु में अपनी देखने सुनने की शक्ति खो चुकी थी?

Ans. हेलेन केलर ने देखने और सुनने की शक्ति मात्र 19 महीनों की आयु में खो दी थी।

Q. हेलेन केलर ने जीवन भर किसके लिए काम किया?

Ans. हेलेन एक लेक्चरर और लेखिका होने के साथ समाज में महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलवाने के लिए आगे आयीं और समाज को मोटीवेट किया।

Q. हेलन केलर की शिक्षा क्या थी?

Ans. हेलेन ने वर्ष 1904 में  रेडक्लिफ़ कॉलेज (हारवर्ड विश्वविद्यालय) से बैचलर ऑफ़ आर्ट्स में ग्रेजुएशन (स्नातक) किया था।

निष्कर्ष: The Conclusion

इस मोटिवेशनल जीवनी को यहाँ तक पढने के बाद आपको भी लग रहा होगा कि सफल वही होता है जो बिना हार माने लगातार महनत करता रहता है। तो दोस्तों इस लेख में इतना ही जिसमे हमने हेलन केलर का जीवन परिचय | Biography of Helen Keller Hindi के अलावा हेलेन केलर की स्टोरी मतलब हेलन केलर की पूरी कहानी (Helen Keller story in hindi) और About helen keller in hindi को बहुत ही सरल रूप में समझाने का प्रयास किया है।

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