दोस्तों भारत पूरी दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और इसी के चलते भारत-देश की बाग-ड़ोर मुख्यत: राजनेताओं के हाथो में होती है मतलब देश से जुड़े छोटे-बड़े हर प्रकार के फैसले भारतीय नेताओं के हाथ में होते हैं।
दोस्तों देश को सही मार्ग-दर्शन एवं दुनिया में महाशक्ति बनाकर खड़ा करने के लिए भारत को अच्छी राजनीति एवं युवा नेताओं की जरूरत है। इसी सोच को चलते आज हम एक ऐसे पॉलिटिशियन एक्टिविस्ट के बारे में पढने जा रहे हैं। जिन्होंने भारत के सबसे चर्चित राजनीतिक रणनीतिकार एवं सलाहकार के रूप में तमगा हाशिल किया।
आज हम इस आर्टिकल में सबसे सफल चुनावी रणनीतिकार एवं सलाहकार के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर का जीवन परिचय | Prashant Kishor Biography in hindi के बारे में विस्तार से जानेंगे जोकि अपनी फ़र्म या संस्था I-PAC (Indian Political Action Committee) के माध्यम से वर्ष 2011 से लेकर 2021 तक 9 चुनावों में अलग-अलग राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके हैं। जिनमे 8 राजनीतिक दलों को जीत हाशिल हुई है।
प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) को चुनाव जिताने एवं लोगों की राय को प्रभावित करने में महारथ हाशिल है जोकि अलग-अलग विचारधारा रखने वाले रानीतिक दलों को अपनी सेवाएं दे चुके हैं। जहाँ वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाई तो वहीं नरेंद्र मोदी की चिरप्रतिद्बंधी ममता बेनर्जी को वर्ष 2021 में बंगाल का चुनाव जिताने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
इस लेख को आगे पढ़ते हुए भारतीय राजनीति में चाणक्य जैसे रणनीति बनाने वाले विशेष चुनावी रणनीतिकार एवं सलाहकार जोकि वर्तमान (वर्ष 2022) में एक पॉलिटिशियन एक्टिविस्ट के रूप में कार्यरत प्रशांत किशोर के जीवन को एक कहानी के रूप में पढ़ते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि यदि आप राजनीति में थोड़ी-बहुत भी रुचि रखते हैं तो प्रशांत किशोर के जीवन परिचय | Prashant Kishor Biography in hindi के बारे में अंत तक इस लेख को जरूर पढेंगे।
प्रशांत किशोर का जीवन परिचय | Prashant Kishor Biography in hindi
पूरा नाम | प्रशांत किशोर पांडेय |
जन्म | 1977 |
जन्म-स्थान | कुनार गाँव, रोहतास, बिहार |
धर्म | हिन्दू |
पेशा | पॉलिटिशियन एक्टिवेस्ट, चुनावी रणनीतिकार एवं सलाहकार |
पिता | श्रीकांत पांडेय |
पत्नी | जाह्नवी दास |
बच्चे | एक बेटा |
शिक्षा | पोस्ट ग्रेजुएशन |
राजनीतिक पार्टी | वर्तमान में किसी पार्टी में शामिल नहीं (जून,2022 में) |
प्रशांत किशोर का शुरूआती जीवन – Early life of Prashant Kishor in hindi
यदि प्रशांत किशोर के शुरूआती जीवन की बात करें तो बचपन में उनका पढाई-लिखाई में बहुत अधिक मन नहीं लगता था। जिस कारण उनके घर वाले उनको ताने मारते थे कि अगर पढो-लिखोगे नहीं तो आगे जाकार तुम्हारे भाई-बहन ही तुमसे बात नहीं करेंगे।
प्रशांत किशोर की जन्मभूमि बिहार है जोकि वर्ष 1977 में रोहतास जिले के कुनार गाँव (सासाराम के पास) में पैदा हुए थे। किशोर के पिता जोकि एक डॉक्टर थे और उनकी बक्सर जिले के एक हॉस्पिटल में नौकरी थी इसी कारण उन्होंने अपने बचपन का एक बहुत बड़ा हिस्सा बक्सर जिले में बिताया था।
वर्तमान समय में प्रशांत किशोर का पूरा परिवार उनकी पत्नी, बेटा और भाई-बहन दिल्ली में रहते हैं।
प्रशांत किशोर की शिक्षा – Education of Prashant Kishor in hindi
जहाँ किशोर के पिता की पोस्टिंग हुई वहाँ से ही उन्होंने अपनी पढाई जारी रखी। बाहरवीं तक आते-आते किशोर गणित में बहुत अच्छे हो गए थे। लेकिन बाहरवीं करने के बाद उन्होंने अपनी पढाई में तीन वर्ष का गेप कर दिया। जिसके बाद उनके पिता के बहुत अधिक समझाने के बाद ग्रेजुएशन करने के लिए दिल्ली विश्वविधालय के हिन्दू कॉलेज में स्थिति-विज्ञान (statics) में दाखिला ले लिया। लेकिन हिन्दू कॉलेज में पढाई के दौरान तबियत ख़राब होने के कारण ग्रेजुएशन बीच में ही छोड़ दिया।
इसके लगभग दो वर्ष का गेप लेने के बाद किशोर ने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया और साथ में पोस्ट-ग्रेजुएशन भी पूरा कर लिया।
प्रशांत किशोर का राजनीतिक कैरियर – Political Career of Prashant Kishor in hindi
प्रशांत किशोर के राजनीतिक कैरियर को समझने से पहले इनके पढाई ख़तम होने के बाद शुरूआती कैरियर को समझ लेते हैं –
जब प्रशांत किशोर ने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन ख़तम किया तो उसके कुछ समय बाद ही किशोर को सयुंक्त राष्ट्र (स्वस्थ्य विभाग) में नौकरी मिल गई। जिसमे पोलियो बीमारी के तहत बिहार में 2 वर्ष काम किया।
बिहार में सयुंक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन्स) की तरफ से अच्छा काम करने के बाद लगभग 2 वर्ष इंडिया कंट्री ऑफिस में काम किया और यहाँ से यूनाइटेड नेशन के मुख्यालय (न्यूयॉर्क, सयुंक्त राष्ट्र) चले गए। मुख्यालय में कुछ समय काम करने के बाद अफ्रीका के एक छोटे से देश में गए और वहां 3-4 साल का कार्यकाल पूरा किया।
अफ्रीकन-देश में काम पूरा करने के बाद जब प्रशांत किशोर जेनेवा शिफ्ट हो रहे थे तब उन्होंने भारत के कई राज्यों को एक साथ सम्मिलित कर शिकायत हेतु उन पर बाल न्यूट्रीशन (कुपोषण से शिकार हेतु बच्चे) का पेपर लिखा और उस पेपर में गुजरात को सभी राज्यों से नीचे रखा।
इस पेपर के प्रकाशित होने के बाद मौजूदा गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री-कार्यालय से प्रशांत किशोर को सूचना दी गई कि आप हमारी शिकायत न करके हमारे साथ आकर काम करें आपका हार्दिक स्वागत है।
गुजरात मुख्यमंत्री-ऑफिस के साथ लगभग एक-डेढ़ साल बात करते हुए यूनाइटेड नेशन डिप्लोमेट की नौकरी छोड़ इस सर्त पर गुजरात आ गए कि वह सीधे तौर पर (डायरेक्टली) नरेंद्र मोदी जी के साथ एक एडवाइजर के रूप में काम करेंगे और वह भारत आकर शिफ्ट हो गए।
प्रशांत किशोर के वर्ष 2011 में मोदी जी के मुख्यमंत्री-ऑफिस को ज्वाइन करने के बाद उन्होंने मोदी जी की लोकप्रियता एवं जनता से सीधे तौर पर जुड़ने के लिए उन्हें सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की सलाह दी।
मोदी जी को वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनाने में अहम भूमिका निभाने के बाद पहले से चल रही कोर-डेवलपमेंट में किशोर का मानना था कि इंडिया में लेटरल एंट्री की बहुत बड़ी जरूरत है जोकि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद संज्ञान में आयी ही नहीं और प्रशांत किशोर के इम्पेशेंट (बेसब्र) होने के कारण उन्होंने मोदी जी का साथ छोड़ने का निर्णय कर लिया।
जिसके बाद प्रशांत किशोर पहली बार बिहार के मुखिया नितीश कुमार जी से मिले और उनके साथ सलाहकार के रूप में काम करने लग गए। लेकिन आधिकारिक तौर पर किशोर नितीश कुमार के साथ जून 2015 में बिहार शिफ्ट हो गए।
प्रशांत किशोर जे.डी.यू. (राजनातिक पार्टी) में रहते सी.ए.ए. और एन.आर.सी. के खिलाफ थे और उनके साथ जे.डी.यू. के मुखिया नीतेश कुमार भी उनका समर्थन करते थे। लेकिन नीतेश सरकार ने पार्लियामेंट में सी.ए.ए. और एन.आर.सी. के पक्ष में वोट कर दिया।
जिसके बाद प्रशांत किशोर ने पुब्लिकली अपनी पार्टी जे.डी.यू. की निंदा की जिसके चलते किशोर को पार्टी से अलग कर दिया गया था। पार्टी से निकाले जाने के बाद प्रशांत आई-पैक के साथ अन्य राजनीतिक दलों के सलाहकार एवं चुनावी रणनीति बनाने में कार्यरत हो गए।
2021 के आखिर में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाने के बाद प्रशांत किशोर ने घोषणा कर दी कि अब वह इस काम से ब्रेक ले रहे हैं लेकिन आई-पैक लगातार कार्यरत रहेगी।
प्रशांत किशोर वर्तमान (जून 2022 के मुताबिक) में एक पॉलिटिशियन एक्टिवेस्ट के तौर पर बिहार में एक नई प्रकार की राजनीति को जन्म देने में लगे हुए हैं। जिसमे वह कहते हैं कि बिहार में हर एक व्यक्ति जो मुझसे मिल सकता है या मैं उससे मिल सकता हूँ और एक दूसरे तक पहुँचकर एवं समझकर आगे का रास्ता तय करने में सहयोग कर सकते हैं।
प्रशांत किशोर का चुनावी अभियान – Election campaign of Prashant Kishor in hindi
प्रशांत किशोर के चुनावी अभियान की बात करें तो किशोर जी का भारत में वापिस आना देश में एक अच्छी राजनीति को जन्म देना था। इसी कारण उन्होंने नरेंद्र मोदी जी के साथ एक सलाहकार के रूप में काम करने के दौरान इन्होने वर्ष 2013 में सी.ए.जी. यानिकि सिटिज़न्स फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस की स्थापना की जोकि बाद में आई-पैक यानिकि इंडियन पोलीटिकल एक्शन कमिटी बनी जोकि छात्र एवं युवा प्रोफेसनल्स के साथ मिलकर राजनीतिक पार्टियों को सलाह एवं चुनावी रणनीति बनाने वाली बहुत बड़ी फर्म या संस्था बन गई।
इस संस्था के चलते वर्ष 2014 में बी.जे.पी. पार्टी के लिए किशोर ने बहुत सारे मॉड्यूल डिजाइन किये – जिनमे कल्याणकारी योजनायों के लाभ, शशक्तिकरण, 3डी रैलियाँ, पद-यात्रा, रन फॉर यूनिटी एवं चाय पर चर्चा आदि बी.जे.पी. सरकार की लोकप्रियता में सबसे अहम साबित हुईं थी।
नरेंद्र मोदी को वर्ष 2014 का चुनाव जिताने के बाद से आज तक आई-पैक (I-PAC) संस्था जिस किसी भी राजनीतिक पार्टी की चुनावी रणनीति एवं सलाहकार के तौर पर काम करती है तो वह पूरे राज्य का अध्ययन करती है और विपक्षी पार्टियों की कमजोरियों को पकडती है।
चुनावी अभियान के दौरान आई-पैक (I-PAC) कंपनी या संस्था में लगभग 4,000 लोग काम कर रहे होते हैं और यह जिस राजनीतिक पार्टी के लिए काम करते हैं उसमे पूरी तरह से घुस जाते हैं और आकर्षक रूप देकर चुनावी ब्रांडिंग करती है।
प्रशांत किशोर से जुड़े अहम तथ्य – Interesting facts about Prashant Kishor
- वर्ष 2021 के अंत में पश्चिम बंगाल में ममता बेनर्जी को और तमिलनाडु में एम.के. स्टेलिन को जिताने के बाद प्रशांत किशोर ने अपने कैरियर की इस ऊँचाई पर घोषणा कर दी थी कि वह इन प्रकार की सेवाओं से आराम ले रहें हैं। लेकिन आई-पैक पूरी तरह से कार्यरत रहेगी।
- प्रशांत किशोर प्रत्यक्ष रूप से आई-पैक का हिस्सा नहीं है जोकि किसी राजनीतिक दल के लिए काम करती है तो यह टीम गाँव-गाँव एवं सभी शहरों के एक दम ग्रूट लेवल पर जाकर काम करती है।
- प्रशांत किशोर फ़िलहाल (जून 2022 के मुताबिक) किसी भी राजनीतिक दल में मौजूद नहीं है और वह बिहार में एक नई राजनीति को व्यवस्थित ढंग से जन्म देने के लिए एक पॉलिटिशियन एक्टिवेस्ट के रूप में कार्य कर रहे हैं। जिससे कि बिहार भी विकसित राज्यों में शामिल हो सके।
- प्रशांत किशोर कहते हैं कि राजनीति में कदम रखने से पहले समाज की अंडरस्टैंडिंग को बेहतर बनाइये मतलब पहले समाज को समझिए तभी राजनीति को समझ पायेंगे। वह कहते हैं कि सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास से एक अच्छी राजनीति की जा सकती है।
- प्रशांत किशोर के जीवन पर फिल्म बनाने के लिए डिज्नी, नेटफ्लिक्स और शाहरुख़ खान आदि की तरफ से किशोर को कई सारे प्रस्ताव आये हैं लेकिन उन्होंने सबको मना कर दिया है।
FAQs: अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
Ans. प्रशांत किशोर पांडेय का जन्म वर्ष 1977 को बिहार राज्य के कुनार (रोहतास) में में हुआ था।
Ans. प्रशांत किशोर का घर नई दिल्ली में है।
Ans. वर्तमान समय (जून 2022) में प्रशांत किशोर किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं है।
Ans. प्रशांत किशोर एक संस्था (I-PAC) के अंतर्गत काम करते थे जोकि राजनीतिक पार्टियों की चुनाव जिताने में मदद करती है. लेकिन वर्ष 2021 के बाद इस संस्था में काम करना बंद कर दिया है और बिहार में एक पॉलिटिशियन एक्टिवेस्ट के तौर पर कार्यरत हैं।
निष्कर्ष: The Conclusion
इस आर्टिकल के माध्यम से आज आपने प्रशांत किशोर बायोग्राफी इन हिंदी मतलब प्रशांत किशोर का जीवन परिचय | Prashant Kishor Biography in hindi के बारे में विस्तारपूर्वक बहुत ही सरलता से जाना है। हमारा पूरा प्रयास रहता है कि किसी भी प्रकार की जानकारी को सही ढंग से अपडेटेड रूप में आपको उपलब्ध कराया जाए ताकि जो जानकारी आप ढून्ढ रहे हो उसके अच्छे से पढ़ सको।
दोस्तों इस लेख को यहाँ तक पूरा पढने के बाद यदि आपके मन में किसी भी प्रकार का सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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