ओशो का जीवन परिचय | Osho biography in hindi

नमस्कार दोस्तों, आज हम भारत के महान विचारक, दार्शनिक और एक अध्यात्मिक गुरु ओशो का जीवन परिचय | Osho biography in hindi को जानने वाले हैं। जिनका विवादों से बहुत ही गहरा नाता रहा और साथ ही इनका जीवन जितना रहस्यमी था; उससे कहीं ज्यादा इनकी मौत रही थी।

बता दें कि ओशो की रहस्यमयी शिक्षाओं और क्रांतिकारी विचारों के कारण बहुत बड़ी तादाद में लोग इनकी ओर आकर्षित हुए और इनके अनुयायी (शिष्य) बने। वहीं दूसरी ओर बहुत से लोग ओशो के खिलाफ खड़े हुए और इनको सेक्स गुरु और अमीरों का गुरु भी कहा जाने लगा।

हम उम्मीद करते हैं कि आप इस लेख के अंत तक ओशो का जीवन परिचय | Osho biography in hindi को पढकर ओशो के बारे में वह रोचक तथ्य जानने वाले हैं जोकि इनको वाकई में रहस्यमी एवं सबसे अलग गुरु बनाता हैं।

ओशो का जीवन परिचय | Osho biography in hindi

महान ओशो का जन्म 11 दिसम्बर, 1931 को मध्यप्रदेश के रायसेन शहर के कुचवाड़ा गाँव में हुआ था। इनका  शुरूआती नाम चंद्रमोहन जैन था साथ ही इन्होने जबलपुर से अपनी पढाई पूरी की। और उसके बाद जबलपुर यूनिवर्सिटी में फिलॉसफी के लेक्चरर के रूप में कार्यरत रहे। फिर बाद में नौकरी भी छोड़ दी और 60 के दशक में इन्होने अलग-अलग धर्म और तर्क-वितर्क की विचारधारा से देश भर में प्रवचन देना शुरू किया। जिसके कारण इन्हें प्रारंभिक ख्याति मिली तो इन्हें आचार्य रजनीश के नाम से जाना लगा। इसके बाद 70 और 80 के दशक में बहुत अधिक ख्याति मिलने के बाद इनके अनुयायी (शिष्य) इन्हें ‘भगवान श्री रजनीश’ कहने लगे। फिर बाद में भगवान शब्द भी हट गया रजनीश कहलाए। लेकिन अंत में ओशो नाम से ही जाने गए।

ओशो हमेशा बताते थे कि ओशो शब्द ‘कवि विलयम जेम्स’ की एक कविता ओशनिक एक्सपीरियंस के शब्द ओशनिक से लिया गया है, जिसका अर्थ है “सागर में विलीन हो जाना” और यही कारण था की वे ओशो नाम से सम्भोधित हुए। आज भी हम इन्हें इसी नाम (ओशो) से ही जानते हैं।

बता दें कि पूना (जो अभी पुणे है) मे इनका आश्रम था। लेकिन इनकी अनुयाइयों (शिष्यों) की भारी भीड़ और भी बहुत सारे कारणों के चलते इनको भारत के बहुत सारे लोग और सरकार का समर्थन बिलकुल भी नहीं मिला।

रजनीश ओशो वर्ष 1981 से 1985 के बीच अमेरिका रहे। वहां उन्होंने ओरेगॉन प्रान्त में आश्रम की स्थापना की। वह आश्रम लगभग 65 हजार एकड़ जमीन पर फैला था। लेकिन वहां पर भी ओशो का वहाँ की सरकार के साथ सब कुछ सही नहीं रहा और इनको वहां की जेल में भी रहना पड़ा था। कहा तो यह भी जाता है की ओशो को वहां की सरकार ने धीमा जेहर दिया था क्योंकि ओशो अमेरिका से भारत आकर लगातार कमजोर होते चले गए थे। जिसके बाद 19 जनवरी 1990  को भारत में पुणे के गोरेगांव पार्क स्थित अपने आश्रम में म्रत्यु हुई।

क्यों विवादित थे ओशो?

बता दें कि आज भी जब ओशो की चर्चा होती है तो ओशो को एक विवादित गुरु के रूप में देखा जाता है लेकिन आपको सच में पता भी है कि यह महान गुरु विवादित थे क्यों?

यदि ओशो से जुड़े विवादों की बात करें तो इस महान गुरु ने उन विषयों पर बात-विवाद किया जो ज्यादातर लोग सुनना या गलत सुनना बिलकुल भी पसंद नहीं करते है। लेकिन आप जब ओशो के इतिहास के बारे में ठीक प्रकार से जानेंगे तो पाओगे कि इन्होने जो भी बोला वह सत-प्रतिशत सच था। बता दें कि ओशो को सबसे ज्यादा विवादित उनकी अमीर लाइफ स्टाइल और योन(sex) पर बेपाक बोलने ने बनाया था।

इनके अलावा और भी बहुत सारे कारण थे जिससे ओशो विवादित बने जैसे कि –

1 – गांधीजी की विचारधारा का विरोध किया।

2 – नास्तिक होने पर जोर दिया और ये भी कहा कि परिवार की कोई जरूरत नहीं इस बारे में इन्होने दीर्घ उल्लेख किया है।

3 – विवाह को झूट बताया और कहा, परिवार के लिए हमें किसी को बिना जाने, बिना प्रेम करे कैसे विवाह कर सकते हैं।

4- धर्मो की कोई जरूरत नहीं, सभी धर्मो को पाखंड-वाद बताया।

5 – कहा कि इश्वर नहीं है।

6 – समाजवाद से सावधान और एक विश्व शासन, कहा शरहदों की कोई जरूरत नहीं।

7 – सम्भोग से समाधी की ओर, विश्वास नहीं संदेह करो यानिकि श्रद्धा और विश्वास बांधते हैं, संदेह सभी कारको से मुक्त करता है।

इसी प्रकार यह हर एक विषय पर बोले लेकिन सामान्य तौर पर लोगों के मत हर चीज के प्रति अलग-अलग होते हैं और इन्हीं मतों के कारण ओशो का हमेशा से विवादों से गहरा नाता रहा।

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ओशो के बारे में रोचक तथ्य | Interesting facts about osho in hindi

  1. ओशो ने अपने पूरे जीवन-काल में एक भी किताब नहीं लिखी लेकिन फिर भी इनकी 600 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हुई हैं। यह सभी किताबें ओशो के विचारों और प्रवचनों पर आधारित हैं। मतलब ओशो ने जो भी कहा वह बिना किसी सुधार के सीधे किताबों के रूप में छापा गया है।
  2. ऐसा भी माना जाता है की ओशो ने लगभग एक लाख किताबें पड़ीं थी।
  3. ओशो एक उच्च कोटि के वक्ता थे। उनका बोलने पर इतना आत्मविश्वास था की एक बार जो बोल दिया सो बोला दिया वही आखिरी होगा और माफ़ करना या मुझसे गलती हो गई जैसे शब्दों का उन्होंने कभी इस्तेमाल ही नहीं किया।
  4. ओशो ने लगभग-लगभग हर एक विषय पर बात/प्रवचन दिए हैं।
  5. यदि साहित्यिक लेखिकी को छोड़ दें तो भारत में सबसे ज्यादा किताबें ओशो की बिकती हैं। जिनमे सालाना 1 मिलियन से ज्यादा किताबें और टेप्स बिकती हैं।
  6. ओशो सेक्सुअलिटी पर खुले रूप से बातें किया करते थे और वो सेक्स को लेकर बड़े स्वतंत्र होकर बातें किया करते थे और यह भी एक बहुत बड़ा कारण था कि इनको सेक्स गुरु कहा जाने लगा था।
  7. ओशो एक बहुत ही गजब के तर्क शास्त्री थे। वह किसी भी बात को सही और गलत साबित करने के पूरी क्षमता रखते थे। यही कारण था की कोई भी व्यक्ति उनसे कभी बात-विवाद नहीं कर पाया था।
  8. ओशो बचपन से ही लक्सरी लाइफ जीने के आदि रहे थे।
  9. ओशो को अमीरों का गुरु कहा जाता है और खुद भी उन्होंने अपने इंटरव्यूज मे बार-बार जिक्र किया है की वो अमीरों के गुरु हैं।
  10. आपको पता है ओशो के पास 90 रॉयल्स रोल्स कारें थीं। और जब उनसे एक इंटरव्यू में पुछा गया तो उन्होंने कहा कि वह 365 रॉयल्स रोल्स कारें चाहते हैं जोकि उनके अनुयायी उनको यह कारें उपलब्ध कराना चाहते थे।
  11. ओशो की म्रत्यु आज भी रहस्य है। कहा तो ये भी जाता है की उन्हीं के करीबी शिष्यों ने उनकी हत्या को अंजाम दिया था। इसके सबूत भी मिलते हैं क्योंकि उनकी हत्या शिष्यों के बीच हुई और उन्होंने कहा कि गुरु जी ने देह त्याग दी।

ओशो लोगों से हमेशा कहते थे कि तुम मुझे अमीरों का गुरु ही रहने दो क्योंकि गरीबों के लिए तो बहुत से गुरु हैं।

ओशो अपनी बातों को सिद्ध करने के लिए अनैक प्रकार के तर्क दिया करते थे। कहते थे कि – अमीर होना कोई बुरी बात नहीं बल्कि जिसके पास धन है वहीं व्यक्ति धन की व्यर्थता को समझ सकता है।

बुद्ध महाराजा के बेटे थे, राम और कृष्णा राज-घराने में पैदा हुए; आपने कभी किसी भिकमंगे या गरीब को किसी का अवतार या महान पुरुष बनते देखा है

बता दें कि पुणे स्थित आश्रम में उनकी समाधी पर लिखे इन शब्दों से उनकी अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है कि –

“न कभी जन्मे, न कभी मरे। वे धरती पर 11 दिसम्बर, 1931 से 19 जनवरी, 1990 के बीच आए।”

इस लेख को यहाँ तक पढ़कर अपनी जानकारी को मजबूत करने के लिए बहुत-बहुत बधाई। इसके अलावा हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल में दी गई जानकारी जरूर ही पसंद आई होगी। जिसमे हमने ओशो का जीवन परिचय | Osho biography in hindi के बारे में कम शब्दों में अच्छे से बताया है।

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