नमस्कार दोस्तों, इस लेख में आप मैडिटेशन क्या है | Meditation kaise kare और मैडिटेशन क्यों करनी चाहिए? इसके अलावा आप यहाँ ध्यान (meditation) से जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी पढेंगे।
जान लें कि मानव द्वारा ध्यान (meditation) का अनुसरण करने से इस भाग-दौड़ भरे जीवन में आप अपने जीवन को शांतिपूर्ण, हृदयवान, करुणावान और खुशहाल बना सकते हैं। जिससे आपको इस संसार को देखने का एक अलग ही नजरिया पैस होगा। इसके अलावा आप इस आर्टिकल के अंत तक कुछ ऐसे उदाहरण भी जानोगे जो मैडिटेशन या ध्यान के बिना आज इतने सफल और महान नहीं हो सकते थे।
हम आशा करते है कि आप इस आर्टिकल को अंत तक पढकर मैडिटेशन से जुड़े वह सभी तथ्य जनांगे; जिसके लिए आपने इस आर्टिकल (meditation in hindi) को पढना शुरू किया है।
अनुक्रम
मैडिटेशन क्या है | Meditation meaning in hindi
बता दें कि दुनियाभर में बहुत से लोगों के बीच यह धारणा है कि मैडिटेशन का मतलब ईश्वर (भगवान) की प्रार्थना करना या ईश्वर से जुड़ना है। लेकिन यह धारणा बिलकुल भी सही नहीं है। और इसके अलावा कुछ लोग मैडिटेशन को योग से भी जोड़ कर के देखते है लेकिन ये भी सही नहीं है। दोनों में बहुत अधिक अंतर है क्योंकि योग हमारे पूर्ण शरीर को सुचारू रूप से स्वस्थ बनाने और कसरत के रूप में काम करता है। जिसके बहुत अधिक प्रकार हैं। लेकिन ध्यान (meditation hindi meaning) केवल दिमाग की कसरत करने तक सीमित है। जिसे करने से हमारे जीवन को एक अलग ही दिशा मिल सकती है।

ध्यान (Meditation) जिसका उद्देश्य यदि सरल भाषा में कहें तो दिमाग को शांत (कण्ट्रोल) रखना होता है और ध्यान को एक ही जगह पर केन्द्रित करना है। ध्यान की निरंतरता से हम अपने विचारों और भावनाओ को कण्ट्रोल कर सकते हैं। जिससे कि हम अपने एक्शन को बदलकर एक सही दिशा दे सकते हैं और अपनी आदतों को बदल सकते है। और इसका अनुसरण करने से हम खुद को सकारात्मकता और खुशहाली की ओर ले जाते हैं जिससे हमारा पूरा का पूरा जीवन बदल सकता है।
मैडिटेशन का महत्व | Importance of meditation
मैडिटेशन (ध्यान) के महत्व की बात करें तो इसका इतना अधिक महत्व है। जिस भी व्यक्ति ने इसे सही ढंग से करना शुरू कर दिया। तो उसके जीवन को एक अलग दिशा मिल सकती है। जो उसे इस संसार को सही ढंग से जीना सिखा देगी। और क्योंकि उसका दिमाग उसके कण्ट्रोल में होगा जोकि ज्यादातर लोगों के कण्ट्रोल में नहीं होता है। और जिनके कण्ट्रोल में होता है। उन्हें आज हम सफल व्यक्ति कहते है।

यदि आसान भाषा में कहे तो ध्यान का मतलब हमें जितने भी विचार आते है, चाहे नकारात्मक हो या सकारात्मक सभी के साथ सहज (confortable) होना होता है। उनसे दोस्ती करना होता है। उनसे भटकने के बजह उनको समझना ही मैडिटेशन कहलाता है। और एक बार आपने अपने विचारों को समझ लिया और उनको अपने कंट्रोल में कर लिया तो समझो खेल हो गया। इसके साथ-साथ आप सही फैसले करने के अलावा कई गुना फोकस भी कर पाते है। इतना अधिक महत्व होता है ध्यान (meditation hindi) करने का।
ध्यान क्यों महान है? | Why meditation great
अभी हम कुछ ऐसे ही उदाहरणों के द्वारा ध्यान के महत्व को जानने वाले हैं। जो दर्शाता है की मैडिटेशन (ध्यान) क्यों महान है?
भगवान गौतम बुद्ध : आज भगवान गौतम बुद्ध को कौन नहीं जानता। जिन्हें हम सभी सत्य के मार्ग की ओर चलने के लिए मानते हैं। बता दें जब गौतम बुद्ध ने गृह त्याग किया था। तो उन्होंने लगभग 7 वर्ष तक ध्यान का अनुशरण किया था।
दलाई लामा : दलाई लामा जोकि एक धार्मिक गुरु हैं, जो भगवान बुद्ध ने बोला उसी आधार पर लोगों को ज्ञान का पाठ पढाते हैं। जो करुणा के गुरु हैं। जिन्हें पूरी दुनिया शांति के रूप में देखती है। क्योंकि वो बहुत अधिक तर्कवान हैं और हमेशा शांति का सन्देश देते हैं। और उनके जीवन में ध्यान का बहुत अधिक महत्व हैं।
सधगुरु : सधगुरु जो एक महान योगी है। जिनके पास हर सवाल का जबाब होता है। उनको अपने ज्ञान का एहसास ध्यान के कारण ही हुआ था। क्योंकि जब उन्होंने पहली बार ध्यान किया, उसके बाद उन्होंने इसे करते चले गये और एक योगी बन गये।
युवाल नोह हरारी : मुझे नहीं लगता कि आप युवाल नोह हरारी के बारे में नहीं जानते क्योंकि इनको दुनिया के सबसे अक्लमंद जीवित लोगों मे से एक माना जाता है। और इन्होने अपने एक इंटरव्यू में खुद बोला था कि मैडिटेशन के बिना आज मैं इतना सफल नहीं हो पाता था। जो हर रोज 2 घंटे ध्यान करते है।
संदीप महेश्वरी : संदीप महेश्वरी एक युवाओं के सबसे चहेते मोटिवेशनल स्पीकर हैं। जो युवाओं में खासे मशहूर हैं। जो अपने किसी भी तरह के लाभ के बिना, हमेशा लोगो को प्रेरित करते हैं। जिनसे मैं भी बहुत अधिक प्रेरणा लेता हूँ। इन्होने अपने एक सेशन में खुद बोला था कि मैं नहाना भूल सकता हूँ लेकिन ध्यान करना नहीं। और कहा मैं हर रोज मैडिटेशन करता हूँ।
तो बस दोस्तों यदि आप सभी के बारे में पढोगे। जिनके जीवन पर ध्यान (मैडिटेशन) का बहुत अधिक इम्पैक्ट हुआ है, तो ये आर्टिकल बहुत बड़ा हो जायेगा। क्योंकि हम इस आर्टिकल में मैडिटेशन क्या है | Meditation kaise kare के बारे मे बता रहे हैं। तो उम्मीद है कि आप मैडिटेशन का महत्व (Importance of meditation) को भी अच्छे से समझ पाए होंगे।
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मैडिटेशन (ध्यान) कैसे करें? | How to meditate in hindi
चलिए बात करते हैं कि मैडिटेशन क्या है? Meditation kaise kare? How to do meditation? आपने बहुत जगह सुना होगा कि एक मैडिटेशन ऐसे करते हैं या वैसे करते हैं। मतलब बहुत अधिक नियम गिना दिए जाते हैं। ऐसा बिलकुल भी नहीं है, कुछ लोगो ने अपने कोर्सेज को बेचने के लिए इसको बहुत अधिक जटिल बना दिया। जो कि वास्तव में इतना जटिल नहीं है।
बहुत लोग ये भी सोचते हैं कि मैडिटेशन केवल सुबह जल्दी उठ कर के की जाती है। तो ऐसा भी नहीं है। आप मैडिटेशन (Meditation) कभी भी कर सकते हैं। सुबह, शाम या रात हो आपको बस ये देखना है कि जिस भी समय आप मैडिटेशन करो। वो आपका नियमित समय होना चाहिए। मतलब मैडिटेशन के लिए हर टाइम अच्छा है। मतलब सुबह आप 30 मिनट करते हो और रात को भी आप 30 मिनट करना है। तो ये लगातार और एक नियमित करनी चाहिए। और एक बात का ख़ास ख्याल रखे कि जिस जगह आप ध्यान करते हो वो जगह समान रहनी चाहिए। कोशिश करो कि जिस जगह आप रोज मैडिटेशन करते हो वो जगह फिक्स होनी चाहिए। जिससे आपको ध्यान लगाने में एक निरंतरता महसूस हो सके।

जरूरी नहीं है कि योगियों की तरह मुद्रा मैं बैठकर ही मैडिटेशन करते हैं। आप किसी भी अवस्था में बैठकर मैडिटेशन कर सकते हैं। क्योंकि आप मैडिटेशन करते समय सहज महसूस नहीं करोगे तो ध्यान कैसे करोगे? लेकिन आपकी कमर/पीठ सीधी अवस्था में सीधी होनी चाहिए। ये चीज बहुत जरूरी है। और एक बात हमेशा याद रखना बैठने के कारण हो रहे दर्द में कभी भी मैडिटेशन नहीं करनी चाहिए। जिससे कि आपका सारा ध्यान दर्द की और चला जायेगा। लेकिन लेट कर और कमर को टेक कर भी मैडिटेशन नहीं करनी चाहिए। नहीं तो आप को नींद आ सकती है।
जब आप मैडिटेशन करने के लिए एकांत जगह में और सही ढंग से बैठ जाओगे। जिसमे आप कमर सीधी करने के साथ सहज हो। उसके बाद आँखों को बंद करके अपनी सांसो पर ध्यान देना शुरू कर दीजिये। और अपने दिमाग और बॉडी को रिलेक्स करते चले जाइये। यदि आप नए हैं तो केवल साँस पर ध्यान देना है कि साँस कैसे अन्दर जा रही है? और कैसे बहार आ रही है? केवल इसी पर ध्यान लगाना है। और जब तक ध्यान लगाना है तब तक जो भी अपने मन में विचार आ रहे हैं वो आने बंद न हो जाये। और आप ये 5 मिनट से शुरू कर सकते हैं और धीरे-धीरे समय को बढ़ा सकते हैं।
जो भी मैडिटेशन शुरू करता है। वो सबसे पहले अपनी सांसो पर ध्यान लगाकर ही शुरू करता है। जब आप इसे पहली बार करोगे तो ये आपको बहुत अधिक कठिन लगेगा और आपका ब्रेन ये सोचेगा कि ये क्या हो रहा है? लेकिन आपकी निरंतरता आपको इस चीज पर फोकस करना सिखा देगी। और निरंतर प्रैक्टिस से आप इसे अलग लेवल तक ले जा सकते हो।
बता दें ज्यादातर लोग ध्यान (मैडिटेशन) को लगातार कर ही नहीं पाते हैं। क्योंकि वो 2 या 3 सप्ताह करके ये बोलते हैं कि मुझे तो कोई भी इम्प्रूवमेंट दिख ही नही रहा है। और करना छोड़ देते हैं। और ये सही भी है क्योंकि इतने काम टाइम में किसी भी प्रकार का इम्प्रूवमेंट आ ही नहीं सकता क्योंकि ये कोई 1 रात का खेल तो बिलकुल भी नहीं है। इसके बेनिफिट्स दिखने में समय लगता है। और ये बेनिफिट्स बहुत ही अंदरूनी होते हैं जो आसानी से दिखते नहीं हैं। लेकिन आपने इसे अपनी आदत बना लिया तो एक समय ऐसा भी आएगा जब आप पूरी तरह से बदल जायेंगे और एक बिलकुल ही नए इंसान बन जायेंगे। और किसी भी बड़ी से बड़ी स्ट्रेस भरी प्रॉब्लम को गहरी साँस भर ले कर के हल करने की जरूर सोचोगे।
ध्यान करते समय कुछ सावधानियां | Tips of meditation
- ध्यान करते समय आँखों को हमेशा बंद रखें।
- एक सहज जगह का चुनवा करें, इससे फर्क नहीं पड़ता की आप कुर्शी पर या जमीन पर पालती मारकर के बैठे है। फर्क इससे पड़ता है कि आपकी कमर सीधी है कि नहीं।
- मैडिटेशन करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी आसन मैं ही बैठे जिसमे कमर सीधी होने के साथ-साथ बॉडी पूरी तरह अलर्ट रहती है।
- आपके आस पास कोई परेशान करने वाला ना हो।
- यदि आप मैडिटेशन शुरू करते हैं तो 20 मिनट से ज्यादा कभी शुरुआत में न बैठें।
- यदि आप मैडिटेशन शुरू कर कर रहे है तो आपको शुरआत में केवल अपनी सांसो पर ध्यान देना है। क्योंकि मैडिटेशन में माइंड ब्लेंक जो जाता है, जो शुरुआत में पोसिबल नहीं है। तो शुरुआत में आपको केवल और केवल सांसो पर ही ध्यान देना है।
- ध्यान एक ही चीज पर केन्द्रित कर दो कि सांसे अन्दर कैसे जा रही है? और बाहर कैसे आ रही है? मतलब आपके लंग्स सांसो को कैसे एक्स्पेंड्स कर रहे है? महसूस करो।
- जितने भी विचार आए आने दे, क्योंकि शुरआत में बहुत अधिक विचार आयेंगे। उनसे भागना नहीं है। उनसे दोस्ती करनी है। एक बार दोस्ती हो गई तो समझ लो मैडिटेशन करना आ गया।
- ये जरूरी तो नहीं है लेकिन आप धीमी आवाज में म्यूजिक भी सुन सकते हैं। बहुत लोग ऐसा करते हैं। लेकिन केवल धीमा म्यूजिक ही होना चाहिए वर्ड्स नहीं होने चाहिए, नहीं तो आप मन भटक सकता है।
- मैडिटेशन का सबसे मुख्य और आखिरी पॉइंट ये है कि इसे हर रोज करना है। मतलब बिना किसी रूकावट के इसे हर रोज करना है।

एक उदहारण से समझते हैं। यदि आप जिम जाते हो तो आपको हर रोज जिम करना पड़ता है, ऐसा तो बिलकुल भी नहीं होता है कि महीने में 4 दिन जिम करे और आपकी बॉडी बन जाये। ठीक इसी प्रकार इसे हर रोज करना है। हम मानते हैं की इसमें एक दम से फायदे नहीं दिखेंगे लेकिन जब दिखेंगे वो अमेजिंग होंगें। जिससे आप अपने जीवन को एक अलग ही दिशा दे सकते हो।
निष्कर्ष – The Conclusion
तो हम उम्मीद करते हैं कि आप मैडिटेशन के बारे में बहुत अच्छे से जान पाए होंगे। जिसमे हमने मैडिटेशन क्या है | Meditation kaise kare को बहुत ही अच्छे से सरल भाषा में समझाया है। और हम ये भी उम्मीद करते हैं की आप ध्यान करना जरूर शुरू करेंगे। तो बस यदि आपका इस आर्टिकल से सम्बन्धित कोई सवाल या सुझाव हो हो तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएँ।
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