आंधी और तूफान क्यों आते हैं

प्रकृति द्वारा प्रथ्वी पर होने वाली कुछ विनाशकारी घटनाओं को मानव द्वारा रोक पाना नामुमकीन है जैसे कि भूकम्प का आना, ज्वालामुखी का फंटना, सुनामी आना, बादलों का फट जाना या भयंकर आंधी-तूफ़ान आना आदि हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इन इनमे से एक आंधी और तूफान क्यों आते हैं ? नहीं जानते हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर हैं क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको आंधी-तूफ़ान (Thunderstorms) से जुडी जानकारी सटीक एवं सरलतम रूप में देने जा रहे हैं।

आंधी और तूफ़ान किसे कहते है

जब हमारे आस-पास के वातावारण (वायुमंडल) में वायु (हवा) सामान्य से कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है मतलब हवाएं तेजी से धूल-भरे कणों के साथ चलने लगती हैं तो उन्हें आंधी कहते हैं और वहीं इन हवाओं की गति यदि 80-90 किमी०/घंटा या उससे अधिक हो जाए तो इसे तूफ़ान कहते हैं जोकि बारिश की बूंदों एवं आसमान की गरजन के साथ खुले में रखी चीजें, घरों एवं विशालकाय पेड़ों को जड़ों से उखाड़कर अपने साथ उड़ा ले जाते हुए पूरी इलाके को क्षतिग्रस्त कर देता है।

आंधी-तूफ़ान आने के कारण

आंधी या तूफ़ान आने का मुख्य कारण सूर्य है क्योंकि सूर्य की गर्मी द्वारा बढे तापमान के कारण ही आंधी एवं तूफानों का निर्माण होता है और इसी कारण हमें गर्मियों में अधिकतम आंधियां देखने को मिलती हैं जब सूर्य की किरणों द्वारा प्रथ्वी के कुछ हिस्सों पर अधिक गर्मी पड़ती है तो प्रथ्वी की सतह में मौजूद हवाएं गर्म हो जाती हैं और यह हवाएं हल्की होकर ऊपर चली जाती हैं तो नीचे हवाओं में कमी आने लग जाती है और इसी कमी को दूर करने के लिए अगल-बगल की अधिक दबाव वाली हवाएं तेजी से इस ख़ाली जगह की ओर बढती हैं जोकि आम-तौर पर आंधी का रूप ले लेती हैं।

यदि विशेष रूप से समझें तो गर्मी के मौसम में तापमान बढ़ जाने के कारण हवा का दबाव कम (हवा के गर्म होने के कारण हवा के कण अलग-अलग होकर हवा को हल्की बना देते हैं।) हो जाता है और हवा के इस दबाव को संतुलित करने के लिए ठंडे स्थानों से अधिक दबाव वाली हवाएं तेजी से ख़ाली एवं गर्म क्षेत्र की ओर बढ़ने लगती हैं और अपने साथ धूल उड़ाती लाती हैं और यही तेज हवाएं धूल-भरी आंधी का रूप धारण कर लेती हैं

इसके अलावा जब समुन्द्र का पानी भाप बनकर ऊपर उठता है यानिकि हवाएं ऊपर उठती हैं तो नीचे हवाओं में कमी आने लग जाती है और आस-पास की समुंद्री हवाएं इन हवाओं की जगह को तेजी से भरती हैं जोकि चक्रवात का कारण बनता है और इसी चक्रवात के कारण तूफानों का निर्माण हो जाता है। इनके अलावा वायुमंडलीय दाब, गुरुत्वाकर्षण एवं भूकंप के कारण भी भयानक तूफानों का निर्माण हो जाता है

बता दें कि सभी आंधी और तूफ़ान एक जैसे नहीं होते मतलब कुछ आंधी आकर चुपचाप चली जाती हैं और वहीं तूफ़ान कभी छोटे-छोटे इलाकों को प्रभावित करने के अलावा कभी-कभी हजारों किमी० क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लेते हैं। मतलब आसान भाषा में कहें तो ज़मीनी भाग से उठनी वाली तेज हवाओं का चलना आंधी कहलाता है वहीं समुन्द्र से उठने वाले चक्रवात को तूफ़ान कहा जाता है।

चक्रवात बनने के कारण

तूफानों के बारे में समझने से पहले हमें चक्रवात के बारे में समझना चाहिए क्योंकि चक्रवात के कारण ही विशालतम तूफ़ानों का जन्म होता है समुन्द्र में उठे चक्रवात की हवा गोल-घेरे में तेजी घूमती है जोकि कीप के आकार के बादल जैसा रूप ले लेती है। यह चक्रवात समुन्द्र में बहुत कम वायुमंडलीय दाब वाले इलाके से बनना शुरू होते हैं और इस इलाके की सतह काफी गर्म हो जाती है; जिससे समुन्द्र का पानी कम वायुमंडलीय दाब वाले स्थान से वाष्प के रूप में उपर उठने लगता है और धीरे-धीरे विशाल बादलों में गुबार में तब्दील हो जाता है जिसके बाद इन बादलों के केंद्र में हवा का दाब बहुत कम हो जाता है और इसमें गर्म हवाएं नीचे से ऊपर और उपर से नीचे की ओर बहने लगती हैं; जिसमे हवाओं की गति काफी तेज हो जाती है जोकि कम दबाव वाले क्षेत्र में गोल-गोल घूमने लगती हैं और बवंडर और साइक्लोन आदि का रूप धारण कर लेता है

इसके बाद इन चक्रवातों का आकार बढ़ता चला जाता है और अपने आस-पास के बादलों को अपनी ओर खींचकर यह चक्रवात घूमते हुए आगे बढ़ता है और अपने साथ बहुत तेज हवाएं मतलब आंधी-तूफ़ान और मूसलाधार वर्षा लाता है यह चक्रवात विशालकाय तूफानों का रूप धारण कर जान-माल का अधिक रूप से खतरा पैदा कर देता है।

भौगोलिक स्थिति और दुनियाभर में प्रभावित क्षेत्रों के आधार पर इन चक्रवातों को कई केटेगेरियों में बाँटा जा सकता है –

  • बवंडर (Tornado) – बवंडर अन्य चक्रवातों के मुकाबले कम क्षेत्र प्रभावित करता है लेकिन इसकी हवाएं 200 किमी/घंटे तक तक बहती हैं। इसके अलावा बवंडर में अन्दर की हवा का दबाव इतना कम हो जाता है कि यह किसी इमारत या विशालकाय पेड़ों को बहुत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त करता हुआ निकल जाता है।
  • सायक्लॉन (Cyclone) – यह चक्रवात पश्चिमी प्रशांत महासागर और भारत की बंगाल की खाड़ी के आस-पास से उठने वाला चक्रवाती तूफ़ान है और इसकी हवाएं 140 किमी/घंटा तक बहती हैं।
  • ताइफून (Typhoon) – यह कम दबाव वाला चक्रवाती तूफ़ान पश्चिमी प्रश्नात महासागर से उठता हुआ जापान और पूर्वी चीन की ओर बढ़ता चला जाता है और इसकी हवाओं की रफ़्तार 120 किमी/घंटा से ज्यादा बहती हैं जोकि 900 किमी० से भी ज्यादा इलाके पर असर डालता है।
  • हरिकेन (Hurricane) – यह चक्रवाती तूफ़ान अटलांटिक या पूर्वी प्रशांत महासागर से उठता हुआ अमेरिका महाद्वीप की ओर बढ़ता है जोकि 190 किमी/घंटा की रफ़्तार तक बहता हुआ चलता है।

आंधी-तूफ़ान से बचने के उपाय

आंधी या फिर तूफ़ान आने के पहले ही मौसम पूरी तरह से खराब हो जाता है और इसी अंदेशे के चलते इससे बचने के कुछ उपाय किये जा सकते हैं जोकि निम्न बिन्दुओं द्वारा समझ सकते हैं –

  • आंधी या तूफ़ान आने से पहले सामान्य हवाओं से जरा तेज हवाएं चलने लग जाती हैं; जिसे देखते हुए किसी सुरक्षित जगह जाकर बैठ जाना चाहिए।
  • आंधी-तूफ़ान आने से पहले खुले में पढ़ी अव्यवस्थित चीजों को व्यवस्थित तरीके से रख देना चाहिए ताकि वह कहीं दूर न उड़ जाएँ या फिर आकर आपसे ही न टकरा जाएँ।  
  • आंधी-तूफ़ान आने से पहले बिजली के खम्बे एवं कच्ची इमारतें गिरने का बहुत डर रहता है; इसी कारण अपने पशुओं को कहीं सुरक्षित अन्दर बाँध देना चाहिए।
  • घरों के दरबाजों एवं खिड़कियों को खोलकर नहीं बैठना चाहिए और यदि आप गाडी चला रहे हैं तो गाडी को साइड में लगाकर किसी सुरखित जगह पर बैठ जाना चाहिए।

आंधी-तूफ़ान से होने वाली हानियाँ

आंधी या तूफ़ान से होने वाली हानियाँ बहुत भयानक रूप ले सकती हैं क्योंकि कभी-कबार तो यह पूरा घर तक उड़ा ले जाते हैं। इसके अलावा अन्य हानियों को निम्न बिन्दुओं द्वारा समझ सकते हैं –

  • भयानक तूफ़ान एवं आंधी आने से किसानों की फसलें तबाह हो जाती हैं।
  • खुले में खड़े पुराने एवं मजबूत पेड़ों को तूफ़ान जड़ से उखाड़ देता है।
  • बिजली संचालन कभी-कभी पूरी तरह से तबाह हो जाता है।
  • खुले में रखे सामान, गाड़ियाँ और कभी-कभी तो घर भी भयानक तूफ़ान में उड़ जाते हैं।

आंधी और तूफ़ान में क्या अंतर होता है

आंधी यानिकि सामान्य हवा से तेज धूल-भरी हवाएं चलने को कहा जाता है जोकि अधिक रूप से जानमाल का खतरा पैदा नहीं करती हैं। वहीं तूफ़ान जोकि आमतौर पर चक्रवातों द्वारा पैदा होते हैं जोकि 200 किमी/घंटा तक की रफ़्तार से बहकर अधिक विध्वंशी हो जाते हैं; जिनके द्वारा दुनियाभर में जान-माल का नुकसान देखा जाता है।

FAQs – अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q. चक्रवात क्या होता है?

Ans. चक्रवात यानिकि समुद्र में बने गोल आकार के घूमते हुए कीप के आकार के बादल एवं वर्षा भरे भयानक तूफ़ान होते हैं जोकि समुन्द्र में कम वायुमंडलीय दाब वाले स्थान से पैदा होते हैं। यह चक्रवात बवंडर, सायक्लॉन, टाईफून और हरिकेन आदि होते हैं।

Q. चक्रवात से सर्वाधिक विनाश किस क्षेत्र में होता है?

Ans. चक्रवात द्वारा सबसे अधिक नुकसान चक्रवात के गुजरते हुए केंद्र में या उसके आस-पास वाले क्षेत्रों में सर्वाधिक विनाश देखने को मिलता है।

Q. भारत में चक्रवाती तूफ़ान कहाँ आता है?

Ans. भारत में चक्रवाती तूफ़ान पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु आदि राज्यों में मुख्य रूप से देखने को मिलते हैं।

Q. आंधी-तूफ़ान आने पर आसपास क्या-क्या बदलाव नजर आते हैं?

Ans. आंधी-तूफ़ान आने पर आसपास का मौसम में काले-काले बादल एवं अधिक रूप से धूल के कण नजर आते हैं।

Q. आंधी के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

Ans. आंधी आने के दौरान बाहर खुले में और पेड के नीचे नही छिपना चाहिए मतलब सुरक्षित घरों में जाकर छिप जाना चाहिए।  

निष्कर्ष – The Conclusion

इस जानकारी भरे लेख को यहाँ तक पढने के बाद आपने आंधी-तूफ़ान एवं चक्रवात के बारे में सरलतम रूप में जाना है। जिसमे हमने आंधी और तूफान क्यों आते हैं और इसके अलावा आंधी किसे कहते हैं? (Aandhi kise kahte hai), तूफ़ान किसे कहते हैं? (Toofan kise kahte hai), चक्रवात क्या है? (Chakravat kya hai), आंधी और तूफ़ान से बचने के उपाय क्या हैं? आंधी और तूफ़ान से होने वाली हानियाँ क्या हैं? चक्रवाती तूफ़ान, तूफ़ान आने के कारण, तूफ़ान से बचने के उपायों को भी बताया है।

इस लेख के द्वारा आंधी और तूफान क्यों आते हैं (Aandhi aur Toofan kyon aate hai) को पढने के बाद यदि आपका हमारे लिए कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। हम आपके द्वारा की गई प्रतिक्रिया का पूरा सम्मान करते हैं।

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