दुनिया मे कितने धर्म हैं | All religion in hindi

नमस्कार दोस्तों, इस लेख मे आप दुनिया मे कितने धर्म हैं | All religion in hindi के बारे मे सरल और सटीक रूप से जानने वाले हैं। इसके अलावा आप यह भी जानेंगे कि दुनिया में मौजूद कुल आबादी (लगभग 790 करोड़, 2021 के अनुसार) किन-किन धर्मों को मानती है?

जैसे कि दुनियाभर मे अनैकों धर्म या समुदाय के लोग रहते हैं। कहीं हिन्दू धर्म के लोग रहते हैं तो कहीं इस्लाम (मुस्लिम) धर्म या अन्य धर्मों (समुदायों) की बहुलकता है। यदि इस विषय को आप अच्छे से समझना चाहते हैं तो इस पोस्ट के अंत तक बने रहिए क्योंकि आप यहाँ दुनिया मे कुल कितने धर्म हैं | All religion in hindi के अलावा धर्म क्या है?दुनिया के प्रमुख धर्म (समुदाय) कौन-कौन से हैं?किस धर्म के लोगों की कितनी सँख्या है? और दुनिया मे किस धर्म के सबसे अधिक लोग रहते हैं? के बारे में भी पढेंगे।

अनुक्रम

धर्म क्या होता है – What is religion in hindi

यदि हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन और बौद्ध आदि धर्मों की बात करें तो यह सभी धर्म न होकर संप्रदाय या समुदाय मात्र हैं। क्योंकि संप्रदाय या समुदाय एक मत को मानने (विश्वास) वालों का समूह होता है; इसी कारण इन्हें धर्म कहना सही नहीं होगा। यदि धर्म के बारे में जाने कि धर्म क्या है? तो धर्म को मुख्यतः दो प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है।  

धर्म की पहली परिभाषा

धर्म शब्द का मतलब ‘धारण करने योग्य’ होता है। इसके अलावा धर्म ‘धार्मिक-मान्यताओं’ (कर्म-कांड, बली, अधिक पूजा-पाठ, आरती, प्रार्थना, नमाज, यज्ञ-हवन आदि) में अटूट विश्वास न होकर इन्सान के द्वारा किये गए कर्तव्यों को निभाना होता है। मतलब मनुष्य का असल धर्म उदार होना, सदाचारी और सदव्यवहारी होना, कर्म, दया, सत्य, क्षमा, विधा, दान, त्याग आदि धारण करने योग्य है।

यदि हम इस धर्म को धारण न करें और असत्य, क्रोध, अविधा, क्रूरता आदि का धारण करलें तो ऐसा करने से हम स्वयं के अलावा पूरी समाज का बुरा करेंगे। ऐसा करने के बाद कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति की मदद नहीं करेगा, हमेशा झूट बोलेगा और पढाई-लिखाई नहीं करेगा। जिसके बाद समाज में अज्ञानता बढ़ेगी और लोग हिंसक हो जायेंगे जोकि समाज के लिए एक भयाभय स्थिति होगी।

धर्म की दूसरी परिभाषा

किसी भी धर्म के अनुयाईयों (लोगों) के लिए ‘धार्मिक मान्यताओं’ को आगे ले जाना और धर्म के प्रति अटूट-विश्वास करना है। फिर चाहें धर्म के सामने साफ़-साफ़ दिखती सच्चाई ही क्यों न हो।

प्राचीन काल से ही इंसानों ने ‘धार्मिक-क्रियाओं’ को आगे ले जाने के लिए विभिन्न प्रकार के धर्मों या समुदायों को अपनाकर अधिकता से उसका प्रचार-प्रसार किया है। इसी कारण आज धर्मों का प्रसार इतनी अधिकता मे हो चुका है। बता दें कि ईसाई धर्म ने शुरुआत से ही अपने धर्म का बहुत तेजी से प्रचार-प्रसार किया था।

जैसे कि इंसानी सभ्यता के विकसित होने के बाद से ही विभिन्न मान्यताओं का जन्म होता चला गया और बाद में इन मान्यताओं ने धर्म या समुदाय की रूपरेखा ले ली। मतलब मानव-जाति अपने भले के लिए अनैकों प्रकार की आस्थाओं में विश्वास करती चली गई। और इन मान्यताओं और अजीब-अजीब रीति-रिवाजों को धर्म (religion) का प्रारूप देकर भगवान के चमत्कार के रूप में मानने लगी और साथ में अनैकों क्रियाएं (कर्म-कांड) करने लगी; ताकि भगवान खुश होकर उन पर चमत्कार कर क्रिपा (आशीर्वाद) कर सके जोकि इंसान के हाथ मे कभी नहीं था।  

यदि इंसानों के कर्म-कांडों की बात करें तो वह जानवरों की बली देने लगे ताकि ‘फसल के देवता’ अच्छी फसल का आशीर्वाद दें। कड़ी-दोपहर में मोमबत्ती जलाने लगे ताकि ‘वायु-देवता’ इस साल तूफ़ान न लाये और खेतों में जल देवता के मंदिर बनाने लगे; जिससे कि पानी का अकाल न पड़े आदि मान्यताओं की रूप-रेखा गड़ने लगे।

बता दें कि इस प्रकार के धर्म में अंधविश्वास के चलते तर्क का अभाव अधिकता में होता है और यह भावना और विश्वास पर आधारित होता है। मतलब धार्मिक अनुयायी (लोग) पूर्णतः विश्वास करते हैं कि संसार में कोई ऐसी अलौकिक शक्ति है जो मानव-जाति से उच्च और श्रेष्ठ है। इसी कारण धार्मिक लोग धर्म से सम्बंधित सभी वस्तुओं जैसे कि पुस्तकों, प्रतीकों और पत्थरों की पूजा करते हैं।

जान लें कि ज्यादातर धर्मों (समुदायों) का प्रचार-प्रसार करने मे हमेशा से कहीं न कहीं उनके धार्मिक अनुयाईयों का स्वार्थ जुड़ा रहा है। वहीं कुछ ऐसे धर्म भी हैं जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के केवल सत्य को आगे बढाया है जैसे कि बौद्ध धर्म

लेकिन आज के आधुनिक और वैज्ञानिक दौर मे बहुत से लोग बेकार की मान्यताओं, अंध-विश्वासों और धर्मों (समुदायों) में विश्वास न करके सच के पहलु को समझते हैं और नास्तिक (Atheist)रहना पसंद करते हैं।

दुनिया में कितने धर्म हैं – All religions in the world in hindi  

यदि बात करें कि दुनिया मे कुल कितने धर्म हैं | All religion in hindi तो मानव-जाति प्राचीन-काल से ही अनैकों भागों में बंटी रही है। मतलब लोग पहले धर्म के आधार पर बंटते थे तो आज धर्म (समुदाय) के साथ-साथ बॉर्डरों जैसी दीवारों के रूप में भी बंटे हुए हैं। बता दें कि प्राचीन काल मे दुनिया में बहुत सारे धर्म हुआ करते थे लेकिन ईसाई और इस्लाम धर्म के बढ़ते वर्चस्व के कारण हजारों धर्म गायब हो गए। लेकिन अभी की बात करें तो कई आंकड़ों के अनुसार आज भी दुनियाभर में लगभग 4000 धर्म (समुदाय) मौजूद हैं। लेकिन व्यापक रूप से कुछ ही धर्म दुनियाभर में प्रचलित हैं।

यदि कुछ धर्मों या समुदायों की बात करें तो यह इस प्रकार हैं –

  • ईसाई धर्म
  • इस्लाम धर्म
  • नास्तिक या धर्म निरपेक्ष
  • हिन्दू धर्म
  • चीनी पारंपारिक धर्म या चीनी लोक धर्म
  • बौद्ध धर्म
  • अफ्रीकी पारंपारिक धर्म या जातीय धार्मिक समूह
  • यहूदी धर्म
  • सिख धर्म
  • जैन धर्म
  • पारसी धर्म
  • शिंटो धर्म
  • वुडू धर्म
  • यजीदी धर्म
  • पेगन धर्म
  • बहाई धर्म
  • डूंज धर्म
  • मंदेंस धर्म
  • एलामितेस धर्म
  • विक्का धर्म
  • चेनोडो मत
  • टेनरिक्यो
  • काओ दाई आदि धर्म हैं।

दुनिया के प्रमुख धर्म कौन-कौन से हैं – Major religions in the world in hindi

यदि बात करें कि दुनिया में कितने प्रमुख धर्म हैं (duniya main kaun kaun se dharm hai) तो यह बता पाना बहुत आसान है क्योंकि दुनिया की लगभग 80 प्रतिशत आबादी केवल कुछ ही धर्मों पर ही केन्द्रित है। जोकि इस प्रकार हैं –  ईसाई धर्म, इस्लाम धर्म, हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म, चीनी पारंपारिक धर्म, अफ्रीकी पारंपारिक धर्म, यहूदी धर्म, सिख धर्म और जैन आदि धर्म हैं। हम सभी कहीं न कहीं केवल इन्हीं धर्मों के बारे में सुनते या चर्चा करते हैं।

इसे भी पढें: दुनिया में कुल कितने देश मौजूद हैं?

दुनिया में किस धर्म के कितने लोग हैं? – All religions population in hindi

कई आंकड़ों के अनुसार दुनिया में मौजूद ज्यादातर लोग किसी न किसी धर्म या समुदाय से जुड़े हुए हैं। वहीं दुनिया में नास्तिक लोगों की भी काफी अधिकता है। नास्तिक लोग वह लोग होते हैं जोकि किसी धर्म में विश्वास नहीं करते हैं।

ईसाई धर्म (Christianity)

यदि ईसाई धर्म की बात करें तो वर्तमान समय मे दुनियाभर में इसाई धर्म को मानने वालों की संख्या सबसे अधिक है। विश्व के अधिकतर देशों मे ईसाई धर्म के अनुयायी (लोग) रहते हैं। जिनकी कुल सँख्या लगभग 2.38 अरब है जोकि विश्व की कुल जनसँख्या का 31.11% है। 

ईसाई धर्म लगभग 2000 साल पहले शुरू हुआ था जोकि ‘ईसा मसीह’ के जीवन और उनकी शिक्षा में विश्वास रखता है। बता दें कि यह धर्म ‘यहूदी धर्म’ से विकसित हुआ था और बाद में यह धर्म इतना लोकप्रिय हुआ कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन गया। ईसाई धर्म कहता है कि ईश्वर एक है जोकि क्षमाशील है और कर्मों के अनुसार दंड एवं पुरुस्कार देता है।

इस्लाम धर्म (Muslim religion)

यदि इस्लाम धर्म की बात करें तो यह धर्म दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। इस्लाम के दुनियाभर में कुल अनुयाइयों (लोगों) की सँख्या लगभग1.9 अरब है जोकि विश्व की कुल जनसँख्या का 24.9% है। ‘प्यू रिसर्च आर्गेनाइजेशन’ के अध्ययन के अनुसार इस्लाम धर्म किसी भी अन्य धर्म की तुलना में सबसे तेजी से बढ रहा है। और वर्ष 2050 तक इस्लाम धर्म के अनुयायी विश्व में सबसे ज्यादा होंगे।

इस्लाम धर्म 7वीं शताब्दी में मक्का से शुरू हुआ था और इस धर्म के जनक पैगम्बर मुहम्मद थे। इसके अलावा इस धर्म के लोग मानते हैं कि ‘पैगम्बर मुहम्मद साहब’ अल्ला के आखिरी नबी थे। इसके अलावा मुस्लिम मानते हैं कि अल्लाह या खुदा एक है और सभी इंसान इसके बंदे हैं।

धर्म निरपेक्ष या नास्तिक (Atheistic or Nonreligious)

दुनियाभर में लोग किसी न किसी धर्म से जुड़े हुए हैं तो वहीं दुनिया की जनसँख्या में मौजूद नास्तिक लोगों की भी कमी नहीं है जोकि लगभग हर देश में पाए जाते हैं। नास्तिक लोगों की कुल जनसँख्या की बात करें तो इनकी संख्या लगभग 1.19 अरब है जोकि विश्व की कुल जनसँख्या का 15.58% हैं।

हिन्दू धर्म (Hindu religion)

यदि हिन्दू धर्म की बात करें तो यह धर्म दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। बता दें कि 80% हिन्दू धर्म के लोग केवल ‘भारत देश’ में रहते हैं। इसके अलावा हिन्दू दुनिया के अन्य देशों (नेपाल, सयुंक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड स्टेट्स, कनाडा, यूनाइटेड किंगडम आदि) में भी रहते थे। यदि हिन्दू धर्म की कुल आबादी की बात करें तो यह लगभग 1.16 अरब है जोकि विश्व की कुल जनसँख्या का 15.16% है।

यदि हिन्दू धर्म की शुरुआत की बात करें तो इसका कोई ठोस प्रमाण उजागर नहीं होता है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि हिन्दू धर्म की उत्पत्ति आज से लगभग 4000 वर्ष पहले हुई थी। इसी कारण इस धर्म को दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म भी माना जाता है।

प्राचीन धर्म होने के साथ-साथ हिन्दू धर्म को ‘सनातन धर्म’ या ‘अनंत धर्म’ भी कहा जाता है। इस धर्म के लोग सबसे प्राचीन ग्रन्थ चार वेदों (ऋगवेद, सामवेद, अथर्ववेद और यजुर्वेद) में विश्वास करते हैं और वेदों मे लिखे हुए तथ्यों का जीवन में पालन करते हैं। इसके अलावा हिन्दू धर्म विभिन्न देवी-देवताओं में असीम आस्था रखने वाला धर्म है।

बौद्ध धर्म (Buddhism)

यदि बौद्ध धर्म की बात करें तो दुनिया भर में बौद्ध धर्म के बहुत अधिक अनुयायी (लोग) पाए जाते हैं। इस धर्म की स्थापना ‘महात्मा गौतम बुद्ध’ के द्वारा उनके सच्चे उपदेशों के आधार पर हुई थी जोकि एशिया महाद्वीप में जन्मे थे। इसी कारण बौद्ध धर्म की ज्यादातर संख्या एशिया महाद्वीप में ही देखने को मिलती है। इस धर्म के कुल अनुयाईयों की संख्या लगभग 50.6 करोड़ है जोकि विश्व की कुल जनसँख्या का 5.06% है।

यदि बौद्ध धर्म की विशेषताओं की बात करें तो यह पंचशील का पालन करता है। जिसमे यह धर्म सत्य (झूट न बोलना), अहिंसा (हिंसा न करना), अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (व्यभिचार न करना) और अपरिग्रह (मादक द्रव्यों का भोग न करना) का पालन करता है।

अफ्रीकी पारंपारिक धर्म एवं जातीय धार्मिक समूह (African traditional religion and Ethnic religions)  

यदि अफ्रीकी पारम्पारिक धर्म (जातीय धार्मिक समूह) के बारे में जाने तो इस समूह में अलग-अलग जातीय या धार्मिक समुदाय को रखा गया है जोकि सीधे तौर पर अफ्रीका से सम्बन्ध रखते हैं। दुनियाभर में इस समुदाय की लगभग 40 करोड़ की आबादी है जोकि विश्व की कुल जनसँख्या का 4.2% है।

चीनी पारंपारिक धर्म या चीनी लोक धर्म (Chinese traditional religion)

यदि चीनी पारंपारिक धर्म की बात करें तो नाम से ही पता चलता है कि यह धर्म चीन देश में मौजूद है। इस धर्म के कुल अनुयाइयों की सँख्या लगभग 39.4 करोड़ है जोकि विश्व की कुल जनसँख्या का 4.1% है।

सिख धर्म (Sikhism)

सिख धर्म के अनुयायी मुख्य तौर पर भारत देश में रहते हैं। इसके अलावा सिखों की संख्या दुनियाभर (कनाडा, ब्रिटेन और यूनाइटेड स्टेस आदि) में देखने को मिलती है। यदि सिख धर्म की कुल आबादी की बात करें तो यह लगभग 2.6 करोड़ है जोकि विश्व की कुल जनसँख्या का 0.30% है।

यदि सिख धर्म की विशेषताओं की बात करें तो यह दान करने में विश्वास, जाति प्रथा का विरोध, आत्मा की अमरता में विश्वास एवं मूर्ति पूजा का विरोध करता है।

यहूदी धर्म (Judaism)

यहूदी धर्म की बात करें तो यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली धर्म के रूप में माना जा सकता हैं क्योंकि इसकी अधिकतर आबादी इजराइल देश में है जोकि छोटा देश होने के साथ-साथ एक शक्तिशाली देश है। यहूदी धर्म की कुल आबादी लगभग 1.47 करोड़ है जोकि दुनिया की कुल जनसँख्या का 0.18% है।

जैन धर्म (Jainism)  

जैन धर्म का उदय या विकास भारत में हुआ था। इसी कारण इस धर्म की अधिकतम आबादी भारत देश में ही मौजूद है। दुनिया भर में जैन धर्म को मानने वालों की जनसँख्या लगभग 42 लाख है जोकि संसार की कुल जनसँख्या का 0.05% है। जैन धर्म अहिंसा में विश्वास, धर्म में आत्मा का अस्तित्व एवं कर्म के महत्व को स्वीकारता है।

FAQ: बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न

दुनिया में सबसे ज्यादा किस धर्म के लोग हैं?

दुनिया में सबसे ज्यादा ईसाई धर्म (Christianity) के लोग हैं जोकि दुनिया के सबसे अधिक देशों मे रहते हैं।

विश्व में सबसे बड़ा धर्म कौन सा है?

यदि बात करें कि दुनिया का सबसे बड़ा धर्म कौन सा है? तो जनसँख्या की अधिकता के आधार पर ईसाई धर्म ही दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है।

भारत में कुल कितने धर्म हैं?

यदि जाने कि भारत में कितने प्रकार के धर्म हैं? तो भारत एक ऐसा देश है जहाँ लगभग 80% हिन्दुओं एवं लगभग 14% मुस्लिमों के अलावा ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन, बहाई, पारसी आदि धर्म पाए जाते हैं।

दुनिया में कितने हिन्दू हैं?

दुनिया में कुल हिन्दुओं की संख्या लगभग 1.16 अरब है जोकि ज्यादातर हिन्दू भारत देश में रहते हैं।

दुनिया में सबसे ज्यादा फैलने वाला धर्म कौन सा है?

वर्तमान समय में दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से फैलने वाला धर्म ‘इस्लाम धर्म’ है।

दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौन सा है?

खोजे गए प्रमाणों के अनुसार दुनिया का सबसे पुराना या प्राचीन धर्म ‘हिन्दू धर्म’ है।

निष्कर्ष: Conclusion

तो बस इस लेख में इतना ही जिसमे हमने दुनिया मे कितने धर्म हैं | All religion in hindi, संसार के मुख्य धर्म कितने हैं?, धर्म की परिभाषा क्या है?, Kis dharm ke kitne log hainके अलावा धर्म के प्रकार (Types of religions in hindi) की भी चर्चा की है। यदि आपका इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई भी सवाल या सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट करके अवश्य बताएँ।

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